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आंखों में ब्लैक फंगस के डर से बढ़ी चश्में की बिक्री, डाॅक्टरों का यह है कहना - प्रयागराज

ब्लैक फंगस को लेकर बढ़ी अफवाहों के बीच 'संगम नगरी' में लोगों ने नाक और मुंह को मास्क से ढकने के बाद अब आंखों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए चश्मे की खरीद तेज कर दी है. हालांकि चिकित्सकों की इसे लेकर अलग राय है.

आंखों में ब्लैक फंगस के डर से बढ़ी चश्में की बिक्री, डाॅक्टरों का यह है कहना
आंखों में ब्लैक फंगस के डर से बढ़ी चश्में की बिक्री, डाॅक्टरों का यह है कहना
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Published : Jun 27, 2021, 7:32 AM IST

Updated : Jun 27, 2021, 1:29 PM IST

प्रयागराज : संगम नगरी में आम आदमी से लेकर व्यापारी, छात्र-छात्राएं, दुकानदार सभी के अंदर ब्लैक फंगस का खौफ साफ दिख रहा है. इसे देखते हुए लोग खासी सावधानी बरत रहे हैं. खासकर बारिश का मौसम शुरू होने के बाद अपने आंखों को संक्रमण से बचाने के लिए खासे संवेदनशील दिखायी दे रहे हैं. ब्लैक फंगस से आंखों में संक्रमण के खतरे को लेकर भी जानकारी न होने से लोग खासे परेशान हैं. शायद यही वजह है कि इन दिनों चश्मों की बिक्री भी बढ़ गयी है.

आंखों में ब्लैक फंगस के डर से बढ़ी चश्में की बिक्री, डाॅक्टरों का यह है कहना

हालांकि डाॅक्टरों का कहना है कि बारिश के दौरान आंखों को संक्रमण से बचाने के लिए हालांकि चश्मा कारगर जरूर है लेकिन जहां तक ब्लैक फंगस की बात है तो इसे लेकर वे कोई दावा नहीं कर सकते. न ही इस तरह की कोई रिसर्च सामने आयी है जो यह कहती हो कि ब्लैक फंगस वाह्य कारणों से फैलता है और चश्मे का पहनना इसकी रोकथाम में मददगार होगा.

इस संबंध में आम लोगों की अपनी अलग ही राय है. प्राइवेट नौकरी करने वाली स्थानीय आनंद पांडे बताते हैं कि वह पिछले महीने कोरोना से जंग जीतकर काम पर लौटे हैं. दवा की सप्लाई दूर-दूर करने जाना पड़ता है. इससे आंखों की सुरक्षा भी जरूरी होती है. इसीलिए आज उन्होंने पूरे परिवार के लिए चश्मा खरीदा है. उनका कहना है कि ब्लैक फंगस के संक्रमण के चलते एक लड़की की आंख निकालनी पड़ी. ऐसे कई मामले प्रयागराज में आए हैं. लोगों के अंदर इसे लेकर खौफ है. इसलिए चश्मे की खरीदारी कर रहे हैं.

एमबीए छात्र अविनाश ठाकुर ने चश्मा खरीदते हुए बताया कि कोरोना वायरस से जूझ रहे थे. अब कोरोना के केस धीमे-धीमे कम हो रहे हैं. वहीं, ब्लैक फंगस के संक्रमण आंखों को तेजी से प्रभावित कर रहा है. ऐसे में चश्मे खरीद रहे हैं ताकि आंखों को संक्रमण से बचाया जा सके.

यह भी पढ़ें : बाहुबली विधायक विजय मिश्र की जमानत निरस्त करने की अर्जी

अपोलो फार्मेसी में काम करने वाले अविनाश सिंह बताते हैं कि दुकान पर बहुत सारे कस्टमर आते हैं. कहा कि ब्लैक फंगस से सुरक्षित रहने के लिए भी चेहरे पर मास्क, आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा लगाना जरूरी है.

उधर, प्रयागराज की मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर व नेत्र विशेषज्ञ डॉ. जागृति के अनुसार मौजूदा माहौल में हमें और भी सतर्क रहने की जरूरत है ताकि फंगल और बैक्टीरिया से बचाव कर सकें. विशेष तौर पर लोगों को धूल-मिट्टी भरी कंस्ट्रक्शन साइट पर जाने से पहले डबल मास्क जरूर पहनना चाहिए. साथ ही आंखों के फुल प्रोटेक्शन के लिए चश्मे पहनने चाहिए. बागवानी या मिट्टी से जुड़ा काम करते समय भी विशेष ध्यान रखें.

