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प्रयागराज: हरिद्वार और कानपुर का पानी बढ़ाएगा बाढ़ का संकट, दारागंज घाट पर बने घरों में घुसा पानी - प्रयागराज ताजा खबर

यूपी के प्रयागराज में हरिद्वार, कानपुर और नौरेरा बांध से गंगा में 3.56 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे तटीय इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. पानी के बढ़ोत्तरी से दारागंज घाट पर बने लगभग 25 घरों में पानी घुस गया है. पानी घरों तक पहुंचने से लोगों में अफरा तफरी मची है.

हरिद्वार और कानपुर का पानी बढ़ाएगा बाढ़ का संकट
हरिद्वार और कानपुर का पानी बढ़ाएगा बाढ़ का संकट
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Published : Sep 4, 2020, 4:51 AM IST

प्रयागराज: संगमनगरी की दोनों नदिया लगातार उफान पर हैं. प्रतिदिन जलस्तर में बढ़ोत्तरी के चलते अब बाढ़ का संकट छाने लगा है. बुधवार को देर रात हरिद्वार, कानपुर और नौरेरा बांध से गंगा में 3.56 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. गुरुवार को देर रात तक पानी पहुंचने से तटीय इलाकों में पानी पहुंच जाएगा. गुरुवार को पानी के बढ़ोत्तरी से दारागंज घाट पर बने लगभग 25 घरों में पानी घुस गया है. लगातार जलस्तर के बढ़ोत्तरी होने से संगमनगरी बाढ़ के साए में पहुंच गई है.

हरिद्वार और कानपुर का पानी बढ़ाएगा बाढ़ का संकट

नागवासुकि मंदिर तक पहुंचा पानी
गंगा-यमुना में लगातार दूसरे जिलों और दूसरे प्रदेशों से पानी छोड़े जाने की वजह से जलस्तर तेजी के साथ बढ़ना शुरू हो गया है. पानी बढ़ने से संगम क्षेत्र के कई रास्ते बाधित हो गए हैं. काली मार्ग, अक्षयवट मार्ग, दारागंज मार्ग और नागवासुकि मंदिर के सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है.

तटीय इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी
गुरुवार को गंगा यमुना के जलस्तर बढ़ने से कछारी इलाकों में पानी पहुंचने से गांवो में बाढ़ का संकट छाने लगा है. इसके साथ गंगा-यमुना किनारे बसे तटीय इलाकों में पानी घरों में घुस गया है. ऐसे में ग्रामीणों ने बाढ़ ग्रस्त जगहों से अपना ठिकाना बदलने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. वहीं दारागंज, छोटा बघाड़ा में पानी घरों तक पहुंचने से लोगों में अफरा तफरी मची है.

बचाव टीम है अलर्ट
गंगा यमुना में लगातार डेम से पानी छोड़े जाने को लेकर प्रयागराज जिले में एनडीआरफ की तैनात है. इसके साथ बाढ़ से प्रभावित इलाकों को सुरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन भी तैयारी में जुट गया है. सिंचाई बाढ़ खंड के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के आधार पर फाफामऊ का जलस्तर 81.34 मीटर इसके साथ छतनाग की तरफ 80.50 मीटर और नैनी की तरफ यमुना नदी का 81.14 मीटर तक जलस्तर पहुंच गया है. दूसरी ओर बांधों का पानी लगातार गंगा और यमुना नदी में छोड़ा जा रहा है.

समस्याओं के साए में प्रयागराज
दारागंज घाट के निवासी कमलेश निषाद ने बताया कि दारागंज में बाढ़ का पानी पहुंचने से समस्याओं से सामना करना पड़ रहा है. हर साल बाढ़ आता है, लेकिन सरकार द्वारा अब तक स्थाई मकान नहीं दिया गया है. बाढ़ आने से आर्थिक संकट के साथ ही भुखमरी से जूझना पड़ता है.

