प्रयागराजः जिले के नैनी सेंट्रल जेल में बंद अमरोहा के सलीम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फांसी की सजा दी जा चुकी है. इसके बावजूद सलीम को भरोसा है कि उसे और उसकी प्रेमिका को फांसी की सजा नहीं मिलेगी. अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर उसके परिवार के सात लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाला सलीम की रहम की आस में दिन काट रहा है. सलीम को पूरी उम्मीद है कि उसकी और प्रेमिका शबनम की फांसी की सजा के बदले जीवनदान मिल सकता है.
अमरोहा के बावनखेड़ी हत्याकांड की मुख्य आरोपी शबनम की फांसी की सजा पर राष्ट्रपति के यहां से कोई राहत नहीं मिली है. वहीं शबनम के प्रेमी सलीम की उम्मीदें अभी भी कायम है. यही वजह है कि जेल में सलीम के चेहरे पर मौत का खौफ भी ज्यादा नहीं दिख रहा है. शबनम के परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतारने वाले सलीम को राष्ट्रपति के यहां से रहम मिलने की उम्मीद कायम है.सलीम के पास अभी अपील के अवसर बचे हुए हैं, जिससे उसको उम्मीद है कि फांसी की सजा से राहत मिल सकती है.
सलीम की प्रेमिका की दया याचिका खारिज
नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक पी एन पांडेय का कहना है कि ज्यादातर कैदियों के साथ ऐसा देखने को मिलता है जब वो जेल में आते हैं तो सजा पाने के बाद धर्म की तरफ उनका रुझान बढ़ जाता है. कुछ ऐसा ही सलीम के साथ भी हुआ है.राष्ट्रपति के यहां से प्रेमिका की दया याचिका खारिज होने की जानकारी के बाद से सलीम थोड़ा मायूस हुआ है.लेकिन उसके अंदर फांसी से बचने की उम्मीद अभी भी कायम है. उसे उम्मीद है कि दया याचिका फिर से भेजने पर उन पर रहम किया जा सकता है.यही वजह है कि अपने साथ के दूसरे कैदियों से बातचीत में कहता है कि रब की दया से उन्हें फांसी की सजा से माफी मिल जाएगी.
सलीम की लगातार होती है निगरानी
जेल अधीक्षक का कहना है कि सलीम को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है.जब से सलीम की प्रेमिका की दया याचिका राष्ट्रपति के यहां से खारिज हुई है तभी से सलीम की निगरानी बढ़ा दी गयी है.इसके अलावा एहतियात के तौर पर सलीम और उसके बैरक की समय समय पर तलाशी भी ली जाती है. यही नहीं समय-समय पर सलीम की काउंसिलिंग भी की जाती है.
दिल्ली की एक एनजीओ कर रही मदद
सलीम और उसकी प्रेमिका को फांसी से बचाने के लिए दिल्ली की एक एनजीओ भी उनकी मदद कर रही है. जिसके अधिवक्ता लगातार सलीम और शबनम की फांसी की सजा के खिलाफ राष्ट्रपति व राज्यपाल के यहां पैरवी कर रहे हैं. यही वजह है कि सलीम को अभी भी आस है कि उसकी व शबनम की फांसी की सजा में कमी करके उन्हें जीवनदान दिया जा सकता है.
फांसी की सजा देने के लिए यूपी की पांच जेल में इंतजाम
उत्तर प्रदेश में पांच जेलों के अंदर कैदियों को फांसी दिए जाने का इंतजाम है. जिसमें आगरा, मेरठ, सीतापुर और प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल शामिल है. जबकि महिलाओं को फांसी देने के लिए एक मात्र मथुरा जेल बनायी गयी है.