प्रयागराज: सोमवती अमावस्या के अवसर पर मेजा क्षेत्र के गांव में महिलाओं ने वट सावित्री का व्रत रखा. महिलाओं ने 108 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा कर कच्चा सूत बांधकर पूजा-अर्चना करते हुए अखंड सौभाग्य की कामना की.
- जानकारों की माने तो सावित्री के पति सत्यवान की मौत के बाद यमराज उनके प्राणों को हर कर ले जा रहे थे.
- उस समय सावित्री अपने पति के प्राण वापस पाने के लिए यमराज के पीछे पड़ गईं.
- इसके बाद यमराज को सावित्री के आगे झुकना पड़ा.
- यमराज ने सत्यवान के प्राण को वापस कर उसे जिंदा कर दिया.
- इसके बाद महिलाएं इस प्रथा को निभाते हुए यह व्रत रखती हैं.
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस बार शनि जयंती और सोमवती अमावस्या एक साथ पड़ने के कारण यह व्रत काफी खास रहा. इसके साथ ही एक दिन में तीन शुभ आयोजन होने के चलते इसका महत्व बढ़ गया.