ETV Bharat / state

प्रयागराज की बेटी खेलेगी अंडर 19 टी-20 महिला वर्ल्ड कप का मैच - Falak Naz of Prayagraj

प्रयागराज की फलक नाज का सेलेक्शन भारतीय क्रिकेट टीम की अंडर 19 महिला टीम में हुआ है. फलक तेज गेंदबाज होने के साथ ही मध्यक्रम की आक्रामक बल्लेबाज भी हैं.

फलक नाज
फलक नाज
author img

By

Published : Dec 8, 2022, 4:08 PM IST

प्रयागराज: संगम नगरी की बेटी फलक नाज का सेलेक्शन भारतीय क्रिकेट टीम की अंडर 19 महिला टीम में हुआ है. फलक तेज गेंदबाज होने के साथ ही मध्यक्रम की आक्रामक बल्लेबाज भी हैं. जनवरी 2023 में साउथ अफ्रीका में होने वाले अंडर 19 टी 20 महिला विश्वकप में खेलने जाने वाली टीम का हिस्सा प्रयागराज की तेज गेंदबाज फलक भी बन चुकी है. अंडर 19 वर्ल्डकप की महिला क्रिकेट टीम में सेलेक्ट होने के बाद फलक नाज बुधवार की शाम प्रयागराज पहुंची, जहां पर फलक के साथ ही उसके माता पिता और कोच ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

जानकारी देते हुए फलक नाज

प्रयागराज की रहने वाली फलक नाज के पिता निजी स्कूल में चपरासी हैं और उन्होंने खुद भूखे रहते हुए बेटी के क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा किया. गरीबी के बीच पली बढ़ी फलक ने भी पिता के खून पसीने की कमाई से खरीदे गए गेंद बल्ले की कीमत समझी और प्रयागराज के परेड मैदान से लेकर भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने का सफर तय किया. फलक के माता पिता और कोच सभी का सपना है कि अंडर 19 वर्ल्ड कप टीम से खेलने के बाद फलक का चयन भारतीय महिला क्रिकेट टीम में हो और वो महिला वर्ल्ड और टी 20 महिला वर्ल्डकप भी खेलकर देश दुनिया में प्रयागराज का नाम रोशन करे.

etv bharat
आक्रामक बल्लेबाज फलक नाज
फलक की कामयाबी में कोच का अहम किरदारफलक नाज प्रयागराज के के एन काटजू इंटर कॉलेज में 12वीं की छात्रा हैं. इसके साथ ही इसी कॉलेज से क्रिकेट की बारीकी सीखने का काम उन्होंने कोच अजय यादव के नेतृत्व में किया. अजय यादव के देखरेख में ही गेंदबाजी और बल्लेबाजी की बारीकियां सीखी हैं. भारतीय क्रिकेट टीम की अंडर 19 महिला टीम में सेलेक्ट होने के बाद बुधवार को जब फलक पहली बार अपने घर पहुंची तो सबसे पहले वह एयरपोर्ट से सीधे अपने खेल के मैदान पर गई, जहां पर उन्होंने अपने कोच से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. इसके साथ ही कोच अजय यादव ने भी पलक को ग्राउंड पर ले जाकर आज भी गेंदबाजी और बल्लेबाजी की बारीकियों को सिखाया. वहीं, फलक का कहना है कि उनके इस कामयाबी में उनके माता-पिता के साथ ही कोच का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है, क्योंकि गरीब परिवार से आने वाली फलक के पास क्रिकेटर बनने का सपना तो था. लेकिन उस सपने को पूरा करने के लिए चुकाने वाली कीमत नहीं थी. लेकिन कोच अजय यादव ने फलक के सपने को पूरा करने का न सिर्फ भरोसा दिया. बल्कि फलक से किसी भी तरह की कोचिंग फीस नहीं ली.
etv bharat
तेज गेंदबाज फलक नाज

फलक के पिता चपरासी की नौकरी करने के बाद करते थे मेहनत मजदूरी
फलक नाज के पिता नासिर अहमद ने बताया कि वह निजी स्कूल में चपरासी का काम करते हैं. लेकिन उस छोटी सी कमाई में वह अपने घर का खर्च भी पूरा नहीं कर पाते थे. बेटी फलक के क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी के बाद भी रात में भी काम करना शुरू किया. छोटे मोटे काम करने के साथ ही इलेक्ट्रिशियन का काम करते थे. दूसरे घरों की बिजली बनाकर उसी कमाई से बेटी के जीवन में उजाला लाने के लिए निरन्तर मेहनत करते थे. फलक के पिता ने बताया कि वो रात रात भर जागकर मेहनत करते थे. उनका कहना था कि बेटी के खेलने खाने के लिए वह नौकरी के अलावा बचे हुए समय में मेहनत मजदूरी करके कमाई करते थे और उसी पैसे से बेटी के लिए क्रिकेट से जुड़े सभी सामान खरीदते थे.

etv bharat
कोच के साथ अभ्यास

फलक ने कामयाबी का श्रेय पिता और कोच की मेहनत को दिया
वहीं, फलक ने अपने इस योगदान के लिए अपने माता पिता के साथ ही कोच को श्रेय दिया है. उनका कहना है कि उन्होंने क्रिकेटर बनने का सपना देखा था. लेकिन उस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने सिर्फ मेहनत किया है. बाकी सब कुछ उनके माता पिता और कोच ने किया है. प्रयागराज के परेड मैदान से लेकर भारतीय क्रिकेट टीम में पहुंचने तक का पलक का सफर था. वह काफी मुश्किलों भरा रहा है. गरीबी की वजह से फलक को यहां तक पहुंचने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिसे यादकर फलक के माता पिता की आंखे आज भी भर आई.

यह भी पढ़ें- प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सपा में विलय, अखिलेश ने झंडा देकर किया चाचा का स्वागत

प्रयागराज: संगम नगरी की बेटी फलक नाज का सेलेक्शन भारतीय क्रिकेट टीम की अंडर 19 महिला टीम में हुआ है. फलक तेज गेंदबाज होने के साथ ही मध्यक्रम की आक्रामक बल्लेबाज भी हैं. जनवरी 2023 में साउथ अफ्रीका में होने वाले अंडर 19 टी 20 महिला विश्वकप में खेलने जाने वाली टीम का हिस्सा प्रयागराज की तेज गेंदबाज फलक भी बन चुकी है. अंडर 19 वर्ल्डकप की महिला क्रिकेट टीम में सेलेक्ट होने के बाद फलक नाज बुधवार की शाम प्रयागराज पहुंची, जहां पर फलक के साथ ही उसके माता पिता और कोच ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

जानकारी देते हुए फलक नाज

प्रयागराज की रहने वाली फलक नाज के पिता निजी स्कूल में चपरासी हैं और उन्होंने खुद भूखे रहते हुए बेटी के क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा किया. गरीबी के बीच पली बढ़ी फलक ने भी पिता के खून पसीने की कमाई से खरीदे गए गेंद बल्ले की कीमत समझी और प्रयागराज के परेड मैदान से लेकर भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने का सफर तय किया. फलक के माता पिता और कोच सभी का सपना है कि अंडर 19 वर्ल्ड कप टीम से खेलने के बाद फलक का चयन भारतीय महिला क्रिकेट टीम में हो और वो महिला वर्ल्ड और टी 20 महिला वर्ल्डकप भी खेलकर देश दुनिया में प्रयागराज का नाम रोशन करे.

etv bharat
आक्रामक बल्लेबाज फलक नाज
फलक की कामयाबी में कोच का अहम किरदारफलक नाज प्रयागराज के के एन काटजू इंटर कॉलेज में 12वीं की छात्रा हैं. इसके साथ ही इसी कॉलेज से क्रिकेट की बारीकी सीखने का काम उन्होंने कोच अजय यादव के नेतृत्व में किया. अजय यादव के देखरेख में ही गेंदबाजी और बल्लेबाजी की बारीकियां सीखी हैं. भारतीय क्रिकेट टीम की अंडर 19 महिला टीम में सेलेक्ट होने के बाद बुधवार को जब फलक पहली बार अपने घर पहुंची तो सबसे पहले वह एयरपोर्ट से सीधे अपने खेल के मैदान पर गई, जहां पर उन्होंने अपने कोच से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. इसके साथ ही कोच अजय यादव ने भी पलक को ग्राउंड पर ले जाकर आज भी गेंदबाजी और बल्लेबाजी की बारीकियों को सिखाया. वहीं, फलक का कहना है कि उनके इस कामयाबी में उनके माता-पिता के साथ ही कोच का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है, क्योंकि गरीब परिवार से आने वाली फलक के पास क्रिकेटर बनने का सपना तो था. लेकिन उस सपने को पूरा करने के लिए चुकाने वाली कीमत नहीं थी. लेकिन कोच अजय यादव ने फलक के सपने को पूरा करने का न सिर्फ भरोसा दिया. बल्कि फलक से किसी भी तरह की कोचिंग फीस नहीं ली.
etv bharat
तेज गेंदबाज फलक नाज

फलक के पिता चपरासी की नौकरी करने के बाद करते थे मेहनत मजदूरी
फलक नाज के पिता नासिर अहमद ने बताया कि वह निजी स्कूल में चपरासी का काम करते हैं. लेकिन उस छोटी सी कमाई में वह अपने घर का खर्च भी पूरा नहीं कर पाते थे. बेटी फलक के क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी के बाद भी रात में भी काम करना शुरू किया. छोटे मोटे काम करने के साथ ही इलेक्ट्रिशियन का काम करते थे. दूसरे घरों की बिजली बनाकर उसी कमाई से बेटी के जीवन में उजाला लाने के लिए निरन्तर मेहनत करते थे. फलक के पिता ने बताया कि वो रात रात भर जागकर मेहनत करते थे. उनका कहना था कि बेटी के खेलने खाने के लिए वह नौकरी के अलावा बचे हुए समय में मेहनत मजदूरी करके कमाई करते थे और उसी पैसे से बेटी के लिए क्रिकेट से जुड़े सभी सामान खरीदते थे.

etv bharat
कोच के साथ अभ्यास

फलक ने कामयाबी का श्रेय पिता और कोच की मेहनत को दिया
वहीं, फलक ने अपने इस योगदान के लिए अपने माता पिता के साथ ही कोच को श्रेय दिया है. उनका कहना है कि उन्होंने क्रिकेटर बनने का सपना देखा था. लेकिन उस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने सिर्फ मेहनत किया है. बाकी सब कुछ उनके माता पिता और कोच ने किया है. प्रयागराज के परेड मैदान से लेकर भारतीय क्रिकेट टीम में पहुंचने तक का पलक का सफर था. वह काफी मुश्किलों भरा रहा है. गरीबी की वजह से फलक को यहां तक पहुंचने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिसे यादकर फलक के माता पिता की आंखे आज भी भर आई.

यह भी पढ़ें- प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सपा में विलय, अखिलेश ने झंडा देकर किया चाचा का स्वागत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.