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जेल के बंदी हुए हुनरमंद, बनाए करोड़ों के फर्नीचर और खाद्य पदार्थ

प्रयागराज नैनी सेंट्रल जेल में बंद कैदी अधिकारियों के माध्यम से फर्नीचर बनाकर कमाई कर रहे हैं. जेल में बंद कैदी अब तक लाखों के फर्नीचर और खाद्य पदार्थ बना चुके हैं. वहीं, अब कैदियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर सरकारी ऑफिस में ही नहीं बल्कि आम लोगों को दुकानों पर भी मिल सकेंगे.

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फर्नीचर और खाद पदार्थ
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Published : May 29, 2022, 9:14 PM IST

प्रयागराज : नैनी सेंट्रल जेल में बंद कैदी अधिकारियों के माध्यम से फर्नीचर और खाद्य पदार्थ बनाकर कमाई कर रहे हैं. जेल में बंद कैदी अब तक लाखों के फर्नीचर और खाद्य पदार्थ बना चुके हैं. वहीं, अब कैदियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर सरकारी ऑफिस में ही नहीं बल्कि आम लोगों को दुकानों पर भी मिल सकेंगे. जेल में बंद कैदी अपने परिवार के लिए जेल के अंदर से ही फर्नीचर बनाकर कमाई कर रहे हैं.

नैनी सेंट्रल जेल प्रशासन अब जेल में बंद बंदियों के हुनर के हिसाब से उनको रोजगार देने का काम किया है. जेल में बंद कैदियों का हुनर अब आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है. नैनी सेंट्रल जेल के बाहर अब इनके बनाए हुए फर्नीचर और खाद्य पदार्थ आम लोगों को खरीदने को मिलेगा. अभी तक इनके बनाए गए फर्नीचर और खाद्य पदार्थ केवल कुछ विभागों तक ही सीमित रह गए थे लेकिन अब आम जनता क के बीच भी इनके हुनर को लाया जाएगा. इससे इनको रोजगार तो मिलेगा ही, बंदियों को अपराध से भी दूर ले जाएगा.

जेल अधीक्षक पीएन पांडेय

लॉकडाउन के दौरान लगभग एक करोड़ का बनाया फर्नीचर : नैनी सेंट्रल जेल में अलग-अलग कार्यशाला चलाकर उनको रोजगार के बारे में बताया गया था. लॉकडाउन के दौरान कैदियों ने लगभग एक करोड़ का फर्नीचर बनाया था. जेल में बंद अलग-अलग मामलों में सजा काट रहे कैदी अपने लिए रोजगार का जरिया बना चुके हैं.

अभी तक अदालतों में जाते थे फर्नीचर : कैदियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर अभी तक ज्यादातर अदालतों में लगाए जाते थे लेकिन अब यह फर्नीचर आम जनता भी खरीद सकेगी. इसके लिए नैनी सेंट्रल जेल के बाहर सेंटर बनाया गया है जो पूरे प्रदेश में पहला सेंटर है. जेल के अधीक्षक पीएन पांडेय के मुताबिक 45 सौ से अधिक अलग-अलग मामलों में कैदी बंद हैं.

पढ़ेंः उम्रकैद की सजा काट रहे बंदियों के लिए Good News, अब साल में इतने बार मिलेगी रिहाई

कैदियों को अपराध के रास्ते से हटाने का भी प्रयास : कैदियों को अपराध के रास्ते से हटाने के लिए यह कार्यशाला चलाई गई है. इन फर्नीचरों में से जो भी कमाई होगी. उसका कुछ हिस्सा कैदियों को दिया जाएगा और कुछ हिस्सा जेल की जरूरत की चीजों में लगाया जाएगा.

