प्रयागराज: स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत सरकार और प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त कराने का उद्देश्य रखा. इसके तहत ग्राम सभाओं में सैंकड़ों की संख्या में शौचालय बनवाने के निर्देश दिये गये, लेकिन जमीनी स्तर पर इसकी हकीकत कुछ और ही है.
ग्राम प्रधान की धांधली
पंचायती राज विभाग से चयनित लाभार्थियों के लिये शौचालय बनवाने के लिये ग्राम प्रधानों के खातों में पर्याप्त धन मुहैया कराया गया. इसके बाद शौचालय निर्माण में ग्राम प्रधानों की तरफ से धांधली देखी गई. कौंधियारा विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा नौगवां के ग्राम प्रधान ने 400 शौचालयों का पूरा निर्माण केवल कागजों पर ही पूर्ण कराया.
गांव के रहने वाले चिंतामणि बिंद, बृजकिशोर बिन्द, धर्मचंद बिन्द और सीता देवी ने बताया कि शौचालय निर्माण की सूची में उनके नाम तो शामिल थे, लेकिन शौचालय बनवाने का कार्य ग्राम प्रधान स्वयं कर रहे थे. इससे ग्राम प्रधान ने शौचालय के काम को आधा-अधूरा ही पूरा किया. उनका कहना है कि केवल अधूरा ढांचा खड़ा करके ग्राम प्रधान ने अपना कोटा पूरा कर लिया.
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400 शौचालय हैं आधे अधूरे
नौगवां गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने एडीओ पंचायत कौंधियारा व खंड विकास अधिकारी कौंधियारा से कई बार इस बारे में शिकायत भी की. बावजूद इसके कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. साथ ही ग्राम सभा में कागजों पर बनवाये गये 400 अधूरे शौचालयों का कार्य पूरा नहीं कराया गया. इसके चलते लोग आज भी खुले में शौच करने के लिये विवश हैं.
बता दें कि विकासखंड कौंधियारा के अंतर्गत कुल 57 ग्राम सभाएं हैं. इन ग्राम सभाओं में बने हजारों शौचालयों का निर्माण केवल कागजों पर ही पूरा है. हकीकत में ग्रामीण आज भी खुले में शौच कर रहे हैं. इस संदर्भ मे एडीओ पंचायत कौंधियारा अनिल कुमार मालवीय ने कहा कि ग्रामीणों से मिली शिकायत के आधार पर नौगवां ग्राम सभा में बने सभी शौचालयों की जांच कराई जायेगी. इसके उपरांत ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी.