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दो साइबर ठग गिरफ्तार, झारखंड के जामताड़ा से जुड़े तार

प्रयागराज (Prayagraj) में साइबर क्राइम टीम (Cyber Crime Team) ने दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से अलग-अलग लोगों के पहचान पत्र समेत अन्य कागजात बरामद हुए हैं. गिरफ्तार ठगों के तार झारखंड के जामताड़ा से जुड़े हुए हैं.

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साइबर ठगी
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Published : Jun 23, 2021, 2:33 PM IST

प्रयागराज : जिले में साइबर ठगी (Cyber Crime) का अनोखा मामला सामने आया है. ठगी में शामिल दो शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. ये ठग गरीब और बेरोजगार लोगों को डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह मिलने का लालच देकर उनसे उनका पहचान पत्र समेत अन्य कागजात ले लिया करते थे. जिसके बाद उन दस्तावेजों के आधार पर वे अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाकर उसमें ठगी की रकम को ट्रांसफर कर लिया करते थे. पुलिस के मुताबिक, ये साइबर ठग एक महीने के अंदर करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं.

एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा (SP Crime Ashutosh Mishra) ने बताया कि ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर (Online Money Transfer) करने वाली एक कंपनी नियर बाई पे (Near By Pay) ने कुछ दिनों पहले साइबर सेल (Cyber Cell) में शिकायत की थी कि कुछ खाते संदिग्ध लग रहे हैं, जिनसे लगातार पैसा ट्रांसफर हो रहा है. कंपनी ने इन खातों की जांच करने की मांग की थी. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया, जिसके बाद दोनों शातिर धीरज पांडे और राहुल पांडे उसके हत्थे चढ़ गए. साइबर क्राइम टीम (Cyber Crime Team) के हत्थे चढ़े शातिर धीरज और राहुल नागालैंड में भी वांछित है. ठगी के खुलासे का पता चलते ही राहुल का भाई शुभम मुंबई भाग गया. इस गिरोह के अन्य सदस्य भी घर छोड़कर फरार हो चुके हैं.

दो साइबर ठग गिरफ्तार
एसपी क्राइम के मुताबिक प्रतापगढ़ (Pratapgarh) के फतनपुर थाना (Police Station Fatanpur) क्षेत्र निवासी धीरज मुंबई में रहता था. यहां पर वह साइबर अपराधी के संपर्क में आया. जिसके बाद वह गरीबों और बेरोजगारों को एक से डेढ़ हजार रुपये प्रति माह मिलने का लालच देकर उनसे लगभग 200 खाते खुलवाएं. इन खातों में जामताड़ा (झारखंड) में बैठे साइबर साथियों का मोबाइल नंबर दर्ज करा दिया. ठगी का पैसा खाते में आने पर शातिर OTP से उसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते थे. पुलिस पकड़े गए ठगों से गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की कार्यशैली के बारे में जानकारी ली है.इसे भी पढ़ें- ATM मशीन ठीक करने आए इंजीनियर की पिटाई, वारदात CCTV में कैद

एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा का कहना है कि ये बहुत बड़ा गिरोह है, जिसके ये मुख्य सरगना है. गिरफ्तार ठगों ने इस कंपनी के अलावा भी अन्य माध्यमों से ठगी को अंजाम दिया था. पुलिस ने इनके पास से नगदी रुपये, सैकड़ों आधार कार्ड, कई लोगों की आईडी सहित लैपटॉप और मोबाइल बरामद किए हैं.

प्रयागराज : जिले में साइबर ठगी (Cyber Crime) का अनोखा मामला सामने आया है. ठगी में शामिल दो शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. ये ठग गरीब और बेरोजगार लोगों को डेढ़ हजार रुपये प्रतिमाह मिलने का लालच देकर उनसे उनका पहचान पत्र समेत अन्य कागजात ले लिया करते थे. जिसके बाद उन दस्तावेजों के आधार पर वे अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाकर उसमें ठगी की रकम को ट्रांसफर कर लिया करते थे. पुलिस के मुताबिक, ये साइबर ठग एक महीने के अंदर करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं.

एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा (SP Crime Ashutosh Mishra) ने बताया कि ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर (Online Money Transfer) करने वाली एक कंपनी नियर बाई पे (Near By Pay) ने कुछ दिनों पहले साइबर सेल (Cyber Cell) में शिकायत की थी कि कुछ खाते संदिग्ध लग रहे हैं, जिनसे लगातार पैसा ट्रांसफर हो रहा है. कंपनी ने इन खातों की जांच करने की मांग की थी. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया, जिसके बाद दोनों शातिर धीरज पांडे और राहुल पांडे उसके हत्थे चढ़ गए. साइबर क्राइम टीम (Cyber Crime Team) के हत्थे चढ़े शातिर धीरज और राहुल नागालैंड में भी वांछित है. ठगी के खुलासे का पता चलते ही राहुल का भाई शुभम मुंबई भाग गया. इस गिरोह के अन्य सदस्य भी घर छोड़कर फरार हो चुके हैं.

दो साइबर ठग गिरफ्तार
एसपी क्राइम के मुताबिक प्रतापगढ़ (Pratapgarh) के फतनपुर थाना (Police Station Fatanpur) क्षेत्र निवासी धीरज मुंबई में रहता था. यहां पर वह साइबर अपराधी के संपर्क में आया. जिसके बाद वह गरीबों और बेरोजगारों को एक से डेढ़ हजार रुपये प्रति माह मिलने का लालच देकर उनसे लगभग 200 खाते खुलवाएं. इन खातों में जामताड़ा (झारखंड) में बैठे साइबर साथियों का मोबाइल नंबर दर्ज करा दिया. ठगी का पैसा खाते में आने पर शातिर OTP से उसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते थे. पुलिस पकड़े गए ठगों से गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की कार्यशैली के बारे में जानकारी ली है.इसे भी पढ़ें- ATM मशीन ठीक करने आए इंजीनियर की पिटाई, वारदात CCTV में कैद

एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा का कहना है कि ये बहुत बड़ा गिरोह है, जिसके ये मुख्य सरगना है. गिरफ्तार ठगों ने इस कंपनी के अलावा भी अन्य माध्यमों से ठगी को अंजाम दिया था. पुलिस ने इनके पास से नगदी रुपये, सैकड़ों आधार कार्ड, कई लोगों की आईडी सहित लैपटॉप और मोबाइल बरामद किए हैं.

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