प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर (Chhatrapati Shahuji Maharaj University Kanpur) में शिक्षण और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी (बॉयोमेट्रिक्स) के उपयोग को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार और काविवि प्रशासन से जवाब मांगा है.
याचिका के अनुसार कानपुर विश्वविद्यालय में शिक्षण और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के बॉयोमेट्रिक्स उपस्थिति दर्ज करने और उसी आधार पर वेतन का भुगतान किए जाने का आदेश जारी किया गया है. याची का कहना है कि बायोमेट्रिक्स उपस्थित का उपयोग संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन होगा. कहा गया कि निजता के अधिकार को प्रभावित करने वाला कानून होना चाहिए. ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि राज्य का उद्देश्य भी पूरा हो और निजता का हनन भी न हो.
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