प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय एवं न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने उदयभान करवरिया सहित चार अन्य की आपराधिक अपील पर दाखिल जमानत अर्जी पर बुधवार को सुनवाई पूरी होने पर दिया. पूर्व विधायक उदयभान जून के बाद से लगातार पैरोल पर हैं.
मामले में परिवादी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल कर पैरोल निरस्त करने की मांग की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैरोल लगातार बढ़ाया नहीं जा सकता. साथ ही हाईकोर्ट को नियमित जमानत पर सुनवाई करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में चार दिन तक लगातार सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया. उदयभान करवरिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी ने अपनी बहस में कहा कि जवाहर पंडित हत्याकांड से पूर्व विधायक का कोई लेना देना नहीं है. घटना के दौरान याची दिल्ली में था. घटना की एफआईआर भी कई दिन बाद काफी सलाह मशविरा करके दर्ज कराई गई. उसे राजनीतिक रंजिशवश इस मामले में झूठा फंसाया गया. जबकि परिवादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी व अधिवक्ता अभिषेक कुमार यादव ने तर्क दिया कि सिविल लाइंस इलाके में हुई घटना के तीन चश्मदीद गवाह हैं. हत्या की वारदात में एके-47 का इस्तेमाल किया गया और पूर्व विधायक का नाम एफआईआर में दर्ज है. वह पैरोल का लगातार फायदा उठा रहा है. खंडपीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत पर फैसला सुरक्षित कर लिया.
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