प्रयागराज: न्याय के देवता शनि देव अपना घर बदलेंगे. जिसका असर कई ग्रहों के लिए लाभकारी तो कुछ के लिए नुकसान दायक भी हो सकता है. जबकि कुछ ग्रहों पर शनि ग्रह के बदलाव का मिला जुला असर होगा. ग्रह नक्षत्रम ज्योतिष शोध संस्थान के ज्योतिष आशुतोष वार्ष्णेय के मुताबिक शनि ग्रह के इस बदलाव का असर सभी जातकों पर पड़ेगा. इसके साथ शनि की साढ़े साती और ढ़ैया की शुरुआत और समाप्ति भी होगी.
17 जनवरी की रात से शनि ग्रह के स्थान में होगा बदलाव
17 जनवरी को रात 08:02 मिनट पर 26 महीनों के लिए शनि अपनी राशि मकर से निकलकर मूल त्रिकोण राशि कुम्भ में प्रवेश करेंगे. 29 मार्च 2025 तक इस राशि में रहेंगे. इसके साथ ही बीच में कुछ समय के अंतर पर शनिदेव वक्री और मार्गी होते रहेंगे. गुरु, शनि, राहु और केतु का राशि परिवर्तन नवग्रहों में सबसे अहम माना जाता है. क्योंकि इन ग्रहों का एक राशि से किसी दूसरी राशि में प्रवेश करना जातकों के जीवन में अच्छा और बुरा दोनों ही तरह का प्रभाव डालता है. ज्योतिषी आशुतोष वार्ष्णेय के मुताबिक 17 जनवरी से शनि मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. नौ ग्रहों के प्रमुख ग्रह माने शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने से जहां धनु राशि वालों की मुसीबत कम होगी.
वहीं, मीन राशि वालों की साढ़े साती शुरू होने से उनकी मुसीबत बढ़ेगी. जबकि मकर राशि वालों की उतरती साढ़े साती और कुंभ राशि वालों के हृदय पर शनि का कब्जा शुरू हो जाएगा. जिस वजह से कुंभ राशि वालों के लिए आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. मिथुन और तुला राशि वाले 17 जनवरी से शनि के ढैया के प्रकोप से मुक्त होंगे. जिससे उन्हें राहत मिलेगी. इस दिन से कर्क और वृश्चिक राशि वालों की ढैया शुरू हो जाएगी. जिससे आने वाले दिन उनके लिए चुनौती पूर्ण हो सकते हैं. दूसरी तरफ से शनि के राशि परिवर्तन का लाभ मेष, कन्या और धनु राशि वालों को भी मिलेगा. जिससे इन तीनों राशि वालों के अच्छे दिन की शुरुआत होगी. इसके अलावा बची हुई राशि वालों पर शनि गृह का मिला जुला असर रहेगा.
शनि से राहत के लिए क्या उपाय करें
शनि के ग्रह परिवर्तन की वजह से राशियों पर जो प्रभाव पड़ रहा है. उस प्रकोप से बचने के लिए कुछ उपाय है. जिसको करके लोग शनि के प्रकोप से बच सकते हैं. इसके साथ ही शनि को प्रसन्न करके भी उनके प्रकोप से बचने के साथ ही उनकी कृपा दृष्टि प्राप्त की जा सकती है. ज्योतिषी आशुतोष वार्ष्णेय ने बताया कि शनि ग्रह शांति के लिए कई उपाय हैं. जिसमें शनिवार का व्रत, हनुमान जी की आराधना, शनि मंत्र, शनि यंत्र, तेल में स्वयं की छाया देखकर तेल समेत छायापात्र दान करना प्रमुख रूप से हैं. इसके साथ ही हनुमान जी की पूजा करके सुंदरकांड का पाठ करके भी शनि की कुदृष्टि से बचा जा सकता है. शनि के प्रकोप को शांत करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे पूजा करके दीप जलाकर भी शनि की कृपा प्राप्त की जा सकती है. इसके साथ ही शनि मंत्र का जप करके शानिदेव की उपासना करके भी उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है.