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प्रयागराज में संपन्न हुई 9 दिवसीय रामलीला, निकाली गई भगवान की भव्य झांकी - grand tableau of god

प्रयागराज में नवग्रहों के साथ संपन्न हुई श्रीपथर्चट्टी रामलीला कमेटी प्रांगण में चल रही राम कथा व रामलीला. 9 दिन तक चल रहे राम कथा के अंतिम दिन भक्तों ने लगाए जय श्रीराम के नारे, राममय हुआ माहौल. प्रयागराज नवग्रह मंदिर में बैठकर पूरी राम कथा सुनते थे वीर हनुमान.

प्रयागराज में निकाली गई भगवान की भव्य झांकी
प्रयागराज में निकाली गई भगवान की भव्य झांकी
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Published : Dec 26, 2021, 11:53 AM IST

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश स्थित संगम नगरी प्रयागराज में श्री पथर्चट्टी रामलीला कमेटी की तरफ से 9 दिनों तक राम कथा और अंतिम दिन राम लक्ष्मण सीता की झांकियां प्रस्तुत की गईं. जिसे देखकर भाव विभोर हुए श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के नारे लगाए, जिससे माहौल राम मय हो गया.

श्री पथर्चट्टी रामलीला कमेटी प्रांगण में 9 दिन तक चल रहे राम कथा के अंतिम दिन भक्तों ने अलौकिक आनंद की अनुभूति की. वक्ताओं ने कहा कि श्रीराम सामाजिक स्थिति संस्कारों के प्रतीक हैं वह लोक व्यवहार के पंडित हैं. उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम की चर्चा से हमारे भाव पवित्र होते हैं.

प्रयागराज में रामकथा
प्रयागराज में रामकथा

यह भी पढ़ें- कोविड टीके का विरोध करने वाले 'टायर्ड' और 'रिटायर्ड' हैं : योगी आदित्यनाथ

भाव विभोर हुए श्रद्धालुओं ने कहा कि मर्यादा के पोषक श्रीराम और मर्यादा के मूर्तिमान स्वरूप हैं. संगम नगरी में ऐसे कार्यक्रम का महत्व और बढ़ जाता है. कार्यक्रम में जीवंत रूप देने वाले राजेश चौरसिया जो 20 वर्षों से राम लीला में कलाकारों को जीवंत रूप दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इसी स्थान पर पहले गंगा बहती थी और हनुमान जी बैठकर पूरी राम कथा सुनते थे. जिस स्थान पर यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है यह नवग्रह का मंदिर है. जो पूरे देश में दूसरा स्थान रखता है और ऐसे स्थान पर रामकथा का श्रवण करने वालों की सभी मुरादें भी पूरी होती हैं. भक्तों के लिए राम सीता व हनुमान की झाकियां भी निकाली गई.

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प्रयागराजः उत्तर प्रदेश स्थित संगम नगरी प्रयागराज में श्री पथर्चट्टी रामलीला कमेटी की तरफ से 9 दिनों तक राम कथा और अंतिम दिन राम लक्ष्मण सीता की झांकियां प्रस्तुत की गईं. जिसे देखकर भाव विभोर हुए श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के नारे लगाए, जिससे माहौल राम मय हो गया.

श्री पथर्चट्टी रामलीला कमेटी प्रांगण में 9 दिन तक चल रहे राम कथा के अंतिम दिन भक्तों ने अलौकिक आनंद की अनुभूति की. वक्ताओं ने कहा कि श्रीराम सामाजिक स्थिति संस्कारों के प्रतीक हैं वह लोक व्यवहार के पंडित हैं. उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम की चर्चा से हमारे भाव पवित्र होते हैं.

प्रयागराज में रामकथा
प्रयागराज में रामकथा

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भाव विभोर हुए श्रद्धालुओं ने कहा कि मर्यादा के पोषक श्रीराम और मर्यादा के मूर्तिमान स्वरूप हैं. संगम नगरी में ऐसे कार्यक्रम का महत्व और बढ़ जाता है. कार्यक्रम में जीवंत रूप देने वाले राजेश चौरसिया जो 20 वर्षों से राम लीला में कलाकारों को जीवंत रूप दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इसी स्थान पर पहले गंगा बहती थी और हनुमान जी बैठकर पूरी राम कथा सुनते थे. जिस स्थान पर यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है यह नवग्रह का मंदिर है. जो पूरे देश में दूसरा स्थान रखता है और ऐसे स्थान पर रामकथा का श्रवण करने वालों की सभी मुरादें भी पूरी होती हैं. भक्तों के लिए राम सीता व हनुमान की झाकियां भी निकाली गई.

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