प्रयागराजः 'ट्रेजेडी किंग' ((Tragedy King) के नाम से मशहूर दिलीप कुमार (Dilip Kumar), यूसुफ खान (Yusuf Khan) का बुधवार सुबह सात बजे निधन हो गया. उनके निधन से फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई. दिलीप कुमार को सांस लेने में तकलीफ होने के कारण 6 जून को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दिलीप कुमार साहब मुंबई में रहते थे, लेकिन इनका प्रयागराज से बड़ा ही मीठा नाता था.
मीठा नाता इसलिए कि, पूरे विश्व में मनायी जाने वाली ईद पर सबसे ज्यादा मीठी सेवई बनाई और खिलाई जाती है. इनके नाम से सेवई बिकती है, जो बहुत फेमस है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लिजेंडरी एक्टर दिलीप कुमार के नाम से बिकने वाली दिलीप कुमार सेवई (Dilip Kumar Sewai) पूरे देश में मशहूर है. दिल्ली, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में इस सेवई की सप्लाई की जाती है. ये सेवई 34 साल पहले ट्रेजेडी किंग को भेंट की गई थी. यही कारण है कि ईद के दौरान दिलीप सेवई की मांग काफी बढ़ जाती है.
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प्रयागराज के करेली थाना क्षेत्र के तुलसीपुर और एक नैनी इंडस्ट्रियल एरिया में दिलीप सेवई की फैक्ट्री है और इसके मालिक तौफीक अहमद हैं. बताया जाता है कि 44 साल पहले इस सेवई का नाम मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार के नाम पर रखा गया था. तौफीक अहमद के दादा मोहम्मद हनीफ दिलीप कुमार के बहुत बड़े प्रशंसक थे. उन्होंने ही 70 के दशक में दिलीप सेवई की फैक्ट्री लगाई थी. दिलीप कुमार के प्रशंसक होने के चलते उन्होंने अपनी सेवई का नाम दिलीप सेवई रख दिया. बाद में इस सेवई के कारोबार का विस्तार किया गया और आज पूरे देश में इसकी अलग पहचान बन गई है.
दिलीप सेवई 100 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो के पैकेट में बाजारों तक पहुंचाया जाता है. ईद के त्योहार के 3 महीने पहले से ही इसे बनाने की तैयारी शुरू हो जाती है. ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार ने अपने पांच दशक के लंबे करियर में 'मुगले आजम', 'देवदास', 'नया दौर', 'राम और श्याम' जैसी हिट फिल्में दीं. वे आखिरी बार 1998 में आई फिल्म 'किला' में नजर आए थे.