प्रयागराज: सनातन धर्म के देवी-देवताओं, ब्राह्मणों, साधु-संतों और वेद पुराणों पर की गई टिप्पणी को लेकर राष्ट्रीय परशुराम सेना ने बुधवार को बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया. साथ ही सेना ने मोहन भागवत को लेकर कहा कि उन्हें गीता पढ़ने और समझने की जरूरत है. परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल तिवारी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर उग्र प्रदर्शन कर जेल भरो आंदोलन को बाध्य होंगे.
स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस पर टिप्पणी के बाद विरोध प्रदर्शन शांत नहीं हुआ था कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के श्रीमद् भागवत गीता पर की गई टिप्पणी पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. इसको लेकर बुधवार को विमल तिवारी के नेतृत्व में राष्ट्रीय परशुराम सेना ब्रह्म वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने पत्थर गिरजाघर के पास बुद्धि शुद्धि यज्ञ करके विरोध जताया. इस दौरान राज्य सरकार और केंद्र सरकार से सख्त-सख्त सजा के साथ कानून में लाने की मांग की. जिससे भविष्य में ऐसे लोगों द्वारा कोई गलती न हो. उन्होंने कहा कि 650 साल तक देश गुलामी का दंश झेला है. जहां ब्राह्मणों ने अपने त्याग और बलिदान को देकर देश की सभ्यता और संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखा.
राष्ट्रीय परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल तिवारी ने कहा कि संविधान के निर्माण की प्रक्रिया के पीछे ब्राह्मणों के अभूतपूर्व योगदान की कहानी रही है. उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता के 13 श्लोक में श्रीकृष्ण ने कहा है कि वर्ण की व्यवस्था कर्मों के आधार पर मैंने ही की है. उन्होंने कहा कि इसी को लेकर ब्राह्मण समाज एकजुट होकर बुद्धि शुद्धि यज्ञ करके अपना विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि अब हम बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं. बार-बार आगाह करने के बाद भी कोई परिणाम नहीं दिख रहा है. अब हम उग्र प्रदर्शन के साथ जेल भरो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.