ETV Bharat / state

स्‍मार्ट सिटी के सड़कों पर पशुओं का कब्‍जा, राहगीर परेशान - प्रयागराज समाचार

प्रयागराज में सड़कों पर आवारा पशुओं के चलते आवागमन बाधित होता है. आवारा पशुओं के कारण छोटे बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पशुओं के आपस में लड़ने से राहगीर जख्मी हो जाते हैं.

cattle on roads in Prayagraj
लोगों का सड़क पर चलना हुआ मुश्किल
author img

By

Published : Feb 24, 2021, 9:13 AM IST

प्रयागराज: जिले में तमाम ऐसे मोहल्‍ले हैं, जहां की सड़कों पर बेसहारा पशुओं के चलते आवागमन बाधित होता है. पशुपालकों की मनमानी से मोहल्ले में गंदगी भी फैली रहती है. इसकी शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा कई बार नगर निगम प्रशासन से की गई लेकिन, पशुपालकों के खिलाफ खाना पूर्ति करके कार्रवाई नहीं की जाती. आवारा पशुओं के कारण छोटे बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है. स्थानीय लोगों ने महापौर और नगर आयुक्त से आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की है.

लोगों का सड़क पर चलना हुआ मुश्किल

स्थानीय लोगों का कहना है कि पशुओं के आपस में लड़ने से राहगीर जख्मी हो जाते हैं. ऐसे में जिला प्रशासन से मांग करते हैं की छुट्टा जानवर की शहर से कही दूर स्थाई जगह पर रखा जाए ना कि इनको खुले जिससे की आम पब्लिक को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय महिला अनुपमा गुप्ता ने बताया कि रास्ते में आवारा जानवर किसी को भी दौड़ा लेते हैं. ऐसे में हादसा होने का भी अंदेशा होता है. पशुपालकों द्वारा गायों और भैंस के को खुला छोड़ दिया जाता है. इससे लोगों का सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है.

बिजनेसमैन सन्दीप भूटानी का कहना है कि "मेरे पड़ोस में कोचिंग है, जिसमें बच्चे आते हैं और कई बार इनी जानवरों की वजह से बच्चे जख्मी हो जाते हैं. अक्सर छुट्टे जानवरों को नगर निगम की गाड़ियां पकड़ ले जाती है और शाम तक उन जानवरों को छोड़ दिया जाता है. पशुपालकों के खिलाफ नोटिस देना चाहिए ताकि वह अपने जानवरों को बांध कर रखे.

बीच सड़क पर मौजूद आवारा पशु
बीच सड़क पर मौजूद आवारा पशु
नगर निगम से गुहारसमाज सेविका महिला सारिका केसरवानी ने बताया शहर एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहा है ऐसे में खुले छुट्टे जानवरों से बीच रोड पर टहलने के कारण एक्सीडेंट केस बहुत हो रहे है, बीच रोड पर यह दौड़ाती है जिससे बच्चों को स्कूल आने जाने में परेशानी तो होती है,क़भी क़भी बच्चे इन जानवरों के चपेट में आने से जख्मी हो जाते है. उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है और इन जानवरों का शहर से बाहर ले जाकर छोड़ दिया जाए जिससे कि शहर वासियों को भारी समस्याओं का सामना ना करना पड़े.इन मोहल्लों में होती है ज्दाया दिकतआवारा पशु पुराने शहर में ज्यादा है. जैसे-पुराने शहर के मूठीगंज, बलवाघाट चौराहा, डॉ. पांडेय चौराहा, कल्याणी देवी मंदिर के आस-पास, फकीर चौराहा, मीरापुर, करैली, छोटे बच्चो के स्कूलों और धार्मिक स्थलों के पास.

स्थानीय लोगों ने पार्षद से की शिकायत

सरकारी कर्मचारी दिनेश मिश्रा समेत 10 स्थानीय लोगों ने आवारा पशुओं से परेशान होकर स्थानीय पार्षद नीरज टंडन से शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि "बलवाघाट क्षेत्रों में डॉक्टर पांडे चौराहा और फकीरे चौराहे पर सांडों का झुंड हमेशा मौजूद रहता है. कुछ दिन पहले बलवाघाट चौराहे पर दो सांड आपस में लड़ाई करते करते एक दुकान में घुस गए, जिससे उसकी पूरी दुकान डैमेज हो गई और कई लोग जख्मी हो गए. फिलहाल पार्षद से शिकायत कर दी गई है. जल्द ही संज्ञान नहीं लिया गया तो ऐसी ही जानवर लड़ते रहेंगे और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा."


आवारा पशुओं से मिलेगा निजात

क्षेत्रीय पार्षद नीरज टंडन ने बताया कि "स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि आवारा जानवरों के कारण शहर में चलना मुश्किल हो रहा है. बच्चे चोटिल हो जा रहे हैं. ऐसे जानवरों को तत्काल पकड़ा जा रहा है, लेकिन पशुपालक जुर्माना देकर जानवरों को छुड़ा लेते हैं. इसके बाद उसको खुला छोड़ देते हैं. हमने सभी पशुपालकों को सूचना दे रखी है कि अपने-अपने जानवरों को घर में ही बांध के रखे बाहर न छोड़ें."