लोगों को लुभा रहे फर्नीचर और खाद पदार्थ : नैनी सेंट्रल जेल के बाहर पहले दिन सेंटर खोलते ही आम लोग की भीड़ लग गई और लोगों ने फर्नीचर और खाद पदार्थों को खरीदा. जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने कहा कि कि इनकी गुणवत्ता को देखते हुए अब अभी तक तो केवल अदालतों में इनका हुनर दिखाया जाता था. जेल प्रशासन ने इनके हुनर को आम लोगों के बीच लाने का बीड़ा उठाया है. उन्होंने कहा कि यह कोई एक-दो दिन लगने वाली प्रदर्शनी नहीं है बल्कि यह हमेशा लोगों के बीच रहेगी.

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प्रयागराज : नैनी सेंट्रल जेल में बंद कैदी अधिकारियों के माध्यम से फर्नीचर और खाद्य पदार्थ बनाकर कमाई कर रहे हैं. जेल में बंद कैदी अब तक लाखों के फर्नीचर और खाद्य पदार्थ बना चुके हैं. वहीं, अब कैदियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर सरकारी ऑफिस में ही नहीं बल्कि आम लोगों को दुकानों पर भी मिल सकेंगे. जेल में बंद कैदी अपने परिवार के लिए जेल के अंदर से ही फर्नीचर बनाकर कमाई कर रहे हैं.

नैनी सेंट्रल जेल प्रशासन अब जेल में बंद बंदियों के हुनर के हिसाब से उनको रोजगार देने का काम किया है. जेल में बंद कैदियों का हुनर अब आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया है. नैनी सेंट्रल जेल के बाहर अब इनके बनाए हुए फर्नीचर और खाद्य पदार्थ आम लोगों को खरीदने को मिलेगा. अभी तक इनके बनाए गए फर्नीचर और खाद्य पदार्थ केवल कुछ विभागों तक ही सीमित रह गए थे लेकिन अब आम जनता क के बीच भी इनके हुनर को लाया जाएगा. इससे इनको रोजगार तो मिलेगा ही, बंदियों को अपराध से भी दूर ले जाएगा.

जेल अधीक्षक पीएन पांडेय

लॉकडाउन के दौरान लगभग एक करोड़ का बनाया फर्नीचर : नैनी सेंट्रल जेल में अलग-अलग कार्यशाला चलाकर उनको रोजगार के बारे में बताया गया था. लॉकडाउन के दौरान कैदियों ने लगभग एक करोड़ का फर्नीचर बनाया था. जेल में बंद अलग-अलग मामलों में सजा काट रहे कैदी अपने लिए रोजगार का जरिया बना चुके हैं.

अभी तक अदालतों में जाते थे फर्नीचर : कैदियों द्वारा बनाए गए फर्नीचर अभी तक ज्यादातर अदालतों में लगाए जाते थे लेकिन अब यह फर्नीचर आम जनता भी खरीद सकेगी. इसके लिए नैनी सेंट्रल जेल के बाहर सेंटर बनाया गया है जो पूरे प्रदेश में पहला सेंटर है. जेल के अधीक्षक पीएन पांडेय के मुताबिक 45 सौ से अधिक अलग-अलग मामलों में कैदी बंद हैं.

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कैदियों को अपराध के रास्ते से हटाने का भी प्रयास : कैदियों को अपराध के रास्ते से हटाने के लिए यह कार्यशाला चलाई गई है. इन फर्नीचरों में से जो भी कमाई होगी. उसका कुछ हिस्सा कैदियों को दिया जाएगा और कुछ हिस्सा जेल की जरूरत की चीजों में लगाया जाएगा.

लोगों को लुभा रहे फर्नीचर और खाद पदार्थ : नैनी सेंट्रल जेल के बाहर पहले दिन सेंटर खोलते ही आम लोग की भीड़ लग गई और लोगों ने फर्नीचर और खाद पदार्थों को खरीदा. जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने कहा कि कि इनकी गुणवत्ता को देखते हुए अब अभी तक तो केवल अदालतों में इनका हुनर दिखाया जाता था. जेल प्रशासन ने इनके हुनर को आम लोगों के बीच लाने का बीड़ा उठाया है. उन्होंने कहा कि यह कोई एक-दो दिन लगने वाली प्रदर्शनी नहीं है बल्कि यह हमेशा लोगों के बीच रहेगी.

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