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बारिश ने माघ मेले की व्यवस्थाओं में डाली अड़चन, कल्पवासी, तीर्थ पुरोहित परेशान...

बारिश के कारण माघ मेले में कल्पवासियों के रहने के लिए नहीं हो पा रही व्यवस्था. माघ मेला शुरू होने के लिए सिर्फ 2 दिन हैं शेष. मकरसंक्रांति से होगी माघ मेले की शुरुआत.

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बारिश ने माघ मेले की व्यवस्थाओं में डाली अड़चन
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Published : Jan 12, 2022, 5:13 PM IST

प्रयागराज : संगम नगरी में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध माघ मेले का पहला स्नान मकर संक्रांति के दिन है. लगभग 2 माह तक चलने वाले इस मेले की शुरुआत 14 जनवरी 2022 से हो रही है. मेले में कल्पवास करने के लिए दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ कई दिनों से रुक-रुककर हो रही लगातार बारिश के कारण मेले की व्यवस्थाओं में अड़चन आ गई है.

गौरतलब है कि शासन-प्रशासन द्वारा लगभग 2 माह पहले से माघ मेले की तैयारियां की जा रहीं हैं. मेले की व्यवस्थाओं को लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकीं हैं, लेकिन अंतिम पड़ाव में बारिश में पूरी व्यवस्थाओं में अवरोध उत्पन्न कर दिया है. बारिश के कारण मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तंबुओं की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.

बारिश ने माघ मेले की व्यवस्थाओं में डाली अड़चन
बारिश ने माघ मेले की व्यवस्थाओं में डाली अड़चन

बारिश के कारण बीते 4 दिनों से कुछ काम नहीं हो पाया है. अब ऐसे में मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने की चिंता सता रही है. माघ मेले के पहले स्नान के लिए सिर्फ 2 दिन शेष बचे हैं. मेले में आने वाले कल्पवासियों द्वारा अपने साथ में लाए गए गुजर-बसर करने के सामान पुआल, रजाई-गद्दे, गृहस्थी का सामान, तंबू आदि को व्यवस्थित नहीं कर पा रहे हैं.

बारिश ने माघ मेले की व्यवस्थाओं में डाली अड़चन
बारिश ने माघ मेले की व्यवस्थाओं में डाली अड़चन

इसे पढ़ें- माघ मेले में कल्पवासियों को दिखाना पड़ेगा डबल डोज टीकाकरण का प्रमाण !

बारिश के सामने मेला प्रशासन लाचार

कई दिनों से लगातार हो रही रुक-रुककर बारिश के सामने मेला प्रशासन लाचार है. कल्पवासियों के लिए लगाए जाने वाले तंबुओं की अधिकांश जमीन पर पानी भर गया है तो कहीं पर जमीन दलदली हो गई है. ऐसे में जमीन को सूखने में समय लगेगा, लेकिन माघ मेला शुरू होने के लिए विल्कुल समय नहीं बचा है. यदि मौसम साफ नहीं होता है, तो मेले में आने वाले शद्धालुओं को कड़ाके की ठंग का सामना करना होगा.

इसे पढ़ें- संगम तट की राह नहीं आसान, कैसे होगा माघ मेला

प्रयागराज : संगम नगरी में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध माघ मेले का पहला स्नान मकर संक्रांति के दिन है. लगभग 2 माह तक चलने वाले इस मेले की शुरुआत 14 जनवरी 2022 से हो रही है. मेले में कल्पवास करने के लिए दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ कई दिनों से रुक-रुककर हो रही लगातार बारिश के कारण मेले की व्यवस्थाओं में अड़चन आ गई है.

गौरतलब है कि शासन-प्रशासन द्वारा लगभग 2 माह पहले से माघ मेले की तैयारियां की जा रहीं हैं. मेले की व्यवस्थाओं को लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकीं हैं, लेकिन अंतिम पड़ाव में बारिश में पूरी व्यवस्थाओं में अवरोध उत्पन्न कर दिया है. बारिश के कारण मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तंबुओं की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.

बारिश ने माघ मेले की व्यवस्थाओं में डाली अड़चन
बारिश ने माघ मेले की व्यवस्थाओं में डाली अड़चन

बारिश के कारण बीते 4 दिनों से कुछ काम नहीं हो पाया है. अब ऐसे में मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने की चिंता सता रही है. माघ मेले के पहले स्नान के लिए सिर्फ 2 दिन शेष बचे हैं. मेले में आने वाले कल्पवासियों द्वारा अपने साथ में लाए गए गुजर-बसर करने के सामान पुआल, रजाई-गद्दे, गृहस्थी का सामान, तंबू आदि को व्यवस्थित नहीं कर पा रहे हैं.

बारिश ने माघ मेले की व्यवस्थाओं में डाली अड़चन
बारिश ने माघ मेले की व्यवस्थाओं में डाली अड़चन

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बारिश के सामने मेला प्रशासन लाचार

कई दिनों से लगातार हो रही रुक-रुककर बारिश के सामने मेला प्रशासन लाचार है. कल्पवासियों के लिए लगाए जाने वाले तंबुओं की अधिकांश जमीन पर पानी भर गया है तो कहीं पर जमीन दलदली हो गई है. ऐसे में जमीन को सूखने में समय लगेगा, लेकिन माघ मेला शुरू होने के लिए विल्कुल समय नहीं बचा है. यदि मौसम साफ नहीं होता है, तो मेले में आने वाले शद्धालुओं को कड़ाके की ठंग का सामना करना होगा.

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