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जेहादी हमला : बस कंडक्टर के पास इलाज के लिए नहीं बचे पैसे, परिवार उधार से चला रहा काम, सीएम योगी से गुहार

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 28, 2023, 5:19 PM IST

Updated : Nov 28, 2023, 7:23 PM IST

प्रयागराज में जेहादी हमले (Prayagraj Jihadi Attack) ने सभी हो हिलाकर रख दिया था. इंजीनियरिंग छात्र के हमले से बस कंडक्टर (Engineering Student Attack on Bus Conductor) घायल हो गया था. यह हमला राजस्थान के उदयपुर जैसा था. वहीं, बस कंडक्टर के परिवार के पास अब इलाज के लिए पैस नहीं है. उन्होंने सीएम योगी से मदद के लिए गुहार लगाई है.

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जेहादी हमले में घायल बस कंडक्टर के परिवार के पास इलाज के लिए पैसे नहीं

प्रयागराज: संगमनगरी में शुक्रवार को उदयपुर के कन्हैया लाल जैसी घटना हुई थी. इंजीनियरिंग के छात्र ने बस कंडक्टर पर चापड़ से हमला कर दिया था. इसके बाद आरोपी का वीडियो सामने आया तो इस मामले ने सियासती तूल पकड़ लिया. लेकिन, इस हमले में घायल हुए बस कंडक्टर की सुध लेने वाला कोई नहीं है. उसके परिवार के पास अब इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. परिजन लोगों से पैसे उधार मांग कर बेटे का इलाज करवा रहे हैं. अब उन्होंने मदद के लिए सीएम योगी गुहार लगाई है.

बता दें कि बीटेक के छात्र लारेब हाशमी ने शुक्रवार को चलती हुई सिटी बस में कंडक्टर हरिकेश विश्वकर्मा पर हमला कर दिया था. गले पर हुए चापड़ से हमले में बुरी तरह से घायल हरिकेश विश्वकर्मा का चार दिनों से इलाज चल रहा है. हालत में सुधार होने के बाद अब उसे आईसीयू से इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. इसी बीच उसके परिवार वालों ने 60 हजार रुपये से अधिक की रकम खर्च कर दी है. लेकिन, अब उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. इससे माता-पिता परेशान हैं. उनका कहना है कि उनके पास जो कुछ था, सब लगाकर बेटे का इलाज करवा रहे हैं. अब पैसे न होने से वह खेत या घर बेचकर इलाज करवाने की बात कर रहे हैं.

लारेब हाशमी के ताऊ मोहम्मद अली से बातचीत

कंडक्टर हरिकेश विश्वकर्मा के इलाज के लिए परिजन अब पैसे नहीं जुटा पा रहे हैं. उन्होंने लोगों से पैसे मांगकर इलाज करवाया है. यही कारण है कि घायल हरिकेश की मां फूलपत्ती देवी और पिता राम शिरोमणि विश्वकर्मा सीएम योगी आदित्यनाथ से बेटे का पूरा इलाज करवाने की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि सीएम योगी मामले का संज्ञान लें और घायल बेटे के स्वस्थ होने तक का इलाज का खर्च सरकार की तरफ से उपलब्ध करवा दें, जिससे उनका बेटा जल्द पूरी तरह स्वस्थ हो सके. राम शिरोमणि विश्वकर्मा ने बताया कि उनके पास करीब ढाई बीघे तक जमीन है, जिस पर खेती करके वह परिवार का पेट पालते हैं. चार दिन में किसी तरह से मांग कर उन्होंने बेटे का इलाज करवाया है.

प्रयागराज के हाजीगंज इलाके में रहने वाले लारेब हाशमी के पिता मोहम्मद यूनुस और उनके बड़े भाई मोहम्मद अली अगल-बगल घर में रहते हैं. मोहम्मद अली का कहना है कि उनका अपने भाई और उसके परिवार से कोई रिश्ता नहीं है. दस सालों से दोनों भाई एक दूसरे से अलग रहते हैं. उनका आपसी संबंध नहीं है. मोहम्मद अली का कहना है कि लारेब और उसके पिता के साथ उनका रिश्ता नहीं है. साथ ही यह भी कहा कि लारेब ने जो किया है, वह उसके बिल्कुल भी पक्षधर नहीं हैं. उनका कहना है कि लारेब ने जो किया है, उसकी सजा उसको जरूर मिलनी चाहिए. उनका यह भी कहना है कि वह सरकार और प्रशासन के साथ हैं. जहां भी जरूरत पड़ेगी वह शासन-प्रशासन की हर प्रकार से मदद करने के लिए तैयार हैं.

लारेब के ताऊ मोहम्मद अली ने यह बताया कि शनिवार सुबह उन्हें इस मामले की जानकारी मिली. लारेब के घरवाले घटना के बाद से ही फरार हो गए हैं. वो कहां गए हैं और किस वजह से पूरा परिवार फरार है, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि इस घटना के बाद से उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लारेब जहां घायल है, वहीं उसके परिवार वाले फरार हो गए हैं. इस कारण जो भी एजेंसी के लोग जांच पड़ताल करने के लिए लारेब के घर पहुंचते हैं, वहां ताला लगा हुआ देखकर उनसे और उनके परिवार वालों से पूछताछ करते हैं. जबकि, उनका उस परिवार से कोई रिश्ता नहीं है.

