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यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में महापुरुषों के अध्याय को लेकर सियासत, कांग्रेस नेता ने कही ये बात

यूपी बोर्ड के नौवीं से लेकर 12वीं तक कुछ नए अध्याय जोड़े गए हैं. इसे लेकर सियासत भी शुरू हो चुकी है. यूपी बोर्ड के इस फैसले पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं.

महापुरुषों के अध्याय को लेकर सियासत.
महापुरुषों के अध्याय को लेकर सियासत.
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Published : Jun 23, 2023, 6:04 PM IST

महापुरुषों के अध्याय को लेकर सियासत.

प्रयागराज : यूपी बोर्ड के नौवीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों को इस सत्र से कई ऐसे महापुरुष और स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाया जाएगा, जिनके बारे में छात्र अभी तक नहीं पढ़ते थे. चारों कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों को लगभग 50 महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाया जाएगा. यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकान्त शुक्ला का कहना है कि पाठ्यक्रम समिति की तरफ से तय किए गए पाठ्यक्रम को लागू किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि यह सभी पाठ नैतिक शिक्षा विषय के अंतर्गत छात्रों को पढ़ाया जाएगा. इस विषय का अंक दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में नहीं जोड़ा जाएगा. वहीं पाठ्यक्रम में बढ़ाए गए महापुरुषों के अध्याय को लेकर सियासी गलियारों में सियासत भी शुरू हो गई है.

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से जुड़े प्रदेश भर के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को विनायक दामोदर सावरकर और दीन दयाल उपाध्याय समेत 50 महापुरुषों की जीवनगाथा पढ़ाई जाएगी. 50 महापुरुषों के नाम पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का जहां भाजपा के नेता सराहना कर रहे हैं. वहीं विपक्षी दलों के नेता यूपी बोर्ड के इस फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं. विपक्षी दलों के नेताओं का आरोप है कि भाजपा के पास अपना कोई महापुरुष नहीं है, न ही सरकार विकास का कोई कार्य कर पा रही है. भाजपा सरकार सड़क और शहर के नामों से लेकर कोर्स तक को बदलने की राजनीति भर कर रही है.

कई नए अध्याय पाठ्यक्रम में शामिल : यूपी बोर्ड के लाखों छात्र छात्राएं अब ऐसे 50 महापुरुषों की जीवन गाथाएं पढ़ेंगे जिनके बारे में उन्हें अभी तक नहीं पढ़ाया जाता था. यूपी बोर्ड की 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र इस सत्र से विनायक दामोदर सावरकर के साथ ही पंडित दीन दयाल उपाध्याय, महावीर जैन, महामना मदन मोहन मालवीय, अरविंद घोष, राजा राम मोहन राय, सरोजनी नायडू, नाना साहब जैसे महापुरुषों के बारे में नैतिक शिक्षा विषय के तहत पढ़ाया जाएगा. नैतिक शिक्षा विषय में महापुरुषों के जीवनगाथा के साथ ही योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. यह विषय सभी छात्रों के लिए अनिवार्य रहेगा और इसमें पास होना जरूरी रहेगा. इस विषय का नंबर 10वीं और 12वीं के अंक पत्र में नहीं जुड़ेगा.

पाठ्यक्रम समिति के अनुमोदन पर लिया फैसला : यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकान्त शुक्ला का कहना है कि पाठ्यक्रम में जो भी नाम जोड़े गए हैं वो नाम पाठ्यक्रम समिति ने तय किये हैं. जिसके बाद अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग नामों को तय किया गया है. जिसके अनुसार नौंवी से लेकर बारहवीं तक के छात्र अलग अलग महापुरुषों की जीवनगाथा पढ़ेंगे. इस सत्र से यूपी बोर्ड के 1 लाख 27 हजार से अधिक स्कूलों के कक्षा 9 से लेकर 12 तक के छात्र इन महापुरुषों के बारे में पढ़कर उनके बारे में विस्तार से जानकारी हासिल कर सकेंगे.

कक्षा 9 में इन महापुरुषों के अध्याय जोड़े गए : चंद्रशेखर आजाद, बिरसा मुंडा, बेगम हजरत महल, रोशन सिंह, वीर कुंवर सिंह ,ईश्वरचंद्र सुखदेव, विद्यासागर, गौतम बुद्ध, ज्योतिबा फुले, गोपाल शिवाजी, विनायक दामोदर सावरकर, विनोबा भावे, श्रीनिवास रामानुजन और जगदीश चंद्र बोस आदि शामिल हैं.

कक्षा 10 में इन महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाएगा : मंगल पांडेय, रोशन सिंह, सुखदेव, लोकमान्य तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, महात्मा गांधी, खुदी राम बोस और स्वामी विवेकानंद का नाम शामिल है.

कक्षा 11 में इन महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाएगा : रामप्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ,सरदार बल्लभ भाई पटेल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, महावीर जैन, महामना मदन मोहन मालवीय, अरविंद घोष, राजा राममोहन राय, सरोजिनी नायडू, नाना साहब, महर्षि पतंजलि, शल्य चिकित्सक सुश्रुत के साथ ही डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा का नाम शामिल है.

