ETV Bharat / state

जानलेवा हैं खर्राटे, हल्के में मत लीजिए! कई बीमारियों का घर है खर्राटा, हार्ट अटैक का भी खतरा

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 8, 2023, 7:32 PM IST

Updated : Dec 9, 2023, 2:05 PM IST

सोते समय खर्राटे लेने को अक्सर लोग आम समस्या मान लेते हैं, लेकिन ये किसी बीमारी के संकेत के रूप में भी सामने आते हैं. प्रयागराज में चल रहे अधिवेशन (Prayagraj ENT surgeon convention) में चिकित्सक इस पर चर्चा कर रहे हैं.

अधिवेशन में कई राज्यों के चिकित्सक जुटे हैं.
अधिवेशन में कई राज्यों के चिकित्सक जुटे हैं.
अधिवेशन में कई राज्यों के चिकित्सक जुटे हैं.

प्रयागराज : सोते समय अगर आप भी खर्राटे लेते हैं तो सचेत हो जाइए. यह किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं. उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ ईएनटी सर्जन्स के 40वें वार्षिक अधिवेशन में चिकित्सक इस पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं. दूसरे राज्यों से आए नाक, कान-गले से जुड़ी तमाम बीमारियों पर मंथन कर रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार खर्राटा कोई भी ले रहा हो, बच्चे हों या बड़े, यह आम नहीं होता है. इसकी जांच जरूरी है. खर्राटे से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है.

अधिवेशन में 300 विशेषज्ञ ले रहे हैं हिस्सा : अधिवेशन में हरियाणा, कोलकाता, बेंगलुरु और राजस्थान से 300 विशेषज्ञ चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं. तीन दिनों तक चलने वाले इस वर्कशॉप में डॉक्टरों को मरीजों की लाइव सर्जरी करके दिखाई जा रही है. इस दौरान नाक, कान व गले से जुड़ी सर्जरी करने के दौरान नई तकनीकों का इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है. कोलकाता से आए डॉक्टर सुदीप्तो चंद्रा ने बताया कि खर्राटे लेना कई प्रकार की बीमारियों के संकेत हो सकते हैं. बच्चों से लेकर बड़ों तक में खर्राटे लेना खतरनाक साबित हो सकता है. खर्राटे की आवाज सोते समय तभी निकलती है जब नाक से लेकर गले से होते हुए हार्ट तक जाने वाली सांस की नली पतली हो जाती है. जब सांस पूरी तरह से फेफड़े तक नहीं पहुंच पाती है तो खर्राटे की आवाज आती है. सांस की नली के पतले होने के कई कारण है. इनमें नाक की हड्डी का बढ़ना, साइनस की दिक्कत, एलर्जी समेत कई वजह होती हैं.

दवा से लेकर ऑपरेशन तक से होता है इलाज : डॉक्टरों के इस अधिवेशन के आयोजक यूनाइटेड मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मंगल सिंह ने बताया कि खर्राटों की बीमारी की वजह से एक तरफ जहां दिल का दौरा तक पड़ सकता है. वहीं दूसरी तरफ इस समस्या की वजह से पति-पत्नी के रिश्तों में खटास आ जाती है. कई मामलों में तलाक तक की नौबत भी आ जाती है. डॉक्टरों के पास खर्राटे से निजात दिलाने के लिए दवा से लेकर सर्जरी तक का विकल्प मौजूद है. जिन मामलों में ऑपरेशन करना संभव नहीं है उनके लिए सिपैप का विकल्प दिया जाता है. अब खर्राटे से निजात दिलाने के लिए कॉबलेशन सर्जरी की जाने लगी है. कॉबलेशन सर्जरी ब्लडलेस और पेनलेस होती है. इसका खर्च ज्यादा आता है. कोलकाता से आए डॉक्टर सुदीप्तो ने बताया कि कॉबलेशन सर्जरी नाक और गले से नीचे जाने वाली सांस की नली में ब्लॉकेज के आधार पर की जाती है. इसका खर्च प्राइवेट अस्पताल में 50 हजार से लेकर 5 लाख तक भी हो सकता है.इस सर्जरी से पहले स्लीप स्टडी टेस्ट भी करवाया जाता है.

