प्रयागराज: कौशांबी स्थित पिपरी थाना क्षेत्र में डॉक्टर की लापरवाही से एक बच्ची की मौत हो गई थी. डॉक्टर की लापरवाही से बच्ची की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आने और मेडिसिटी को सील नहीं किए जाने पर महिलाओं ने गुरुवार को कैंडल मार्च निकाला.
इसे भी पढ़ें- प्रयागराज में बच्ची के लिए न्याय की मांग, अस्पताल गेट पर शुरू हुआ ग्रामीणों का प्रदर्शन
बच्ची को बिना टांका लगाए अस्पताल से किया था डिस्चार्ज
करैली निवासी मुकेश ने अपनी 3 साल की बेटी खुशी को कौशांबी के पिपरी थाना अंतर्गत रावतपुर यूनाइटेड मेडिसिटी में 20 दिन पहले भर्ती कराया था. परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के 13 दिन बाद बच्ची को बिना टांका लगाए अस्पताल से घर भेज दिया गया. 2 मार्च को मुकेश अपनी बच्ची को लेकर कई अस्पतालों में गया, लेकिन किसी भी डॉक्टर ने बच्ची को एडमिट नहीं किया. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बच्ची के इलाज के दौरान लगभग 6 हजार रुपये लिए गए थे. परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने थोड़े-थोड़े करके ढाई लाख रुपये अस्पताल में जमा करा लिए थे. उसकी रसीद भी नहीं दी गई थी.
गेट पर तोड़ा था बच्ची ने दम
परिजनों का आरोप है कि बच्ची को लेकर दोबारा यूनाइटेड मेडिसिटी ले गए तो उनको गेट के अंदर नहीं जाने दिया गया. इस बीच गेट पर ही बच्ची ने दम तोड़ दिया. परिजन गेट पर विनती करते रहे, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं था. लोगों की मांग है कि अस्पताल को सील किया जाए, जिससे इस घटना की पुनरावृत्ति न हो.
महिला संगठन ने निकाला कैंडल मार्च
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अनुज सिंह का कहना है कि तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया था. उसी क्रम में महिला संगठन ने सुभाष चौराहे से कैंडल मार्च निकाला. महिलाओं ने कहा कि मेडिसिटी को सील किया जाए और जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द दी जाए. बच्ची के परिवार को मुआवजा दिया जाए, नहीं तो महिला संगठन सड़कों पर उतरेंगी और मेडिसिटी को सील करने का काम करेगी.