प्रयागराज : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश की जनता से यह दावा किया था कि हर गरीब को उनके सपने का आशियाना मिला है. चाहे वह पीएम आवास योजना के तहत हो या फिर सीएम आवास योजना के तहत. हर गांव के लोग अब पक्के मकानों में रहने लगे हैं. वहीं ईटीवी की रिपोर्ट में उनके ये दावे फेल साबित हो रहे हैं.
प्रयागराज शहर से महज 15 किलोमीटर दूर है फूलपुर लोकसभा क्षेत्र. यहां कमलानगर के धोबाही गांव के अंतर्गत आने वाले गरीब किसान और मजदूर वर्ग के लोग आज भी कुश के झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं. चाहे तूफान आए, या फिर मूसलधार बारिश क्यों न हो, वह इसी घर मे रहने के लिए मजबूर हैं. गांव के कई ग्रामीण ऐसे हैं जो गर्मी में तो खुले आसमान के नीचे सोते हैं और सर्दियों के दिनों त्रिपाल लगाकर जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कई बार दावा किया है कि प्रदेश में 22 लाख किसानों और गरीबों को अपने सपनों का आशियाना मिल गया है, लेकिन आज भी गरीब वर्ग के लोग सरपात और कुश की बनी झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर हैं.
ग्रामीण कन्हैया लाल बताते हैं कि कई सालों से हम मिट्टी का घर बनाकर रहते थे. बारिश की वजह से घर गिर गया और अब सरपात और कुश की झोपड़ी बनाकर उसी में गुजर-बसर कर रहा हूं. अब तक मुझे न तो मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ मिला न ही पीएम आवास योजना का. ग्राम प्रधान ने घर दिलाने के नाम पर 5 हजार रुपये भी ले लिए, लेकिन मकान नहीं बना. कई बार अधिकारी भी आये और केवल निरीक्षण करके चले गए. तीन साल से अधिकारी और ग्राम प्रधान के घर का चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अब तक घर नहीं मिला. हर बार पूछने पर कहते हैं कि एक महीने में आ जाएगा, दो महीने में आ जाएगा.