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बंदियों की गोसेवा ने इस गोशाला को बना दिया 'कमाऊ', हर साल होती इतनी कमाई - Prayagraj Jail

प्रयागराज की जेल के बंदी इन दिनों गोसेवा में जुटे हुए हैं. इनकी गोसेवा की बदौलत गोशाला की कमाई अब लाखों में पहुंच चुकी है. चलिए जानते हैं इस खबर के बारे में.

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जेल में दिन-रात गोसेवा में जुटे बंदी, गोशाला की होने लगी बंपर कमाई
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Published : Jun 25, 2022, 3:27 PM IST

प्रयागराजः गाय यानी गो माता की सेवा अब जेल में भी होने लगी है. ये सेवा जेल का स्टाफ नहीं बल्कि किसी जुर्म की सजा काट रहे बंदी कर रहे हैं. इनकी सेवा की बदौलत गोशाला की गायें अब न केवल हष्ट-पुष्ट नजर आ रहीं हैं बल्कि भरपूर दूध भी दे रहीं है. इस वजह से गोशाला की कमाई में भी भारी वृद्धि हुई है. बंदियों की इस सेवा ने गोशाला को कमाऊ बना दिया है.

प्रयागराज की नैनी जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पाण्डेय ने बताया कि सेंट्रल नैनी जेल में बंदी कल्याण एवम पुनर्वास सहकारी समिति की ओर से गोशाला का संचालन किया जा रहा है. इस गोशाला में करीब 150 गोवंश हैं, जिनमें 35 दूधारू पशु हैं. उनके मुताबिक इन गायों की सेवा जेल के बंदी ही करते हैं. उनकी सेवा की बदौलत गोवंश हष्ट-पुष्ट और स्वस्थ है. इस गोशाला से रोज करीब 250 लीटर दूध का उत्पादन होता है. उनके मुताबिक कूपन के जरिए ये दूध जेल का स्टाफ, अफसर और बंदी खरीदते हैं. इससे गोशाला की कमाई होती है.

नैनी जेल में गायों की सेवा में जुटे हैं बंदी.

उनके मुताबिक मौजूदा समय में गोशाला साल में करीब छह लाख रुपए की कमाई कर रही है. उन्होंने बताया कि गोशाला में सभी पशुओं को शेड्स में रखा जाता है. गोवंश के लिए कूलर और पंखे की भी व्यवस्था की गई है. उनके मुताबिक इस गोशाला में सेवा करने के लिए किसी भी बंदी को बाध्य नहीं किया गया है. गाय के प्रति उनकी आस्था ही उन्हें सेवा के लिए प्रेरित करती है और वे यहां गोसेवा करने के लिए आते हैं. उनकी मेहनत की बदौलत गोशाला का संचालन काफी अच्छे से हो रहा है. उन्होंने बताया कि यहां की साफ-सफाई भी बंदी ही करते हैं. उनका यह जज्बा काबिले तारीफ है.

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प्रयागराजः गाय यानी गो माता की सेवा अब जेल में भी होने लगी है. ये सेवा जेल का स्टाफ नहीं बल्कि किसी जुर्म की सजा काट रहे बंदी कर रहे हैं. इनकी सेवा की बदौलत गोशाला की गायें अब न केवल हष्ट-पुष्ट नजर आ रहीं हैं बल्कि भरपूर दूध भी दे रहीं है. इस वजह से गोशाला की कमाई में भी भारी वृद्धि हुई है. बंदियों की इस सेवा ने गोशाला को कमाऊ बना दिया है.

प्रयागराज की नैनी जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पाण्डेय ने बताया कि सेंट्रल नैनी जेल में बंदी कल्याण एवम पुनर्वास सहकारी समिति की ओर से गोशाला का संचालन किया जा रहा है. इस गोशाला में करीब 150 गोवंश हैं, जिनमें 35 दूधारू पशु हैं. उनके मुताबिक इन गायों की सेवा जेल के बंदी ही करते हैं. उनकी सेवा की बदौलत गोवंश हष्ट-पुष्ट और स्वस्थ है. इस गोशाला से रोज करीब 250 लीटर दूध का उत्पादन होता है. उनके मुताबिक कूपन के जरिए ये दूध जेल का स्टाफ, अफसर और बंदी खरीदते हैं. इससे गोशाला की कमाई होती है.

नैनी जेल में गायों की सेवा में जुटे हैं बंदी.

उनके मुताबिक मौजूदा समय में गोशाला साल में करीब छह लाख रुपए की कमाई कर रही है. उन्होंने बताया कि गोशाला में सभी पशुओं को शेड्स में रखा जाता है. गोवंश के लिए कूलर और पंखे की भी व्यवस्था की गई है. उनके मुताबिक इस गोशाला में सेवा करने के लिए किसी भी बंदी को बाध्य नहीं किया गया है. गाय के प्रति उनकी आस्था ही उन्हें सेवा के लिए प्रेरित करती है और वे यहां गोसेवा करने के लिए आते हैं. उनकी मेहनत की बदौलत गोशाला का संचालन काफी अच्छे से हो रहा है. उन्होंने बताया कि यहां की साफ-सफाई भी बंदी ही करते हैं. उनका यह जज्बा काबिले तारीफ है.

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