प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की बहाली को लेकर आंदोलन करने वाले छात्रों की अब खैर नहीं है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस में शांति व्यवस्था और छात्रों के पठन-पाठन को लेकर रणनीति तैयार कर चुका है. इसके लिए वह छात्रों के द्वारा किए जा रहे आंदोलनों की एक विशेष रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को एक पत्र लिख चुका है. इसके अलावा विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के संबंध में दाखिल जनहित याचिका पर अपनी रिपोर्ट भी दाखिल कर रहा है.
छात्रों के आंदोलन को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन सख्त
बता दें कि पिछले 18 दिन से इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पूर्व पदाधिकारियों और छात्र नेताओं के द्वारा छात्रसंघ की बहाली को लेकर के बराबर आंदोलन किया जा रहा है और विश्वविद्यालय के पठन-पाठन के माहौल को भी बिगाड़ा जा रहा है. छात्रों के द्वारा किए जा रहे इस कृत्य को लेकर के इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब अपनी तैयारी पूरी कर ली है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन आंदोलन करने वाले किसी भी छात्र को बख्शने वाला नहीं है. आंदोलन करने वाले अधिकतर छात्र के ऊपर अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट
विश्वविद्यालय के द्वारा संचालित हो रहे हॉस्टलों में इनके द्वारा किए गए अवैध कब्जों के भी मामले सामने आए हैं. इस संबंध में विश्वविद्यालय ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है, जिससे वह जिला प्रशासन के सहयोग से इनके आंदोलन पर प्रतिबंध लगाएगा. बता दें कि विश्वविद्यालय में होने वाले छात्रसंघ चुनाव और लागू हो चुके छात्र परिषद को लेकर के इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें पठन-पाठन के माहौल का भी जिक्र किया गया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने आने वाली तारीख में छात्र संघ से जुड़े पदाधिकारी और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की एक रिपोर्ट पर हाई कोर्ट को सौंपी, जिससे जिला प्रशासन के सहयोग से इनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा सके.
विश्वविद्यालय परिसर में जो छात्र आंदोलनरत हैं, वह ज्यादातर आपराधिक मामलों में सम्मिलित हैं और विश्वविद्यालय पर हॉस्टलों पर कब्जों के लेकर उनके ऊपर कार्रवाई की गई है. अधिकतर छात्र उसमें से निष्कासित हैं. इन को किसी भी छात्र का समर्थन नहीं प्राप्त है. अब विश्वविद्यालय में छात्र परिषद का गठन किया जा चुका है, जो उच्चतम न्यायालय और लिंगदोह की सिफारिशों के अनुकूल हैं, ऐसे में इस तरह का आंदोलन अनैतिक है. इस संबंध में विश्वविद्यालय पूरी रिपोर्ट तैयार कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए कदम उठा रहा है.
प्रो. राम सेवक दुबे, प्रॉक्टर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय