प्रयागराज: किन्नर अखाड़ा में बगावत के सुर फुट पड़े हैं. अखाड़े के सतपुत्र ने किन्नरों के क्रियाकलाप से नाराज होकर अखाड़े से इस्तीफा दे दिया है. कुंभ 2019 के दौरान किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अनुराग शुक्ला को अखाड़े के सतपुत्र की उपाधि दी थी, लेकिन अनुराग शुक्ला ने अब किन्नर अखाड़े के सतपुत्र पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि किन्नरों द्वारा बधाई देने के नाम पर लोगों के घरों और प्रतिष्ठान में जाकर जबरन वसूली की जा रही है, जिसकी शिकायत उन्होंने अखाड़े के उच्च पदों पर बैठे लोगों से की थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया. इसकी वजह से उन्होंने सतपुत्र के पद से त्यागपत्र दे दिया है. वहीं, सीएम योगी से भी इसकी शिकायत करेंगे.
गौरतलब है कि अनुराग शुक्ला किन्नर अखाड़े के सतपुत्र बनाये गए थे. 2019 के कुंभ मेले के दौरान आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें यह उपाधि दी थी. जिसके बाद से वो लगातार कई सालों तक अखाड़े से जुड़े हुए थे, लेकिन अब अनुराग शुक्ला का कहना है कि उनके पास किन्नरों की अवैध वसूली से परेशान लोगों ने कई बार शिकायत की. इसी शिकायतों के आधार पर उन्होंने अखाड़े के बड़े लोगों को बताया, लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. जिससे आहत होकर उन्होंने किन्नर अखाड़े के पद से इस्तीफा दे दिया है.
CM YOGI से भी करेंगे शिकायत
अखाड़े से इस्तीफा देने वाले सतपुत्र अनुराग शुक्ला का कहना है कि किन्नरों के कल्याण और उत्थान के लिए वो भी किन्नर अखाड़े से जुड़े थे. यूपी सरकार ने भी किन्नरों के कल्याण के लिए किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन कर दिया. जिसके बाद से किन्नरों का तो कल्याण होना शुरू हो गया है, लेकिन उसके साथ ही किन्नरों की तरफ से आम आदमी को बधाई के नाम पर वसूलने के मामलों में और तेजी आ गई है. जिस वजह से अब वो सीएम योगी को पत्र भेजकर बधाई के नाम पर की जाने वाली किन्नरों की वसूली की शिकायत करने के साथ ही उसपर नियंत्रण करने के लिए सरकार से गाइड लाइन बनाने की मांग करने करेंगे.
किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बोलीं- नो कमेंट
किन्नर अखाड़े से सतपुत्र के इस्तीफे के मामले पर जब ईटीवी भारत की टीम ने अखाड़े की महामंडलेश्वर और किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्यानंद गिरी से पूछा तो उन्होंने मामले पर कोई कमेंट न देने की बात कही, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वो अनुराग शुक्ला के फैसले का सम्मान करती हैं जो उन्हें सही लगा वो उन्होंने किया है. अभी तक वो हमारे साथ थे अब उन्हें कुछ सही नहीं लगा तो अखाड़े से अलग हो गए. उनके इस फैसले का भी वो सम्मान करती हैं, लेकिन सतपुत्र रहे अनुराग शुक्ला द्वारा किन्नरों पर जबरन वसूली के आरोपों पर भी कुछ बोलने से इंकार कर दिया.
इसे भी पढे़ं- अतिक्रमण के नाम पर किन्नरों के घर गिराने पर हंगामा, किन्नर कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष ने इस्तीफे की दी चेतावनी