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प्रयागराज प्राधिकरण नहीं पेश कर पाया इंदिरा भवन का नक्शा - प्रयागराज विकास प्राधिकरण

प्रयागराज विकास प्राधिकरण इंदिरा भवन का नक्शा न्यायालय में पेश करने में असफल रहा है. न्यायालय ने इस मामलें में अगली सुनवाई 21 सितंबर को नियत की है.

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Published : Sep 9, 2022, 10:03 PM IST

प्रयागराज: सिविल लाइंस स्थित इंदिरा भवन में अतिक्रमण(Encroachment in Indira Bhavan) को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रयागराज विकास प्राधिकरण(Prayagraj Development Authority) इंदिरा भवन का नक्शा(map of Indira Bhavan) प्रस्तुत करने में एक बार फिर असफल रहा. हालांकि प्राधिकरण की ओर से अधिशासी अभियंता ने अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में प्रगति रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की. इसे कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लेते हुए अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तिथि नियत कर दी है. मोहम्मद इरशाद की याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ में सुनवाई हुई.

याचिका में कहा गया है कि पूरे इंदिरा भवन में जगह-जगह अतिक्रमण है. बिजली के तार लटके हुए हैं. दुकानदारों ने अपनी दुकानें आगे बढ़ा करके लगा रखी है तथा गलियारों में भी कई दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है. इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण से इंदिरा भवन का नक्शा तलब किया था. मगर कई तारीखों पर सुनवाई होने के बाद अब तक प्राधिकरण नक्शा नहीं प्रस्तुत कर सका है, जबकि इंदिरा भवन में ही प्रयागराज विकास प्राधिकरण का कार्यालय है. भवन का निर्माण भी स्वयं प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ही किया है. कोर्ट ने इस मामले में दो अधिवक्ताओ को न्यायमित्र भी नियुक्त किया है जिन्होंने निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट दी है.

प्रयागराज: सिविल लाइंस स्थित इंदिरा भवन में अतिक्रमण(Encroachment in Indira Bhavan) को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रयागराज विकास प्राधिकरण(Prayagraj Development Authority) इंदिरा भवन का नक्शा(map of Indira Bhavan) प्रस्तुत करने में एक बार फिर असफल रहा. हालांकि प्राधिकरण की ओर से अधिशासी अभियंता ने अतिक्रमण हटाए जाने के संबंध में प्रगति रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की. इसे कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लेते हुए अगली सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तिथि नियत कर दी है. मोहम्मद इरशाद की याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ में सुनवाई हुई.

याचिका में कहा गया है कि पूरे इंदिरा भवन में जगह-जगह अतिक्रमण है. बिजली के तार लटके हुए हैं. दुकानदारों ने अपनी दुकानें आगे बढ़ा करके लगा रखी है तथा गलियारों में भी कई दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है. इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण से इंदिरा भवन का नक्शा तलब किया था. मगर कई तारीखों पर सुनवाई होने के बाद अब तक प्राधिकरण नक्शा नहीं प्रस्तुत कर सका है, जबकि इंदिरा भवन में ही प्रयागराज विकास प्राधिकरण का कार्यालय है. भवन का निर्माण भी स्वयं प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ही किया है. कोर्ट ने इस मामले में दो अधिवक्ताओ को न्यायमित्र भी नियुक्त किया है जिन्होंने निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट दी है.

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