प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में दिवाली में प्रदूषण से बचने और इको फ्रेंडली ग्रीन दिवाली मनाने के उद्देश्य से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दृश्य कला विभाग के छात्रों ने सैंड आर्ट के जरिए लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की कोशिश की. इस कड़ी में छात्रों ने संगम तट के वीआईपी घाट पर सैंड आर्ट बनाकर प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाने का संदेश दिया.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मास्टर ऑफ फाइन आर्ट के छात्र अजय कुमार गुप्ता, मनोज कुमार, अंजलि यादव, सृष्टि कुशवाहा, खुशी सोनकर, वर्षा शाक्य, दीक्षा केसरवानी, जय किशन, वर्षा मिश्र ने इको फ्रेंडली दिवाली सैंड आर्ट बनाकर लोगों को यह संदेश दिया है कि पटाखों से किस तरह से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है और क्यों हमें इससे बचने की जरूरत है. हालांकि, ग्रीन पटाखों में बेरियम का इस्तेमाल नहीं होता है, सो इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
ग्रीन पटाखे के फायदे
ग्रीन पटाखे राष्ट्रीय अभियांत्रिकी अनुसन्धान संस्थान की एक खोज है, जो देखने में और चलाने में पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं. इस संस्थान ने ग्रीन पटाखों पर शोध शुरू किया था और इसके गुण और दोषों को देखा. ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं.
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लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है. ग्रीन पटाखों में 40 से 50 फीसदी कम हानिकारक गैसें पैदा होती हैं. ग्रीन पटाखों में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ सामान्य पटाखों से अलग होते हैं. इनसे हानिकारक गैसें भी कम बनती है. इसलिए अबकी दिवाली केवल व केवल ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल किया जाए.
संगम तट पर घूमने आई महिला कल्पना मिश्रा ने बताया कि छात्रों ने सैंड आर्ट बनाकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की है. साथ ही उन्होंने भी लोगों से अपील की, कि सभी इको फ्रेंडली दिवाली मनाए.
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