प्रयागराज: हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में लापरवाही बरतने से नाराज कोर्ट नेयूपी के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के खिलाफ जमानती वारंट (Warrant against UP Principal Secretary Home Sanjay Prasad) जारी किया है. कोर्ट ने डीजीपी को आदेश दिया है कि वह स्वयं एक सप्ताह के भीतर इस वारंट को प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को शामिल कराएं तथा अगली तय की गई तारीख पर उनकी उपस्थिति अदालत में सुनिश्चित करें. कोर्ट ने डीजीपी से इस संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा भी मांगा है. इसके अलावा कोर्ट ने अगली तारीख पर प्रमुख सचिव न्याय व विधि परामर्शी को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. सुरेश चंद रघुवंशी की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने दिया.
अवमानना याचिका 10 नवंबर 2021 के हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने के लिए दूसरी बार दाखिल की गई थी. इसमें कहा गया कि हाईकोर्ट ने याची को उसकी प्रशिक्षण अवधि जोड़ते हुए अतिरिक्त इंक्रीमेंट देने का निर्देश दिया था. मगर इस आदेश का आज तक पालन नहीं किया गया. याची ने इससे पहले भी अवमानना याचिका दाखिल की थी जिस पर कोर्ट ने यूपी के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद को एक अवसर देते हुए आदेश का अनुपालन करने के लिए कहा था. आदेश का पालन नहीं हुआ, तो दोबारा अवमानना याचिका दाखिल की गई.
इस बार कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था मगर प्रमुख सचिव न तो स्वयं आए और ना ही आदेश का पालन किया. उनकी ओर से कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया मगर उस हलफनामे में आदेश के अनुपालन के संबंध में कोई बात नहीं कही गई थी. प्रमुख सचिव की ओर से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने के लिए एक प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत किया मगर उस प्रार्थना पत्र में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने का कोई कारण नहीं बताया गया.
कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रमुख सचिव के लिए कोर्ट के आदेश का कोई सम्मान नहीं है उनका कृत्य जानबूझकर न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने वाला है. कोर्ट ने प्रमुख सचिव संजय प्रसाद के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए उनको 25 जनवरी को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है. ताकि अदालत के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने पर उनके विरुद्ध आरोप निर्मित किया जा सके.
कोर्ट ने अपने आदेश (Allahabad High Court Order) में यह भी कहा कि राज्य के अधिकारी जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं वह बेहद अफसोस नाक है. कोर्ट ने प्रमुख सचिव विधि एवं न्याय को भी अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति उपस्थित रहने का निर्देश देते हुए कहा है कि उनके आदेश की प्रति प्रदेश के कानून मंत्री को आवश्यक कार्यवाही हेतु उपलब्ध कराई जाए. (up news in hindi)