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सीएम के दावे यहां हैं फेल, आशियानों की राह ताक रहे ग्रामीण

यूपी के प्रयागराज जिले में सीएम योगी के दावे फेल साबित हो रहे हैं. जिले के गांवों में रहने वाले लोग आज भी पक्के आशियाने की राह देख रहे हैं. वहीं सीएम ने सरकार के दो साल समय पूरा होने के बाद सभी गरीबों को आवास उपलब्ध करा देने का दावा कर दिया है.

सालों से कुश की झोंपड़ी में गुजार रहे जिन्दगी
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Published : Mar 26, 2019, 3:18 PM IST

प्रयागराज : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश की जनता से यह दावा किया था कि हर गरीब को उनके सपने का आशियाना मिला है. चाहे वह पीएम आवास योजना के तहत हो या फिर सीएम आवास योजना के तहत. हर गांव के लोग अब पक्के मकानों में रहने लगे हैं. वहीं ईटीवी की रिपोर्ट में उनके ये दावे फेल साबित हो रहे हैं.

सालों से कुश की झोंपड़ी में गुजार रहे जिन्दगी

प्रयागराज शहर से महज 15 किलोमीटर दूर है फूलपुर लोकसभा क्षेत्र. यहां कमलानगर के धोबाही गांव के अंतर्गत आने वाले गरीब किसान और मजदूर वर्ग के लोग आज भी कुश के झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं. चाहे तूफान आए, या फिर मूसलधार बारिश क्यों न हो, वह इसी घर मे रहने के लिए मजबूर हैं. गांव के कई ग्रामीण ऐसे हैं जो गर्मी में तो खुले आसमान के नीचे सोते हैं और सर्दियों के दिनों त्रिपाल लगाकर जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कई बार दावा किया है कि प्रदेश में 22 लाख किसानों और गरीबों को अपने सपनों का आशियाना मिल गया है, लेकिन आज भी गरीब वर्ग के लोग सरपात और कुश की बनी झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर हैं.

ग्रामीण कन्हैया लाल बताते हैं कि कई सालों से हम मिट्टी का घर बनाकर रहते थे. बारिश की वजह से घर गिर गया और अब सरपात और कुश की झोपड़ी बनाकर उसी में गुजर-बसर कर रहा हूं. अब तक मुझे न तो मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ मिला न ही पीएम आवास योजना का. ग्राम प्रधान ने घर दिलाने के नाम पर 5 हजार रुपये भी ले लिए, लेकिन मकान नहीं बना. कई बार अधिकारी भी आये और केवल निरीक्षण करके चले गए. तीन साल से अधिकारी और ग्राम प्रधान के घर का चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अब तक घर नहीं मिला. हर बार पूछने पर कहते हैं कि एक महीने में आ जाएगा, दो महीने में आ जाएगा.

प्रयागराज : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश की जनता से यह दावा किया था कि हर गरीब को उनके सपने का आशियाना मिला है. चाहे वह पीएम आवास योजना के तहत हो या फिर सीएम आवास योजना के तहत. हर गांव के लोग अब पक्के मकानों में रहने लगे हैं. वहीं ईटीवी की रिपोर्ट में उनके ये दावे फेल साबित हो रहे हैं.

सालों से कुश की झोंपड़ी में गुजार रहे जिन्दगी

प्रयागराज शहर से महज 15 किलोमीटर दूर है फूलपुर लोकसभा क्षेत्र. यहां कमलानगर के धोबाही गांव के अंतर्गत आने वाले गरीब किसान और मजदूर वर्ग के लोग आज भी कुश के झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं. चाहे तूफान आए, या फिर मूसलधार बारिश क्यों न हो, वह इसी घर मे रहने के लिए मजबूर हैं. गांव के कई ग्रामीण ऐसे हैं जो गर्मी में तो खुले आसमान के नीचे सोते हैं और सर्दियों के दिनों त्रिपाल लगाकर जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कई बार दावा किया है कि प्रदेश में 22 लाख किसानों और गरीबों को अपने सपनों का आशियाना मिल गया है, लेकिन आज भी गरीब वर्ग के लोग सरपात और कुश की बनी झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर हैं.

ग्रामीण कन्हैया लाल बताते हैं कि कई सालों से हम मिट्टी का घर बनाकर रहते थे. बारिश की वजह से घर गिर गया और अब सरपात और कुश की झोपड़ी बनाकर उसी में गुजर-बसर कर रहा हूं. अब तक मुझे न तो मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ मिला न ही पीएम आवास योजना का. ग्राम प्रधान ने घर दिलाने के नाम पर 5 हजार रुपये भी ले लिए, लेकिन मकान नहीं बना. कई बार अधिकारी भी आये और केवल निरीक्षण करके चले गए. तीन साल से अधिकारी और ग्राम प्रधान के घर का चक्कर काट रहा हूं, लेकिन अब तक घर नहीं मिला. हर बार पूछने पर कहते हैं कि एक महीने में आ जाएगा, दो महीने में आ जाएगा.

Intro:प्रयागराज: पीएम और सीएम आवास योजना का नहीं मिला कोई लाभ, आशियानों की राह ताकते ग्रामीण

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ग्राउंड रिपोर्ट

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2 कार्यकाल पूरे होने पर प्रदेश की जनता से यह दावा किया था कि हर गरीब को उनके सपने का आशियाना मिला है, चाहे वह पीएम आवास योजना के तहत हो यह फिर सीएम आवास योजना के तहत हो. हर गांव के लोग अब पक्के मकानों में रहने लगे हैं. लेकिन आज ईटीवी भारत आप को एक ऐसी तस्वीर दिखाएंगे जिससे सरकारी दावे और जनता से किये गए वादे पूरी तरफ फेल साबित हो रहे हैं.


Body:प्रयागराज सिटी से महज 15 किलोमीटर दूर फूलपुर लोकसभा क्षेत्र कमलानगर के धोबाही गांव के अंतर्गत आने वाले गरीब किसानों और मजदूर वर्ग के लोग आज भी खुश के झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर हैं. चाहे तूफान आए, या फिर मूसलाधार बारिश क्यों न हो, वह इसी घर मे रहने के लिए मजबूर हैं. गांव के कई ग्रामीण ऐसे हैं जो गर्मी में तो खुलेअसां में सोते तो हैं लेकिन सर्दियों के दिनों यह त्रिपाल लगाकर जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. जन सभा संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कई बार दावा किया है कि प्रदेश में 22 लाख किसानों और गरीबों को अपने सपनों का आशियाना मिल गया है. लेकिन आज भी गरीब वर्ग के लोग सरपत और कुश के बने झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर हैं.


Conclusion:तीन साल में कई बार आये अधिकारी

ग्रामीण कन्हिया लाल बताते है कि कई सालों हम मिट्टी का घर बनाकर रहते थे. बारिश की वजह से घर गिर गया और अब सरपत और कुश की झोपड़ी बनाकर उसी में गुजर-बसर कर रहा हूँ. अब तक मुझे न ही मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ मिल न ही पीएम आवास योजना का लाभ मिला. ग्राम आया 5 हजार रुपये भी गांव वालों से लिया, लेकिन अब तक आवास नहीं दिया. कई बार अधिकारी भी आये बस निरीक्षण करके चले जाते हैं. तीन से अधिकारी और ग्राम प्रधान के घर का चक्कर काट रहा हूँ लेकिन अब तक घर नहीं मिला. उनसे जब पूछता हूँ तो बोलते हैं कि एक महीने में आ जाएगा, दो महीने में आ जाएगा.
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