यह भी पढ़ें : सिपाही की हत्या का लगा था आरोप, ढाई साल रहे जेल में, फिर एलएलबी की पढ़ाई कर खुद लड़ा अपना केस, हुए बरी

अधिवेशन में कई राज्यों के चिकित्सक जुटे हैं.

प्रयागराज : सोते समय अगर आप भी खर्राटे लेते हैं तो सचेत हो जाइए. यह किसी बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं. उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ ईएनटी सर्जन्स के 40वें वार्षिक अधिवेशन में चिकित्सक इस पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं. दूसरे राज्यों से आए नाक, कान-गले से जुड़ी तमाम बीमारियों पर मंथन कर रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार खर्राटा कोई भी ले रहा हो, बच्चे हों या बड़े, यह आम नहीं होता है. इसकी जांच जरूरी है. खर्राटे से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है.

अधिवेशन में 300 विशेषज्ञ ले रहे हैं हिस्सा : अधिवेशन में हरियाणा, कोलकाता, बेंगलुरु और राजस्थान से 300 विशेषज्ञ चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं. तीन दिनों तक चलने वाले इस वर्कशॉप में डॉक्टरों को मरीजों की लाइव सर्जरी करके दिखाई जा रही है. इस दौरान नाक, कान व गले से जुड़ी सर्जरी करने के दौरान नई तकनीकों का इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है. कोलकाता से आए डॉक्टर सुदीप्तो चंद्रा ने बताया कि खर्राटे लेना कई प्रकार की बीमारियों के संकेत हो सकते हैं. बच्चों से लेकर बड़ों तक में खर्राटे लेना खतरनाक साबित हो सकता है. खर्राटे की आवाज सोते समय तभी निकलती है जब नाक से लेकर गले से होते हुए हार्ट तक जाने वाली सांस की नली पतली हो जाती है. जब सांस पूरी तरह से फेफड़े तक नहीं पहुंच पाती है तो खर्राटे की आवाज आती है. सांस की नली के पतले होने के कई कारण है. इनमें नाक की हड्डी का बढ़ना, साइनस की दिक्कत, एलर्जी समेत कई वजह होती हैं.

दवा से लेकर ऑपरेशन तक से होता है इलाज : डॉक्टरों के इस अधिवेशन के आयोजक यूनाइटेड मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मंगल सिंह ने बताया कि खर्राटों की बीमारी की वजह से एक तरफ जहां दिल का दौरा तक पड़ सकता है. वहीं दूसरी तरफ इस समस्या की वजह से पति-पत्नी के रिश्तों में खटास आ जाती है. कई मामलों में तलाक तक की नौबत भी आ जाती है. डॉक्टरों के पास खर्राटे से निजात दिलाने के लिए दवा से लेकर सर्जरी तक का विकल्प मौजूद है. जिन मामलों में ऑपरेशन करना संभव नहीं है उनके लिए सिपैप का विकल्प दिया जाता है. अब खर्राटे से निजात दिलाने के लिए कॉबलेशन सर्जरी की जाने लगी है. कॉबलेशन सर्जरी ब्लडलेस और पेनलेस होती है. इसका खर्च ज्यादा आता है. कोलकाता से आए डॉक्टर सुदीप्तो ने बताया कि कॉबलेशन सर्जरी नाक और गले से नीचे जाने वाली सांस की नली में ब्लॉकेज के आधार पर की जाती है. इसका खर्च प्राइवेट अस्पताल में 50 हजार से लेकर 5 लाख तक भी हो सकता है.इस सर्जरी से पहले स्लीप स्टडी टेस्ट भी करवाया जाता है.

यह भी पढ़ें : सिपाही की हत्या का लगा था आरोप, ढाई साल रहे जेल में, फिर एलएलबी की पढ़ाई कर खुद लड़ा अपना केस, हुए बरी

Last Updated : Dec 9, 2023, 2:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.