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अजान की आवाज से VC को थी दिक्कत, बदल दी गई लाउडस्पीकर की दिशा - prayagraj ajan controversy mosque

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डॉ. संगीता श्रीवास्तव के घर के पास की मस्जिद से लाउडस्पीकर का मुंह घुमाकर उनके घर से दूसरी तरफ कर दिया गया है. वीसी ने प्रशासन को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा कि अजान की तेज आवाज से उकी नींद में खलल पड़ती है.

लाल मस्जिद के मोतवल्ली खलीलुर रहमान ने दी जानकारी
लाल मस्जिद के मोतवल्ली खलीलुर रहमान ने दी जानकारी
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Published : Mar 18, 2021, 5:07 PM IST

Updated : Mar 19, 2021, 12:24 PM IST

प्रयागराज: सिविल लाइंस में स्थित लाल मस्जिद की मीनार पर लगे लाउडस्पीकर की दिशा बदल दी गई है. दरअसल, अजान की आवाज के खिलाफ इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की चिट्ठी सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई. अजान की आवाज को भी पहले की तुलना में काफी हद तक कम कर दिया गया है.

मस्जिद के लाउडस्पीकर की दिशा बदल दिए गए

मुतवल्ली खलीलुर रहमान ने बताया कि आवाज कल ही 50 प्रतिशत से ज्यादा कम कर दी गई है, ताकि किसी को असुविधा न हो. उनका यह भी कहना है कि अगर कुलपति व्यक्तिगत तौर पर ऐसा करने के लिए कहतीं तो भी बदलाव कर दिया जाता. मुतवल्ली के अनुसार मस्जिद की मीनार पर पहले भी दो लाउडस्पीकर लगे थे और अब भी इतने ही हैं. दो ही लाउडस्पीकर का प्रशासन से परमिशन पहले से प्राप्त है और वही लगा हुआ है.

ये था पूरा मामला

कुलपति के घर और मस्जिद के बीच करीब 300 मीटर की दूरी है. कुलपति ने 3 मार्च को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस मामले की शिकायत की थी. वीसी ने अपने इस शिकायती पत्र की कॉपी पुलिस कमिश्नर, आईजी और एसएसपी को भी भेजी थी. कुलपति ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि वह किसी सम्प्रदाय, जाति या वर्ग के खिलाफ नहीं हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ये था फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 मई 2020 को जनहित याचिका 570/2020 पर अहम फैसला दिया था. जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ के फैसले के अहम बिंदु यह हैं.

  • अजान इस्लाम का हिस्सा, किंतु स्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं
  • मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अजान पर कम ध्वनि में हो
  • मानव आवाज में दे सकते हैं अजान -तेज आवाज दूसरों के मूल अधिकारों का उल्लंघन
  • किसी को भी दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती.

लाल मस्जिद के मोतवल्ली खलीलुर रहमान ने बताया कि "एक मोहल्ले रहते हुए अगर किसी को किसी चीज से प्रॉब्लम है तो उसका ध्यान रखना चाहिए और ध्यान रखा गया है. कुलपति के के घर के तरफ से लाउडस्पीकर की दिशा भी मोड़ दी गई है. अब किसी को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक की है रोक
आईजी कवींद्र प्रताप सिंह के अनुसार साल 2020 में अफजाल अंसारी ने रमजान से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में लाउड स्पीकर से अजान करने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका भी दाखिल की थी. जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि लाउड स्पीकर से अज़ान इस्लाम का धार्मिक हिस्सा नहीं है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अजान इस्लाम का धार्मिक भाग है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहाकि लोगों को बिना ध्वनि प्रदूषण के नींद लेने का अधिकार है. आईजी के मुताबिक रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर बजाने की मनाही है.

प्रयागराज: सिविल लाइंस में स्थित लाल मस्जिद की मीनार पर लगे लाउडस्पीकर की दिशा बदल दी गई है. दरअसल, अजान की आवाज के खिलाफ इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की चिट्ठी सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई. अजान की आवाज को भी पहले की तुलना में काफी हद तक कम कर दिया गया है.

मस्जिद के लाउडस्पीकर की दिशा बदल दिए गए

मुतवल्ली खलीलुर रहमान ने बताया कि आवाज कल ही 50 प्रतिशत से ज्यादा कम कर दी गई है, ताकि किसी को असुविधा न हो. उनका यह भी कहना है कि अगर कुलपति व्यक्तिगत तौर पर ऐसा करने के लिए कहतीं तो भी बदलाव कर दिया जाता. मुतवल्ली के अनुसार मस्जिद की मीनार पर पहले भी दो लाउडस्पीकर लगे थे और अब भी इतने ही हैं. दो ही लाउडस्पीकर का प्रशासन से परमिशन पहले से प्राप्त है और वही लगा हुआ है.

ये था पूरा मामला

कुलपति के घर और मस्जिद के बीच करीब 300 मीटर की दूरी है. कुलपति ने 3 मार्च को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस मामले की शिकायत की थी. वीसी ने अपने इस शिकायती पत्र की कॉपी पुलिस कमिश्नर, आईजी और एसएसपी को भी भेजी थी. कुलपति ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि वह किसी सम्प्रदाय, जाति या वर्ग के खिलाफ नहीं हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ये था फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 मई 2020 को जनहित याचिका 570/2020 पर अहम फैसला दिया था. जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ के फैसले के अहम बिंदु यह हैं.

  • अजान इस्लाम का हिस्सा, किंतु स्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं
  • मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अजान पर कम ध्वनि में हो
  • मानव आवाज में दे सकते हैं अजान -तेज आवाज दूसरों के मूल अधिकारों का उल्लंघन
  • किसी को भी दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती.

लाल मस्जिद के मोतवल्ली खलीलुर रहमान ने बताया कि "एक मोहल्ले रहते हुए अगर किसी को किसी चीज से प्रॉब्लम है तो उसका ध्यान रखना चाहिए और ध्यान रखा गया है. कुलपति के के घर के तरफ से लाउडस्पीकर की दिशा भी मोड़ दी गई है. अब किसी को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक की है रोक
आईजी कवींद्र प्रताप सिंह के अनुसार साल 2020 में अफजाल अंसारी ने रमजान से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में लाउड स्पीकर से अजान करने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका भी दाखिल की थी. जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि लाउड स्पीकर से अज़ान इस्लाम का धार्मिक हिस्सा नहीं है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अजान इस्लाम का धार्मिक भाग है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहाकि लोगों को बिना ध्वनि प्रदूषण के नींद लेने का अधिकार है. आईजी के मुताबिक रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर बजाने की मनाही है.

Last Updated : Mar 19, 2021, 12:24 PM IST
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