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1857 के स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा राणा बेनी माधव सिंह को रायबरेली वासियों ने अर्पित की श्रद्धांजलि

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में प्रथम स्वाधीनता संग्राम 1857 के महानायक राणा बेनी माधव सिंह की जयंती की पूर्व संध्या पर लोगों ने उनकी प्रतिमा पर दीप जलाया. बैसवारा की माटी के वीर सपूत राणा बेनी माधव सिंह की प्रतिमा पर दीप अर्पण के साथ ही लोगों ने राणा के व्यक्तित्व से देश-भक्ति की सच्ची प्रेरणा लेने की बात कही.

1857 के महानायक राणा बेनी माधव सिंह को अर्पित की गई श्रद्धांजलि.
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Published : Aug 24, 2019, 10:38 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेलीः शुक्रवार को जहां एक ओर शहर में जन्माष्टमी की धूम थी और लोग कृष्ण भक्ति में डूबे थे, वहीं शाम तक देशभक्ति के प्रबल उदाहरण राणा बेनी माधव सिंह को नमन करने के लिए भी लोगों का तांता लग गया. नेहरु नगर स्थित राणा की अश्वरोही प्रतिमा के सामने राणा बेनी माधव बक्श सिंह स्मारक समिति के तत्वाधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.

1857 के महानायक राणा बेनी माधव सिंह को अर्पित की गई श्रद्धांजलि.

प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी नेहा शर्मा और जिले के तमाम गण मान्य नागरिकों ने नेहरू नगर क्रासिंग के समीप स्थापित राणा की प्रतिमा पर दीप जलाया. राणा की इस वर्ष 215वीं जयंती मनाई जा रही है और इस जयंती कार्यक्रम में शिरकत करने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ आगामी 27 अगस्त को रायबरेली का रुख करेंगे.

पढ़ेंः- रायबरेली: सीएम योगी के प्रस्तावित दौरे को लेकर सतर्क हुआ प्रशासन, तेज हुई तैयारियां

कौन थे रायबरेली के वीर सपूत राणा बेनी माधव-
बैसवारा की शंकरगढ़ रियासत के शासक राजा राणा बेनी माधव सिंह न केवल रायबरेली बल्कि पूरे अवध क्षेत्र के लोक नायक थे, जिन्होंने अपने साहस एवं पराक्रम के बलबूते इस संपूर्ण भूभाग को जून 1857 से नवंबर 1858 तक ब्रिटिश हुकूमत से स्वतंत्र रखा था. इसीलिए राणा के लिए कहा गया है कि, 'अवध मा राणा भयो मर्दाना', जय स्वदेश जय राघव, भारत माता की जय, वंदे मातरम!

रायबरेलीः शुक्रवार को जहां एक ओर शहर में जन्माष्टमी की धूम थी और लोग कृष्ण भक्ति में डूबे थे, वहीं शाम तक देशभक्ति के प्रबल उदाहरण राणा बेनी माधव सिंह को नमन करने के लिए भी लोगों का तांता लग गया. नेहरु नगर स्थित राणा की अश्वरोही प्रतिमा के सामने राणा बेनी माधव बक्श सिंह स्मारक समिति के तत्वाधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया.

1857 के महानायक राणा बेनी माधव सिंह को अर्पित की गई श्रद्धांजलि.

प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी नेहा शर्मा और जिले के तमाम गण मान्य नागरिकों ने नेहरू नगर क्रासिंग के समीप स्थापित राणा की प्रतिमा पर दीप जलाया. राणा की इस वर्ष 215वीं जयंती मनाई जा रही है और इस जयंती कार्यक्रम में शिरकत करने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ आगामी 27 अगस्त को रायबरेली का रुख करेंगे.

पढ़ेंः- रायबरेली: सीएम योगी के प्रस्तावित दौरे को लेकर सतर्क हुआ प्रशासन, तेज हुई तैयारियां

कौन थे रायबरेली के वीर सपूत राणा बेनी माधव-
बैसवारा की शंकरगढ़ रियासत के शासक राजा राणा बेनी माधव सिंह न केवल रायबरेली बल्कि पूरे अवध क्षेत्र के लोक नायक थे, जिन्होंने अपने साहस एवं पराक्रम के बलबूते इस संपूर्ण भूभाग को जून 1857 से नवंबर 1858 तक ब्रिटिश हुकूमत से स्वतंत्र रखा था. इसीलिए राणा के लिए कहा गया है कि, 'अवध मा राणा भयो मर्दाना', जय स्वदेश जय राघव, भारत माता की जय, वंदे मातरम!

Intro:रायबरेली:जयंती पूर्व दीपों के साथ राणा की प्रतिमा पर पहुंचे लोग,जिलाधिकारी समेत तमाम लोगों ने अर्पित की श्रद्धांजलि

23 अगस्त 2019 - रायबरेली


देश के प्रथम स्वाधीनता संग्राम 1857 ग़दर के महानायक व बैसवारा की माटी के वीर सपूत राणा बेनी माधव के जयंती की पूर्व संध्या पर आज शाम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनपद के तमाम गण मान्य नागरिकों ने नेहरू नगर क्रासिंग के समीप स्थापित राणा की प्रतिमा पर दीप जलाएं।दीप अर्पण के साथ ही लोगो राणा के व्यक्तित्व से देश भक्ति की सच्ची प्रेरणा लेने की बात कही।






Body:शुक्रवार को जहां एक ओर शहर में जन्माष्ठमी की धूम थी और लोग कृष्ण भक्ति में डूबे थे वही शाम तक देशभक्ति के प्रबल उदाहरण राणा को नमन करने भी लोगों का तांता लग गया।नेहरु नगर स्थित राणा की अश्वरोही प्रतिमा के सामने राणा बेनी माधव बक्श सिंह स्मारक समिति के तत्वाधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसमे शिरकत करने खुद जिलाधिकारी नेहा शर्मा पहुंची।

राणा की इस वर्ष 215 वी जयंती मनाई जाएगी और इस जयंती कार्यक्रम में शिरकत करने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ आगामी 27 अगस्त को रायबरेली का रुख करेंगें।

कौन थे रायबरेली के वीर सपूत राणा बेनी माधव -

बैसवारा की शकरगढ़ रियासत के शासक राजा राणा बेनी माधव सिंह न केवल रायबरेली बल्कि पूरे अवध क्षेत्र के लोक नायक थे। जिन्होंने अपने साहस एवं पराक्रम के बलबूते इस संपूर्ण भूभाग को जून 1857 से नवंबर 1858 तक ब्रिटिश हुकूमत से स्वतंत्र रखा।कुछ यही कारण रहा कि राणा के लिए यही कहा गया कि -

"अवध मा राणा भयो मर्दाना",

जय स्वदेश जय राघव,

भारत माता की जय,

वंदे मातरम








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प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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