प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में शामिल सभी शूटरों को बमबाजी करके बैकप देने वाला गुड्डू मुस्लिम कई सालों के बाद किसी अपराध में सीधे तौर पर शामिल हुआ है.वैसे तो गुड्डू मुस्लिम के खिलाफ 20 मुकदमें दर्ज हैं लेकिन 2007 के बाद उसके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं हुआ था.कुछ साल पहले गुड्डू को इलाज के लिए 8 लाख रुपये की जरूरत थी, उस वक्त अतीक अहमद ने गुड्डू को रुपये देने के साथ ही इलाज में भी उसकी मदद की थी.शायद यही वजह थी कि अतीक अहमद के उसी कर्ज का एहसान उतारने के लिए गुड्डू ने उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने में अतीक अहमद के बेटे असद का साथ दिया.आज गुड्डू के सिर पर ढाई लाख का इनाम घोषित है. उसे पुलिस के साथ ही यूपी एसटीएफ प्रदेश और प्रदेश के बाहर तलाश रही है.
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल गुड्डू मुस्लिम एक ऐसा नाम है जिसने अकेले पूरी घटना के दौरान इस अंदाज से बमबाजी की थी जिसको देखकर हर कोई हैरान रह गया था. गुड्डू ने अकेले 44 सेकेंड में 8 बम फोड़कर पूरे सुलेम सराय इलाके को हिला दिया था. गुड्डू की बमबाजी से फैली दहशत का ही नतीजा था कि सरेआम जीटी रोड पर दोनों साइड का ट्रैफिक रोककर शूटरों ने घटना को अंजाम दिया और आसानी से फरार भी हो गए.
17 साल पहले प्रयागराज में हुए विधायक राजू पाल हत्याकांड में भी गुड्डू मुस्लिम का नाम शामिल था.विधायक को मारने में जहां गुड्डू मुस्लिम अतीक अहमद के साथ नामजद हुआ था.वहीं, 17 साल बाद उसी अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के साथ भी गुड्डू मुस्लिम नामजद हुआ है. इस बार गुड्डू पर राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल होने का आरोप है.
उमेश पाल हत्याकांड के बाद गुड्डू मुस्लिम का नाम तेजी से चर्चा में आया है.इस नाम की चर्चा के पीछे की मुख्य वजह उमेश पाल हत्याकांड में तीन लोगों को मौत के घाट उतारने के लिए की गयी बमबाजी है.जिस बेखौफ अंदाज़ में थैले में से बम निकालकर गुड्डू ने बमबाजी की थी उसको देखकर पुलिस वाले भी हैरान हो गए हैं.राजू पाल शूटआउट के बाद गुड्डू मुस्लिम उमेश पाल शूटआउट में ही सीधे तौर पर शामिल हुआ था. बताया जा रहा है कि राजू पाल हत्याकांड के बाद से गुड्डू सीधे तौर पर कोई अपराध करने से बच रहा था.इसी बीच कुछ साल पहले उसे इलाज के लिए 8 लाख रुपयों की सख्त जरूरत थी लेकिन अतीक गैंग में सक्रिय भूमिका न निभाने की वजह से वो अतीक अहमद से मदद मांगने नहीं गया था. हालांकि अतीक अहमद को इस बात की जानकारी मिली तो उसने अपने साथी के इलाज के लिए 8 लाख रुपए की जगह 10 लाख रुपए देने के साथ ही इलाज की पूरी व्यवस्था भी करवा दी थी. अतीक अहमद के उस एहसान का बदला चुकाने के लिए गुड्डू मुस्लिम उमेश पाल हत्याकांड में शामिल हुआ है.
सूत्रों से यह भी पता चला है कि जब उमेश पाल हत्याकांड की साजिश की जानकारी गुड्डू मुस्लिम को मिली तो उसने भी खुद से इस साजिश में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था. इसके बाद शूटआउट की योजना तैयार कर अंजाम दी गई.
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल गुड्डू मुस्लिम ने जुर्म की दुनिया में 34 साल पहले एंट्री की थी.1988 में उसके खिलाफ कर्नलगंज थाने में पहला मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद 1989 से लेकर 1993 तक लगातार केस दर्ज होते गए. इसके बाद साल 1995, 2000, 2005 राजूपाल हत्याकांड और 2007 में एक केस दर्ज हुआ था. 2007 के बाद उसके खिलाफ प्रयागराज में 2023 में उमेश पाल हत्याकांड में शामिल होने के आरोप में केस दर्ज हुआ है. गुड्डू मुस्लिम के खिलाफ प्रयागराज के कर्नलगंज और धूमनगंज थाने में केस दर्ज हैं. इसके साथ ही जौनपुर और सुलतानपुर में भी उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं.
गुड्डू मुस्लिम नाम ऐसे पड़ा
गुड्डू मुस्लिम के नाम के पीछे भी एक कहानी बतायी जा रही है.कहा जाता है कि जब गुड्डू मुस्लिम ने जुर्म की दुनिया में कदम रखा तो सब उसका नाम गुड्डू ही जानते थे.धीरे-धीरे गुड्डू बम बनाने और बमबाजी करने के लिए मशहूर होने लगा. इसके बाद पुलिस उसे पकड़ने जाती तो सिर्फ गुड्डू नाम की वजह से उसका पता लगाने में पुलिस को दिक्कत हो रही थी. इसके बाद जब उसके खिलाफ कर्नलगंज थाने में पहला मुकदमा दर्ज हुआ तो थाने में तैनात एक दारोगा ने ही उसके नाम के आगे मुस्लिम जुड़वा दिया था. इसके बाद से बम बनाने के लिए मशहूर गुड्डू के साथ मुस्लिम नाम जुड़ गया और वह गुड्डू मुस्लिम बन गया. आज वही गुड्डू मुस्लिम पुलिस के साथ ही यूपी एसटीएफ के लिए चुनौती बन गया है.