वाराणसी : उत्तर प्रदेश के शिक्षित व प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में कई प्रयास चल रहे हैं. नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के जरिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की शुरुआत की गई. इसका लक्ष्य प्रति वर्ष 1 लाख युवाओं को वित्त पोषित कर आगामी 10 वर्षों में 10 लाख सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना करना है. युवाओं को स्टार्टअप से जोड़ने के लिए वाराणसी में कार्यशाला का आयोजन होना है. इसमें लोन के नियमों के लेकर चर्चा की जानी है.
जिला उद्योग प्रोत्साहन व उद्यमिता विकास केंद्र की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार 26 दिसंबर को सुबह 11 से शाम 4 बजे तक 2 पालियों में आयुक्त ऑडिटोरियम में कार्यशाला होगी. शिक्षित व प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार संग मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान से जोड़ा जाएगा. उन्हें स्टार्टअप कैसे करें, लोन की क्या प्रक्रिया है, कैसे इसका आवेदन कर सकते हैं, ये सभी जानकारियां दी जाएंगी. उन्होंने कहा कि इच्छुक लोग योजना संबंधी विस्तृत जानकारी पोर्टल cmyuva.iid.org.in/home पर या कार्यालय उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र से प्राप्त कर सकते हैं.
ये लोग कर सकते हैं आवेदन : योजना के तहत ऐसे आवेदक पात्र होंगे जो उत्तर प्रदेश के निवासी हों. आयु 21 से 40 वर्ष के बीच हो, शैक्षिक योग्यता न्यूनतम कक्षा 8 पास हों. साथ ही सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग प्रशिक्षण योजना, उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन, आईटीआई आदि में प्रशिक्षित हों, पूर्व में पीएम स्वनिधि योजना के अतिरिक्त राज्य अथवा केंद्र सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य योजना में ब्याज अथवा पूंजी उत्पादन का लाभ प्राप्त न किया हो.
ये है लोन की प्रकिया : योजना के तहत पहले चरण में उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम 5 लाख रुपये के प्लान के ऋण पर अनुदान दिया जाएगा. प्लान का न्यूनतम 10 प्रतिशत टर्म लोन के रूप में होना अनिवार्य होगा. पूर्वांचल क्षेत्र के लाभार्थियों/आवेदकों को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा. लाभार्थियों को परियोजना लागत अथवा अधिकतम 5 लाख का 10 प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में दिया जाएगा. परियोजना लागत के सापेक्ष बैंक से लिए गए ऋण के शत प्रतिशत ब्याज का उपादान वित्त पोषण की तिथि से अगले 4 वर्षों के लिए दिया जाएगा.
सीजीटीएमएसई कवरेज के लिए आवश्यक धनराशि का वहन भी 4 वर्षों तक राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा.परियोजना स्थापित न करने अथवा 4 वर्षों की समयावधि में परियोजना बंद होने की स्थिति में मार्जिन मनी सब्सिडी की धनराशि वापस ले ली जाएगी. यह सब्सिडी इकाई के 4 वर्षों तक कार्यरत होने के बाद उसके खाते में समायोजित की जाएगी. प्रथम चरण में लिए गए ऋण को समय से जमा करने वाले लाभार्थी द्वितीय चरण में अधिकतम रुपये 7.50 लाख तक की परियोजना पर 50% ब्याज उपादान के पात्र होंगे, यह 3 वर्ष तक देय होगा.
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