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प्रयागराज: गंगा और यमुना के रौद्र रूप को शांत करने के लिए, विशेष अनुष्ठान

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के रौद्र रूप को शान्त करने के लिए तीर्थ पुरोहितों ने विशेष अनुष्ठान किया. तीर्थ पुरोहितों ने कहा, हम सभी मां गंगा के इस रूप से कष्ट में हैं इसलिए अनुष्ठान कर रहे हैं.

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Published : Sep 22, 2019, 4:27 PM IST

गंगा और यमुना के रौद्र रूप को शांत करने के लिए पूजा.

प्रयागराजः गंगा और यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का प्रकोप जारी है. हजारों घरों में पानी घुस गया है गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. रविवार को संगम के तीर्थ पुरोहितों ने एक विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया, जिसमें गंगा-यमुना से रौद्र रूप शांत करने के लिए प्रार्थना की.

गंगा और यमुना के रौद्र रूप को शांत करने के लिए पूजा.

प्रयागराज में भारी बाढ़
प्रयागराज में जिधर देखो पानी ही पानी. किसी का पूरा घर डूब गया है, तो किसी का डूबने के कगार पर है. गंगा, यमुना और सरस्वती का यह रौद्र रूप लोगों को अपना ठिकाना छोड़ने को मजबूर कर दिया है. हजारों लोग घर से बेघर हो गए हैं और कई लोगों को काफी नुकसान भी हुआ है, लेकिन गंगा यमुना सरस्वती शांत होने का नाम नहीं ले रही हैं. ऐसे में संगम के तीर्थ पुरोहित चिंता में है.

बाढ़ से डूब गए घर
इसी को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने संगम किनारे मंदिर में एक विशेष अनुष्ठान किया जिसमें मंत्र उच्चारण के उपरांत मां गंगा, यमुना और सरस्वती को मनाने की कोशिश की. कहा कि मां गंगा, यमुना और सरस्वती अपना रूद्र रूप शांत करें ताकि इस रूद्र रूप के कारण होने वाली जनहानि कम हो सके. लोगों को अपना आशियाना फिर से मिल सके साथ ही जो बेरोजगार हो गए हैं, उनको भी अपना रोजगार दोबारा मिल सके. ये भी प्रार्थना किए की बाढ़ के बाद फैलने वाली महामारी ना फैले.


पुरोहितों के इस अनुष्ठान की आवाज गंगा, यमुना और सरस्वती तक कब पहुंचेगी यह तो नहीं पता लेकिन वर्तमान समय में जो बाढ़ की स्थिति है उससे छुटकारा सभी लोग पाना चाहते हैं.

प्रयागराजः गंगा और यमुना के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का प्रकोप जारी है. हजारों घरों में पानी घुस गया है गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. रविवार को संगम के तीर्थ पुरोहितों ने एक विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया, जिसमें गंगा-यमुना से रौद्र रूप शांत करने के लिए प्रार्थना की.

गंगा और यमुना के रौद्र रूप को शांत करने के लिए पूजा.

प्रयागराज में भारी बाढ़
प्रयागराज में जिधर देखो पानी ही पानी. किसी का पूरा घर डूब गया है, तो किसी का डूबने के कगार पर है. गंगा, यमुना और सरस्वती का यह रौद्र रूप लोगों को अपना ठिकाना छोड़ने को मजबूर कर दिया है. हजारों लोग घर से बेघर हो गए हैं और कई लोगों को काफी नुकसान भी हुआ है, लेकिन गंगा यमुना सरस्वती शांत होने का नाम नहीं ले रही हैं. ऐसे में संगम के तीर्थ पुरोहित चिंता में है.

बाढ़ से डूब गए घर
इसी को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने संगम किनारे मंदिर में एक विशेष अनुष्ठान किया जिसमें मंत्र उच्चारण के उपरांत मां गंगा, यमुना और सरस्वती को मनाने की कोशिश की. कहा कि मां गंगा, यमुना और सरस्वती अपना रूद्र रूप शांत करें ताकि इस रूद्र रूप के कारण होने वाली जनहानि कम हो सके. लोगों को अपना आशियाना फिर से मिल सके साथ ही जो बेरोजगार हो गए हैं, उनको भी अपना रोजगार दोबारा मिल सके. ये भी प्रार्थना किए की बाढ़ के बाद फैलने वाली महामारी ना फैले.


पुरोहितों के इस अनुष्ठान की आवाज गंगा, यमुना और सरस्वती तक कब पहुंचेगी यह तो नहीं पता लेकिन वर्तमान समय में जो बाढ़ की स्थिति है उससे छुटकारा सभी लोग पाना चाहते हैं.

Intro:गंगा यमुना के रूद्र रूप को शांत करने के लिए किया गया विशेष अनुष्ठान
ritesh singh
7007861412

गंगा और यमुना के तटवर्ती मोहल्ले में बाढ़ का प्रकोप जारी है हजारों घरों में पानी घुस गया है गंगा और यमुना खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है हजारों घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और हजारों लोग घरों को छोड़कर पलायन कर रहे हैं इसी को लेकर आज संगम के तीर्थ पुरोहित एक विशेष अनुष्ठान का आयोजन किए जिसमें गंगा यमुना सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण कर मां गंगा यमुना सरस्वती से प्रार्थना की कि वह अपना रूद्र रूप को शांत करें और वापस चली जाए ताकि होने वाली जनहानि कम हो सके


Body:चारों तरफ जिधर देखो पानी ही पानी किसी का पूरा घर डूब गया है तो किसी का डूबने के कगार पर गंगा यमुना सरस्वती का यह रुद्र रूप लोग को अपना ठिकाना छोड़ने को मजबूर कर दिया है हजारों लोग घर से बेघर हो गए हैं इतना ही नहीं लोगों को काफी नुकसान भी हुआ है लेकिन गंगा यमुना सरस्वती शांत होने का नाम नहीं ले रही है ऐसे में संगम के तीर्थ पुरोहित चिंता में है इसी को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने संगम किनारे मंदिर में एक विशेष अनुष्ठान किया जिसमें मंत्र उच्चारण के उपरांत मां गंगा यमुना सरस्वती को मनाने की कोशिश की और कहा कि मां गंगा यमुना सरस्वती अपना रूद्र रूप शांत करें ताकि इस रूद्र रूप के कारण होने वाली जनहानि कम हो सके और लोगों को अपना आशियाना फिर से मिल सके साथ ही जो बेरोजगार हो गए हैं उनको भी अपना रोजगार दोबारा मिल सके और प्रार्थना की की बाढ़ के बाद फैलने वाली महामारी ना फैले

बाइट ----- सतेंद्र पांडेय
बाइट ---- अंकुश


Conclusion:पुरोहितों के इस अनुष्ठान से गंगा यमुना सरस्वती तक यह आवाज कब तक पहुंचती है लेकिन वर्तमान समय में जो बाढ़ की स्थिति है उससे छुटकारा आम लोगों को कब तक मिल पाता है यह सोचने की बात है
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