डॉ. जागृति बताती हैं कि ब्लैक फंगस का मुख्य कारण इम्यूनिटी से जुड़ा हुआ है. ऐसे में लोगों को अपनी इम्युनिटी पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखना चाहिए. हवाओं में अनेक तरह के वायरस होते हैं. अगर लोग चश्मे का इस्तेमाल भी करें तो बेहतर होगा. ब्लैक फंगस से अधिक खतरा शुगर पेशेंट को है और उनको अपना बेहतर ख्याल रखना पड़ेगा.

प्रयागराज : संगम नगरी में आम आदमी से लेकर व्यापारी, छात्र-छात्राएं, दुकानदार सभी के अंदर ब्लैक फंगस का खौफ साफ दिख रहा है. इसे देखते हुए लोग खासी सावधानी बरत रहे हैं. खासकर बारिश का मौसम शुरू होने के बाद अपने आंखों को संक्रमण से बचाने के लिए खासे संवेदनशील दिखायी दे रहे हैं. ब्लैक फंगस से आंखों में संक्रमण के खतरे को लेकर भी जानकारी न होने से लोग खासे परेशान हैं. शायद यही वजह है कि इन दिनों चश्मों की बिक्री भी बढ़ गयी है.

आंखों में ब्लैक फंगस के डर से बढ़ी चश्में की बिक्री, डाॅक्टरों का यह है कहना

हालांकि डाॅक्टरों का कहना है कि बारिश के दौरान आंखों को संक्रमण से बचाने के लिए हालांकि चश्मा कारगर जरूर है लेकिन जहां तक ब्लैक फंगस की बात है तो इसे लेकर वे कोई दावा नहीं कर सकते. न ही इस तरह की कोई रिसर्च सामने आयी है जो यह कहती हो कि ब्लैक फंगस वाह्य कारणों से फैलता है और चश्मे का पहनना इसकी रोकथाम में मददगार होगा.

इस संबंध में आम लोगों की अपनी अलग ही राय है. प्राइवेट नौकरी करने वाली स्थानीय आनंद पांडे बताते हैं कि वह पिछले महीने कोरोना से जंग जीतकर काम पर लौटे हैं. दवा की सप्लाई दूर-दूर करने जाना पड़ता है. इससे आंखों की सुरक्षा भी जरूरी होती है. इसीलिए आज उन्होंने पूरे परिवार के लिए चश्मा खरीदा है. उनका कहना है कि ब्लैक फंगस के संक्रमण के चलते एक लड़की की आंख निकालनी पड़ी. ऐसे कई मामले प्रयागराज में आए हैं. लोगों के अंदर इसे लेकर खौफ है. इसलिए चश्मे की खरीदारी कर रहे हैं.

एमबीए छात्र अविनाश ठाकुर ने चश्मा खरीदते हुए बताया कि कोरोना वायरस से जूझ रहे थे. अब कोरोना के केस धीमे-धीमे कम हो रहे हैं. वहीं, ब्लैक फंगस के संक्रमण आंखों को तेजी से प्रभावित कर रहा है. ऐसे में चश्मे खरीद रहे हैं ताकि आंखों को संक्रमण से बचाया जा सके.

यह भी पढ़ें : बाहुबली विधायक विजय मिश्र की जमानत निरस्त करने की अर्जी

अपोलो फार्मेसी में काम करने वाले अविनाश सिंह बताते हैं कि दुकान पर बहुत सारे कस्टमर आते हैं. कहा कि ब्लैक फंगस से सुरक्षित रहने के लिए भी चेहरे पर मास्क, आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा लगाना जरूरी है.

उधर, प्रयागराज की मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर व नेत्र विशेषज्ञ डॉ. जागृति के अनुसार मौजूदा माहौल में हमें और भी सतर्क रहने की जरूरत है ताकि फंगल और बैक्टीरिया से बचाव कर सकें. विशेष तौर पर लोगों को धूल-मिट्टी भरी कंस्ट्रक्शन साइट पर जाने से पहले डबल मास्क जरूर पहनना चाहिए. साथ ही आंखों के फुल प्रोटेक्शन के लिए चश्मे पहनने चाहिए. बागवानी या मिट्टी से जुड़ा काम करते समय भी विशेष ध्यान रखें.

डॉ. जागृति बताती हैं कि ब्लैक फंगस का मुख्य कारण इम्यूनिटी से जुड़ा हुआ है. ऐसे में लोगों को अपनी इम्युनिटी पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखना चाहिए. हवाओं में अनेक तरह के वायरस होते हैं. अगर लोग चश्मे का इस्तेमाल भी करें तो बेहतर होगा. ब्लैक फंगस से अधिक खतरा शुगर पेशेंट को है और उनको अपना बेहतर ख्याल रखना पड़ेगा.

Last Updated : Jun 27, 2021, 1:29 PM IST
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