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निजीकरण के खिलाफ खोला मोर्चा, मोदी सरकार पर साधा निशाना

प्रयागराज में निजीकरण के खिलाफ नुक्कड़ नाटक कर विरोध प्रदर्शन किया गया. दिशा छात्र संगठन और बिगुल मजदूर दस्ता की ओर से आयोजित सभा में मोदी सरकार की नीतियों पर जमकर प्रहार किया गया.

निजीकरण के खिलाफ नुक्कड़ नाटक
निजीकरण के खिलाफ नुक्कड़ नाटक
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Published : Nov 21, 2020, 7:34 PM IST

प्रयागराज: दिशा छात्र संगठन और बिगुल मजदूर दस्ता की ओर से सूरजकुंड स्थित बिजली विभाग के कार्यालय पर निजीकरण के खिलाफ नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. नुक्कड़ नाटक से पहले सभा की गई और क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किए गए. सभा में दिशा छात्र संगठन के सदस्य अविनाश ने कहा कि दूसरी बार सत्ता में आने के साथ ही मोदी सरकार ने कर्मचारियों, मजदूरों और आम मेहनतकश जनता के ऊपर हमलों की रफ्तार और तेज कर दी है. श्रम कानूनों में बदलाव करके कर्मचारियों के यूनियन बनाने समेत तमाम अधिकारों को छीन लिया गया है.

निजीकरण का कहर

दिशा छात्र संगठन ने कहा कि बिजली, रेलवे जैसे तमाम विभागों पर निजीकरण का कहर सबसे ज्यादा टूट रहा है. आपदा को अवसर में बदलने का नारा देने वाली मोदी सरकार ने कोरोना महामारी की आपदा के दौरान निजीकरण की कवायदों को और तेज किया. इसके साथ ही कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती करना शुरू कर दिया. वहीं बीपीसीएल जैसी कंपनियों की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी.

बिगुल मजदूर दस्ता के प्रसेन ने कहा कि पिछले दिनों बिजली विभाग के कर्मचारियों ने अपने संघर्ष के दम पर सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया था. इस संघर्ष को और बढ़ाते हुए सभी विभागों की व्यापक एकजुटता कायम करने की जरूरत है. आम जनता के बीच में निजीकरण की पोल खोलने के लिए आगे आने की जरूरत है.

26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल

सभा में आए लोगों ने एनपीएस को रद्द करने, श्रम कानूनों में संशोधन वापस लेने, उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों को वापस लेने की मांग की. इस दौरान सभा में उपस्थित लोगों से 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की अपील की और बड़े पैमाने पर पर्चे वितरित किए गए.

प्रयागराज: दिशा छात्र संगठन और बिगुल मजदूर दस्ता की ओर से सूरजकुंड स्थित बिजली विभाग के कार्यालय पर निजीकरण के खिलाफ नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. नुक्कड़ नाटक से पहले सभा की गई और क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किए गए. सभा में दिशा छात्र संगठन के सदस्य अविनाश ने कहा कि दूसरी बार सत्ता में आने के साथ ही मोदी सरकार ने कर्मचारियों, मजदूरों और आम मेहनतकश जनता के ऊपर हमलों की रफ्तार और तेज कर दी है. श्रम कानूनों में बदलाव करके कर्मचारियों के यूनियन बनाने समेत तमाम अधिकारों को छीन लिया गया है.

निजीकरण का कहर

दिशा छात्र संगठन ने कहा कि बिजली, रेलवे जैसे तमाम विभागों पर निजीकरण का कहर सबसे ज्यादा टूट रहा है. आपदा को अवसर में बदलने का नारा देने वाली मोदी सरकार ने कोरोना महामारी की आपदा के दौरान निजीकरण की कवायदों को और तेज किया. इसके साथ ही कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती करना शुरू कर दिया. वहीं बीपीसीएल जैसी कंपनियों की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी.

बिगुल मजदूर दस्ता के प्रसेन ने कहा कि पिछले दिनों बिजली विभाग के कर्मचारियों ने अपने संघर्ष के दम पर सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया था. इस संघर्ष को और बढ़ाते हुए सभी विभागों की व्यापक एकजुटता कायम करने की जरूरत है. आम जनता के बीच में निजीकरण की पोल खोलने के लिए आगे आने की जरूरत है.

26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल

सभा में आए लोगों ने एनपीएस को रद्द करने, श्रम कानूनों में संशोधन वापस लेने, उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों को वापस लेने की मांग की. इस दौरान सभा में उपस्थित लोगों से 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने की अपील की और बड़े पैमाने पर पर्चे वितरित किए गए.

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