रोड पर सोने के लिए हुए मजबूर
स्थानीय निवासी संतोष कुमार ने बताया कि लगभग 25 घरों में पानी पहुंच गया है. जिसकी वजह से लोग सुबह से ही अपना-अपना सामान समेटने में जुटे हैं. जब पानी पूरी तरह भर जाता है, तो लोग रोड पर सोने को मजबूर होते हैं. सरकार द्वारा अब तक निवास के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

प्रयागराज: संगमनगरी की दोनों नदिया लगातार उफान पर हैं. प्रतिदिन जलस्तर में बढ़ोत्तरी के चलते अब बाढ़ का संकट छाने लगा है. बुधवार को देर रात हरिद्वार, कानपुर और नौरेरा बांध से गंगा में 3.56 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. गुरुवार को देर रात तक पानी पहुंचने से तटीय इलाकों में पानी पहुंच जाएगा. गुरुवार को पानी के बढ़ोत्तरी से दारागंज घाट पर बने लगभग 25 घरों में पानी घुस गया है. लगातार जलस्तर के बढ़ोत्तरी होने से संगमनगरी बाढ़ के साए में पहुंच गई है.

हरिद्वार और कानपुर का पानी बढ़ाएगा बाढ़ का संकट

नागवासुकि मंदिर तक पहुंचा पानी
गंगा-यमुना में लगातार दूसरे जिलों और दूसरे प्रदेशों से पानी छोड़े जाने की वजह से जलस्तर तेजी के साथ बढ़ना शुरू हो गया है. पानी बढ़ने से संगम क्षेत्र के कई रास्ते बाधित हो गए हैं. काली मार्ग, अक्षयवट मार्ग, दारागंज मार्ग और नागवासुकि मंदिर के सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है.

तटीय इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी
गुरुवार को गंगा यमुना के जलस्तर बढ़ने से कछारी इलाकों में पानी पहुंचने से गांवो में बाढ़ का संकट छाने लगा है. इसके साथ गंगा-यमुना किनारे बसे तटीय इलाकों में पानी घरों में घुस गया है. ऐसे में ग्रामीणों ने बाढ़ ग्रस्त जगहों से अपना ठिकाना बदलने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. वहीं दारागंज, छोटा बघाड़ा में पानी घरों तक पहुंचने से लोगों में अफरा तफरी मची है.

बचाव टीम है अलर्ट
गंगा यमुना में लगातार डेम से पानी छोड़े जाने को लेकर प्रयागराज जिले में एनडीआरफ की तैनात है. इसके साथ बाढ़ से प्रभावित इलाकों को सुरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन भी तैयारी में जुट गया है. सिंचाई बाढ़ खंड के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के आधार पर फाफामऊ का जलस्तर 81.34 मीटर इसके साथ छतनाग की तरफ 80.50 मीटर और नैनी की तरफ यमुना नदी का 81.14 मीटर तक जलस्तर पहुंच गया है. दूसरी ओर बांधों का पानी लगातार गंगा और यमुना नदी में छोड़ा जा रहा है.

समस्याओं के साए में प्रयागराज
दारागंज घाट के निवासी कमलेश निषाद ने बताया कि दारागंज में बाढ़ का पानी पहुंचने से समस्याओं से सामना करना पड़ रहा है. हर साल बाढ़ आता है, लेकिन सरकार द्वारा अब तक स्थाई मकान नहीं दिया गया है. बाढ़ आने से आर्थिक संकट के साथ ही भुखमरी से जूझना पड़ता है.

रोड पर सोने के लिए हुए मजबूर
स्थानीय निवासी संतोष कुमार ने बताया कि लगभग 25 घरों में पानी पहुंच गया है. जिसकी वजह से लोग सुबह से ही अपना-अपना सामान समेटने में जुटे हैं. जब पानी पूरी तरह भर जाता है, तो लोग रोड पर सोने को मजबूर होते हैं. सरकार द्वारा अब तक निवास के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

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