प्रयागराज: सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन जारी है. दिल्ली में शाहीनबाग की तरह ही प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में भी बुर्कानशीं महिलाओं ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस कानून के विरोध में आंदोलन जारी रखा है. आंदोलन में बुजुर्गों, बच्चों और तमाम महिला संगठनों से जुड़े लोग न सिर्फ आंदोलन में शामिल महिलाओं को अपना समर्थन दे रहे हैं, बल्कि जाति धर्म और मजहब से ऊपर उठ कर इनकी हौसला अफजाई भी कर रहे हैं. आंदोलन में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के अलावा पूर्व प्रोफेसर ने भी मंसूर अली पार्क पहुंचकर समर्थन दिया.
इस लड़ाई को शांतिपूर्वक आगे बढ़ाने और आंदोलनकारियों में जोश भरने के सिलसिले में पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा ने शाहीनबाग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले की न सिर्फ जानकारी दी, बल्कि सरकार की मंशा पर सवाल भी उठाए. इस दौरान आंदोलन में शामिल हुए इविंग क्रिश्चियन कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर योगेंद्र वर्मा ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में हमारा भी विरोध शामिल है. मन्सूर अली पार्क में बैठी महिलाओं को मेरा समर्थन है.
रिटायर्ड प्रोफेसर योगेंद्र वर्मा ने कहा कि कानून में अगर कोई अपने पीढ़ी दर पीढ़ी की जानकारी नहीं दे पाएगा तो वह इस देश का निवासी नहीं है. हम सरकार से यही कहना चाहेंगे कि हम इसी देश के बेटे हैं और यहीं के बाशिंदे है.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महमूद प्राचा ने कहा कि भाजपा सरकार कानून के दम पर प्रदर्शनकारियों की आवाज दबाने का काम कर रही है लेकिन यह आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है, जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेगी.
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