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नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को जमानत देने से HC ने किया इंकार - न्यायमूर्ति समीर जैन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुराचार के आरोपी फर्रुखाबाद के रिंकू राजपूत को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jan 17, 2022, 10:49 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुराचार के आरोपी फर्रुखाबाद के रिंकू राजपूत को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है और उम्रकैद की सजा के खिलाफ अपील को सुनवाई के लिए जुलाई माह में पेश करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने दिया है.

मालूम हो कि रिंकू राजपूत व मनोहर ने नाबालिग लड़की से पैसे का लालच देकर दुष्कर्म किया. कुछ महीनों बाद जब उसके पेट में दर्द हुआ तो डॉक्टर से उसके गर्भवती होने का खुलासा हुआ. पीड़ित ने बताया कि रिंकू राजपूत व मनोहर ने उसके साथ कुछ महीने पहले गलत काम किया है. उसने यही बयान अदालत में भी दिया. बच्चा पैदा हुआ तो डीएनए रिपोर्ट में मनोहर का बायोलाजिकल पुत्र साबित हुआ.

इसे भी पढ़ेः अधीनस्थ अदालतों की गाइडलाइंस जारी, 50 फीसद जज व स्टाफ से रोटेशन में काम लेने का निर्देश

रिंकू राजपूत का कहना था कि पीड़ित के पिता व अन्य की पैसे की मांग पूरी न करने पर उसे फंसाया गया है. एफआईआर दर्ज करने में देरी की गई है. उसका डीएनए बच्चे से नहीं मिला. उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

सरकारी वकील का कहना था कि सत्र न्यायालय ने पीड़ित के बयान के आधार पर आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है. सह अभियुक्त के बयान में दोनों द्वारा दुराचार किया गया बताया गया है. हो सकता है दोनों में से एक का वीर्य अधिक ताकतवर हो, इसलिए डीएनए रिपोर्ट में एक का ही नाम आया. नाबालिग से दुराचार कर गर्भवती बनाने के आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए. कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

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प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुराचार के आरोपी फर्रुखाबाद के रिंकू राजपूत को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है और उम्रकैद की सजा के खिलाफ अपील को सुनवाई के लिए जुलाई माह में पेश करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने दिया है.

मालूम हो कि रिंकू राजपूत व मनोहर ने नाबालिग लड़की से पैसे का लालच देकर दुष्कर्म किया. कुछ महीनों बाद जब उसके पेट में दर्द हुआ तो डॉक्टर से उसके गर्भवती होने का खुलासा हुआ. पीड़ित ने बताया कि रिंकू राजपूत व मनोहर ने उसके साथ कुछ महीने पहले गलत काम किया है. उसने यही बयान अदालत में भी दिया. बच्चा पैदा हुआ तो डीएनए रिपोर्ट में मनोहर का बायोलाजिकल पुत्र साबित हुआ.

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रिंकू राजपूत का कहना था कि पीड़ित के पिता व अन्य की पैसे की मांग पूरी न करने पर उसे फंसाया गया है. एफआईआर दर्ज करने में देरी की गई है. उसका डीएनए बच्चे से नहीं मिला. उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

सरकारी वकील का कहना था कि सत्र न्यायालय ने पीड़ित के बयान के आधार पर आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है. सह अभियुक्त के बयान में दोनों द्वारा दुराचार किया गया बताया गया है. हो सकता है दोनों में से एक का वीर्य अधिक ताकतवर हो, इसलिए डीएनए रिपोर्ट में एक का ही नाम आया. नाबालिग से दुराचार कर गर्भवती बनाने के आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए. कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है.

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