पार्षद ने बताया कि "दो से तीन सांड रोज पकड़ कर नगर निगम द्वारा बाहर भेज जा रहा है. इसमें नगर निगम पूरा सहयोग कर रहा है, लेकिन पशुपालकों का सहयोग नही मिल रहा है. नगर निगम अपना काम कर रही है. जल्दी यहां से सांड की संख्या में कमी आएगी."

प्रयागराज: जिले में तमाम ऐसे मोहल्‍ले हैं, जहां की सड़कों पर बेसहारा पशुओं के चलते आवागमन बाधित होता है. पशुपालकों की मनमानी से मोहल्ले में गंदगी भी फैली रहती है. इसकी शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा कई बार नगर निगम प्रशासन से की गई लेकिन, पशुपालकों के खिलाफ खाना पूर्ति करके कार्रवाई नहीं की जाती. आवारा पशुओं के कारण छोटे बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है. स्थानीय लोगों ने महापौर और नगर आयुक्त से आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की है.

लोगों का सड़क पर चलना हुआ मुश्किल

स्थानीय लोगों का कहना है कि पशुओं के आपस में लड़ने से राहगीर जख्मी हो जाते हैं. ऐसे में जिला प्रशासन से मांग करते हैं की छुट्टा जानवर की शहर से कही दूर स्थाई जगह पर रखा जाए ना कि इनको खुले जिससे की आम पब्लिक को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय महिला अनुपमा गुप्ता ने बताया कि रास्ते में आवारा जानवर किसी को भी दौड़ा लेते हैं. ऐसे में हादसा होने का भी अंदेशा होता है. पशुपालकों द्वारा गायों और भैंस के को खुला छोड़ दिया जाता है. इससे लोगों का सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है.

बिजनेसमैन सन्दीप भूटानी का कहना है कि "मेरे पड़ोस में कोचिंग है, जिसमें बच्चे आते हैं और कई बार इनी जानवरों की वजह से बच्चे जख्मी हो जाते हैं. अक्सर छुट्टे जानवरों को नगर निगम की गाड़ियां पकड़ ले जाती है और शाम तक उन जानवरों को छोड़ दिया जाता है. पशुपालकों के खिलाफ नोटिस देना चाहिए ताकि वह अपने जानवरों को बांध कर रखे.

बीच सड़क पर मौजूद आवारा पशु
बीच सड़क पर मौजूद आवारा पशु
नगर निगम से गुहारसमाज सेविका महिला सारिका केसरवानी ने बताया शहर एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहा है ऐसे में खुले छुट्टे जानवरों से बीच रोड पर टहलने के कारण एक्सीडेंट केस बहुत हो रहे है, बीच रोड पर यह दौड़ाती है जिससे बच्चों को स्कूल आने जाने में परेशानी तो होती है,क़भी क़भी बच्चे इन जानवरों के चपेट में आने से जख्मी हो जाते है. उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है और इन जानवरों का शहर से बाहर ले जाकर छोड़ दिया जाए जिससे कि शहर वासियों को भारी समस्याओं का सामना ना करना पड़े.इन मोहल्लों में होती है ज्दाया दिकतआवारा पशु पुराने शहर में ज्यादा है. जैसे-पुराने शहर के मूठीगंज, बलवाघाट चौराहा, डॉ. पांडेय चौराहा, कल्याणी देवी मंदिर के आस-पास, फकीर चौराहा, मीरापुर, करैली, छोटे बच्चो के स्कूलों और धार्मिक स्थलों के पास.

स्थानीय लोगों ने पार्षद से की शिकायत

सरकारी कर्मचारी दिनेश मिश्रा समेत 10 स्थानीय लोगों ने आवारा पशुओं से परेशान होकर स्थानीय पार्षद नीरज टंडन से शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि "बलवाघाट क्षेत्रों में डॉक्टर पांडे चौराहा और फकीरे चौराहे पर सांडों का झुंड हमेशा मौजूद रहता है. कुछ दिन पहले बलवाघाट चौराहे पर दो सांड आपस में लड़ाई करते करते एक दुकान में घुस गए, जिससे उसकी पूरी दुकान डैमेज हो गई और कई लोग जख्मी हो गए. फिलहाल पार्षद से शिकायत कर दी गई है. जल्द ही संज्ञान नहीं लिया गया तो ऐसी ही जानवर लड़ते रहेंगे और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा."


आवारा पशुओं से मिलेगा निजात

क्षेत्रीय पार्षद नीरज टंडन ने बताया कि "स्थानीय लोगों ने शिकायत की है कि आवारा जानवरों के कारण शहर में चलना मुश्किल हो रहा है. बच्चे चोटिल हो जा रहे हैं. ऐसे जानवरों को तत्काल पकड़ा जा रहा है, लेकिन पशुपालक जुर्माना देकर जानवरों को छुड़ा लेते हैं. इसके बाद उसको खुला छोड़ देते हैं. हमने सभी पशुपालकों को सूचना दे रखी है कि अपने-अपने जानवरों को घर में ही बांध के रखे बाहर न छोड़ें."

पार्षद ने बताया कि "दो से तीन सांड रोज पकड़ कर नगर निगम द्वारा बाहर भेज जा रहा है. इसमें नगर निगम पूरा सहयोग कर रहा है, लेकिन पशुपालकों का सहयोग नही मिल रहा है. नगर निगम अपना काम कर रही है. जल्दी यहां से सांड की संख्या में कमी आएगी."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.