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जेहादी हमले में घायल बस कंडक्टर के परिवार के पास इलाज के लिए पैसे नहीं

प्रयागराज: संगमनगरी में शुक्रवार को उदयपुर के कन्हैया लाल जैसी घटना हुई थी. इंजीनियरिंग के छात्र ने बस कंडक्टर पर चापड़ से हमला कर दिया था. इसके बाद आरोपी का वीडियो सामने आया तो इस मामले ने सियासती तूल पकड़ लिया. लेकिन, इस हमले में घायल हुए बस कंडक्टर की सुध लेने वाला कोई नहीं है. उसके परिवार के पास अब इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. परिजन लोगों से पैसे उधार मांग कर बेटे का इलाज करवा रहे हैं. अब उन्होंने मदद के लिए सीएम योगी गुहार लगाई है.

बता दें कि बीटेक के छात्र लारेब हाशमी ने शुक्रवार को चलती हुई सिटी बस में कंडक्टर हरिकेश विश्वकर्मा पर हमला कर दिया था. गले पर हुए चापड़ से हमले में बुरी तरह से घायल हरिकेश विश्वकर्मा का चार दिनों से इलाज चल रहा है. हालत में सुधार होने के बाद अब उसे आईसीयू से इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. इसी बीच उसके परिवार वालों ने 60 हजार रुपये से अधिक की रकम खर्च कर दी है. लेकिन, अब उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. इससे माता-पिता परेशान हैं. उनका कहना है कि उनके पास जो कुछ था, सब लगाकर बेटे का इलाज करवा रहे हैं. अब पैसे न होने से वह खेत या घर बेचकर इलाज करवाने की बात कर रहे हैं.

लारेब हाशमी के ताऊ मोहम्मद अली से बातचीत

कंडक्टर हरिकेश विश्वकर्मा के इलाज के लिए परिजन अब पैसे नहीं जुटा पा रहे हैं. उन्होंने लोगों से पैसे मांगकर इलाज करवाया है. यही कारण है कि घायल हरिकेश की मां फूलपत्ती देवी और पिता राम शिरोमणि विश्वकर्मा सीएम योगी आदित्यनाथ से बेटे का पूरा इलाज करवाने की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि सीएम योगी मामले का संज्ञान लें और घायल बेटे के स्वस्थ होने तक का इलाज का खर्च सरकार की तरफ से उपलब्ध करवा दें, जिससे उनका बेटा जल्द पूरी तरह स्वस्थ हो सके. राम शिरोमणि विश्वकर्मा ने बताया कि उनके पास करीब ढाई बीघे तक जमीन है, जिस पर खेती करके वह परिवार का पेट पालते हैं. चार दिन में किसी तरह से मांग कर उन्होंने बेटे का इलाज करवाया है.

प्रयागराज के हाजीगंज इलाके में रहने वाले लारेब हाशमी के पिता मोहम्मद यूनुस और उनके बड़े भाई मोहम्मद अली अगल-बगल घर में रहते हैं. मोहम्मद अली का कहना है कि उनका अपने भाई और उसके परिवार से कोई रिश्ता नहीं है. दस सालों से दोनों भाई एक दूसरे से अलग रहते हैं. उनका आपसी संबंध नहीं है. मोहम्मद अली का कहना है कि लारेब और उसके पिता के साथ उनका रिश्ता नहीं है. साथ ही यह भी कहा कि लारेब ने जो किया है, वह उसके बिल्कुल भी पक्षधर नहीं हैं. उनका कहना है कि लारेब ने जो किया है, उसकी सजा उसको जरूर मिलनी चाहिए. उनका यह भी कहना है कि वह सरकार और प्रशासन के साथ हैं. जहां भी जरूरत पड़ेगी वह शासन-प्रशासन की हर प्रकार से मदद करने के लिए तैयार हैं.

लारेब के ताऊ मोहम्मद अली ने यह बताया कि शनिवार सुबह उन्हें इस मामले की जानकारी मिली. लारेब के घरवाले घटना के बाद से ही फरार हो गए हैं. वो कहां गए हैं और किस वजह से पूरा परिवार फरार है, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. उनका कहना है कि इस घटना के बाद से उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लारेब जहां घायल है, वहीं उसके परिवार वाले फरार हो गए हैं. इस कारण जो भी एजेंसी के लोग जांच पड़ताल करने के लिए लारेब के घर पहुंचते हैं, वहां ताला लगा हुआ देखकर उनसे और उनके परिवार वालों से पूछताछ करते हैं. जबकि, उनका उस परिवार से कोई रिश्ता नहीं है.

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Last Updated : Nov 28, 2023, 7:23 PM IST
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