प्रयागराज: निषाद पार्टी के संस्थापक संजय निषाद एमएलसी बनने के बाद पहली बार प्रयागराज पहुंचे. जहां कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. संजय निषाद अपनी तपोस्थली श्रृंगवेरपुर धाम पहुंचकर वहां दर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आने वाले 2022 विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी परचम लहराने जा रही है.
संजय निषाद ने कहा कि जब सदन यहां चलता था तो रामराज था प्रजा सुखी थी और सोने की चिड़िया कही जाती थी. आज दो वक्त की रोटी के लिए लोग तरस रहे हैं. उन्हें खाने के लिए रोटी और पहनने के लिए कपड़ा नहीं मिल रहा है. जिसे पूरा करने के लिए निषाद पार्टी ने बीजेपी से हाथ मिलाया है. जिससे एक बार फिर राम और निषाद के मिलन को दोहराया है.
2 हजार वर्ष पूर्व जब भगवान राम यहां आए थे और उन्हें कष्ट था और उन्हें वन गमन मिला था फिर अपने भाई के गले मिले और साथ दिया और तब देश मे शांति आई. यही निषादराज की सेना थी. निषादराज की सेना लेकर भगवान राम ने लंका पर विजय हासिल की. वही निषाद राज के लोग आज जिंदा है और कभी सपा, कभी बसपा और कभी कांग्रेस के लोगों ने सत्यानाश कर दिया. आज हम लोग यहां पर संकल्प लेने आए हैं कि अगर काशीराम के साथ 3 लोगों ने संकल्प लेकर सत्ता में परिवर्तन कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं कर सकते. आज भारतीय जनता पार्टी ने सड़क से सदन तक हमें पहुंचाया है. उनका बहुत-बहुत धन्यवाद है. कांग्रेस-बसपा-सपा ने हमेशा हम निषादों को ठगने का का काम किया है. हम सीट के लिए नहीं जीत के लिए लड़ रहे हैं और अब एनडीए लड़ रही है. चुनाव को लेकर निषाद पार्टी 15 नवंबर को एक बड़ी रैली लखनऊ में निकालने जा रही है. उसी में बीजेपी के साथ मिलकर तय होगा कि पार्टी को कितनी सीटें पर लड़ाना है.
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