प्रयागराजः गरीबी के कारण अच्छा इलाज नहीं मिल पाया... बड़े-बड़े अस्पतालों की फीस नहीं होने के कारण इलाज में दिक्कत...सरकारी अस्पताल में अव्यवस्थाएं...ऐसी तमाम शिकायतें आपने सुनीं होंगी. मगर क्या कभी ऐसा सुना है कि निजी अस्पताल के डॉक्टर सरकारी अस्पताल में आकर इलाज कर रहे हैं, वह भी सिर्फ 1 रुपये फीस में. यकीन नहीं होता ना, लेकिन ये सच है. हम बात कर रहे हैं प्रयागराज के तेज बहादुर सप्रू बेली हॉस्पिटल की. बेली सप्रू हॉस्पिटल में सिर्फ 1 रुपये के पर्चे पर मरीजों को देखकर उनका इलाज किया जा रहा है. सरकारी हॉस्पिटल में प्राइवेट डॉक्टरों का इलाज पाकर मरीज भी बेहद खुश व संतुष्ट हैं.
सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक शुरू शहर के तेज बहादुर सप्रू बेली हॉस्पिटल में सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक शुरू हो गयी है. इस योजना के तहत टीबी सप्रू बेली हॉस्पिटल में प्लास्टिक सर्जन और पीडियाट्रिक सर्जन के साथ ही यूरोलॉजिस्ट डॉक्टरों ने मरीजों को देखना शुरू कर दिया है. एक रुपये का पर्चा बनवाकर कोई भी मरीज इन सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से इलाज करवा सकता है. वहीं सरकार की तरफ से शुरू की गई इस योजना से मरीजों में संतुष्टि के साथ ही खुशी भी है.
एक रुपये के पर्चे पर करवा सकते हैं प्लास्टिक सर्जरीटीबी सप्रू बेली हॉस्पिटल में शुरू हुई सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक में विशेषज्ञ डॉक्टरों को दिखाने के लिए किसी भी मरीज को अतिरिक्त भुगतान नहीं करना है. सभी मरीज एक रुपये का पर्चा बनवाकर विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज करवा सकते हैं. बेली हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ. किरण मालिक ने बताया कि अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी जैसे बड़े ऑपरेशन को भी मरीज एक रुपये के पर्चे के जरिये ही करवा सकते हैं. मरीजों को शहर के विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज और ऑपरेशन करवाने के लिए किसी भी तरह का अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़ेगा.
प्रदेश सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरुआत टीबी सप्रू बेली हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ. किरण मालिक ने बताया कि पूरे प्रदेश में अभी लखनऊ और प्रयागराज में ही सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक की शुरुआत हुई है. इसमें लखनऊ के बलरामपुर हॉस्पिटल और प्रयागराज के टीबी सप्रू बेली हॉस्पिटल में योजना शुरू हो गई है. सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक शुरू हो चुकी है. प्रयागराज में शहर के नामी प्लास्टिक सर्जन डॉ. संजय तिवारी, पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. अंजू गुप्ता और यूरोलॉजिस्ट डॉ. तनय सिंह ओपीडी में बैठकर मरीजों को देख रहे हैं. इसके साथ ही कॉर्डियोलॉजी समेत शहर के दूसरे विशेषज्ञ डॉक्टर भी जल्द ही सरकारी अस्पताल में मरीजों का इलाज करते मिलेंगें.
सेवाभाव के तहत सरकारी अस्पताल में देख रहे हैं मरीजशहर के यूरोलॉजिस्ट डॉ. तनय सिंह का कहना है कि बहुत से ऐसे मरीज होते हैं जो फीस नहीं होने की वजह से प्राइवेट हॉस्पिटल या क्लीनिक में नहीं जाते हैं. ऐसे में सरकार की इस योजना से प्रेरित होकर उन्होंने सरकारी अस्पताल में बैठकर मरीजों को देखना शुरू कर दिया है. इससे सरकार की तरफ से उन्हें कुछ मानदेय भी मिलेगा और गरीबों को भी अपनी सेवा दे सकेंगे. उनका कहना है कि कुछ घंटे सरकारी अस्पताल में मरीजों को देखने से आत्म संतुष्टि भी मिलती है. इसी वजह से उन्होंने सरकारी अस्पताल में भी मरीजों को देखना शुरू कर दिया है.
मरीजों में दिखी संतुष्टि और खुशीजब से लोगों को जानकारी मिली है कि शहर के टीबी सप्रू बेली हॉस्पिटल में प्राइवेट स्पेशलिस्ट डॉक्टर ओपीडी में बैठने लगे हैं, लोगों की भीड़ इन सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक के बाहर जुटने लगी है. सरकारी अस्पताल में प्राइवेट डॉक्टर को दिखाने के बाद मरीज खुश होने के साथ ही इलाज से संतुष्ट भी नजर आ रहे हैं. मरीजों का कहना है कि बाहर जो डॉक्टर 800 से 1000 रुपये फीस लेकर मरीज देखते हैं, अब वहीं डॉक्टर सरकार की योजना के तहत सिर्फ एक रुपये का पर्चा बनवाने पर मरीजों को देख रहे हैं. सरकार की इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ गरीब मरीजों को मिलेगा जो फीस के डर से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पास नहीं जाते थे. अब वो मरीज टीबी सप्रू बेली हॉस्पिटल में सिर्फ 1 ₹ में डॉक्टर से इलाज करवा सकते हैं.