प्रयागराज: संगम नगरी में शहर के नामी कान्वेंट स्कूल में क्लास के अंदर पढ़ाते समय टीचर की जान चली गई. सिविल लाइन्स स्थित सेंट जोसेफ कॉलेज में 11वीं क्लास में बच्चों को कामर्स पढ़ाते समय टीचर सुमित कुजूर की हालत खराब हो गई. जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया गया. तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. बताया जा रहा है कि सुमित को डेंगू हो गया था, जिस वजह से वो कई दिनों से स्कूल नहीं जा रहे थे. गुरुवार को प्लेटलेट कम होने के बावजूद कोर्स पूरा करवाने के चक्कर में वो पढ़ाने पहुंच गए थे. जहां बच्चों को पढ़ाते समय ही उनकी हालत बिगड़ने लगी, जिसे देखकर बच्चों ने दूसरे टीचरों को बुलाया और उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन अस्पताल में पहुंचने से पहले ही उनकी सांसें थम चुकी थी. शिक्षक की मौत के बाद स्कूल में शोक प्रकट करते हुए छुट्टी कर दी गई है. अब दीपावली के बाद स्कूल खुलेगा.
प्रयागराज के नामी कान्वेंट स्कूलों में सेंट जोसेफ स्कूल कॉलेज शामिल है. जहां पर क्लास रूम के अंदर पढ़ाते समय कॉमर्स के टीचर की मौत हो गई. इसके बाद कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि डेंगू पीड़ित होने के बावजूद शिक्षक को कॉलेज प्रशासन के दबाव के चलते कोर्स को समय से पूरा करवाने के लिए स्कूल आना पड़ा. जबकि डेंगू की वजह से उनका प्लेटलेट गिरकर 25 हजार तक पहुंच गया था. तबियत में थोड़ा सुधार हुआ तो सुमित क्लास में पढ़ाने के लिए गुरुवार को स्कूल पहुंच गए थे. इसी दौरान 11वीं कक्षा में अपना विषय पढ़ाते समय उनकी तबियत बिगड़ने लगी. बच्चों के सामने कुर्सी पर बैठ गए और कुछ ही पलों में पसीने से भीग गए. तेज सांसे चलती हुई देख घबराकर बच्चों ने दूसरे शिक्षकों को जाकर बताया, जिसके बाद कई शिक्षक वहां मौके पर पहुंचे और उन्हें उठाकर हॉस्पिटल ले गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने के पहले ही शिक्षक की जान जा चुकी थी, जिसके बाद स्कूल के स्टाफ ने भी दबी जुबान से बीमारी के बावजूद जबरन स्कूल बुलाने का आरोप लगाया.
फिलहाल मृतक शिक्षक के परिवार की तरफ से अभी तक किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की गई है. वहीं, स्कूल मैनेजमेंट ने भी शिक्षक की मौत के बाद शोक जताते हुए छुट्टी कर दी है. अब स्कूल दीपावली के पर्व के बाद खुलेगा.
स्कूल प्रबंधन पर उठे सवाल
इस मामले में कॉलेज मैनेजमेंट पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब एक टीचर डेंगू से पीड़ित था तो उसे पूरी तरह से स्वस्थ हुए बिना क्लास में पढ़ाने क्यों दिया गया. जब तक शिक्षक को पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हुआ और कम प्लेटलेट होने के बावजूद घर वापस क्यों नहीं भेजा गया. दबी जुबान से जो आरोप लगाये जा रहे है कि दीपावली के पहले कोर्स पूरा करवाने के लिए जबरन डेंगू पीड़ित शिक्षक को स्कूल बुलाया गया था क्योंकि वो कई दिन से छुट्टी लिए हुए थे. डेंगू पीड़ित शिक्षक की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन इस मामले में मृतक शिक्षक के परिवार की तरफ से किसी तरह की शिकायत अभी तक नहीं की गई है, जिस वजह से कॉलेज प्रबंधन की तरफ से कोई जवाब देने सामने नहीं आ रहा है. बहरहाल कॉलेज प्रबंधन का साफ कहना है कि जबरन किसी को स्कूल नहीं बुलाया गया था.स्कूल के शिक्षक की मौत से सभी दुखी है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई है.
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