इसी तरह कक्षा 12 में रामकृष्ण परमहंस, गणेश शंकर विद्यार्थी, राजगुरु, रविंद्र नाथ टैगोर, लाल बहादुर शास्त्री, रानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप, बंकिम चंद्र चटर्जी, आदि शंकराचार्य, गुरु नानक देव, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, रामानुजाचार्य, पाणिनि, आर्यभट्ट और सीवी रमन का नाम भी शामिल है.

मुद्दों से भटकाने का लगाया आरोप : यूपी बोर्ड के इस फैसले पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस नेता संजय तिवारी ने भाजपा पर मुद्दों से भटकाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कर्नाटक में सावरकर को कोर्स में शामिल किया था भाजपा ने, इसके बाद वहां से उनकी सरकार की विदाई हो चुकी है. अब यूपी में भी वीर सावरकर को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया है जिसका नतीजा आने वाले चुनावों में भाजपा को मिलेगा. उन्होंने कहा कि भाजपा केवल जिले और प्रदेशों के नाम बदलने के साथ ही कोर्स में भी बदलाव करने का काम कर रही है. भाजपा देश के छात्रों को अपना और संघ का इतिहास पढ़ाना चाहती है. जिससे सिर्फ उनका फायदा होगा छात्रों को उसका कोई लाभ नहीं मिकेगा. वहीं यूपी सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने कहा कि जिन लोगों का नाम शामिल किया गया है.वो देश के महान सपूत है और उनके बारे में सभी को पढ़ना जानना चाहिए, शिक्षा के लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

यह भी पढ़ें : शहनवाज हुसैन ने महागठबंधन पर साधा निशाना, कहा-बिहार में विपक्षी दल एकजुट होने का कर रहे नाटक

महापुरुषों के अध्याय को लेकर सियासत.

प्रयागराज : यूपी बोर्ड के नौवीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों को इस सत्र से कई ऐसे महापुरुष और स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाया जाएगा, जिनके बारे में छात्र अभी तक नहीं पढ़ते थे. चारों कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों को लगभग 50 महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाया जाएगा. यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकान्त शुक्ला का कहना है कि पाठ्यक्रम समिति की तरफ से तय किए गए पाठ्यक्रम को लागू किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि यह सभी पाठ नैतिक शिक्षा विषय के अंतर्गत छात्रों को पढ़ाया जाएगा. इस विषय का अंक दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में नहीं जोड़ा जाएगा. वहीं पाठ्यक्रम में बढ़ाए गए महापुरुषों के अध्याय को लेकर सियासी गलियारों में सियासत भी शुरू हो गई है.

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से जुड़े प्रदेश भर के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को विनायक दामोदर सावरकर और दीन दयाल उपाध्याय समेत 50 महापुरुषों की जीवनगाथा पढ़ाई जाएगी. 50 महापुरुषों के नाम पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का जहां भाजपा के नेता सराहना कर रहे हैं. वहीं विपक्षी दलों के नेता यूपी बोर्ड के इस फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं. विपक्षी दलों के नेताओं का आरोप है कि भाजपा के पास अपना कोई महापुरुष नहीं है, न ही सरकार विकास का कोई कार्य कर पा रही है. भाजपा सरकार सड़क और शहर के नामों से लेकर कोर्स तक को बदलने की राजनीति भर कर रही है.

कई नए अध्याय पाठ्यक्रम में शामिल : यूपी बोर्ड के लाखों छात्र छात्राएं अब ऐसे 50 महापुरुषों की जीवन गाथाएं पढ़ेंगे जिनके बारे में उन्हें अभी तक नहीं पढ़ाया जाता था. यूपी बोर्ड की 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र इस सत्र से विनायक दामोदर सावरकर के साथ ही पंडित दीन दयाल उपाध्याय, महावीर जैन, महामना मदन मोहन मालवीय, अरविंद घोष, राजा राम मोहन राय, सरोजनी नायडू, नाना साहब जैसे महापुरुषों के बारे में नैतिक शिक्षा विषय के तहत पढ़ाया जाएगा. नैतिक शिक्षा विषय में महापुरुषों के जीवनगाथा के साथ ही योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. यह विषय सभी छात्रों के लिए अनिवार्य रहेगा और इसमें पास होना जरूरी रहेगा. इस विषय का नंबर 10वीं और 12वीं के अंक पत्र में नहीं जुड़ेगा.

पाठ्यक्रम समिति के अनुमोदन पर लिया फैसला : यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकान्त शुक्ला का कहना है कि पाठ्यक्रम में जो भी नाम जोड़े गए हैं वो नाम पाठ्यक्रम समिति ने तय किये हैं. जिसके बाद अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग नामों को तय किया गया है. जिसके अनुसार नौंवी से लेकर बारहवीं तक के छात्र अलग अलग महापुरुषों की जीवनगाथा पढ़ेंगे. इस सत्र से यूपी बोर्ड के 1 लाख 27 हजार से अधिक स्कूलों के कक्षा 9 से लेकर 12 तक के छात्र इन महापुरुषों के बारे में पढ़कर उनके बारे में विस्तार से जानकारी हासिल कर सकेंगे.

कक्षा 9 में इन महापुरुषों के अध्याय जोड़े गए : चंद्रशेखर आजाद, बिरसा मुंडा, बेगम हजरत महल, रोशन सिंह, वीर कुंवर सिंह ,ईश्वरचंद्र सुखदेव, विद्यासागर, गौतम बुद्ध, ज्योतिबा फुले, गोपाल शिवाजी, विनायक दामोदर सावरकर, विनोबा भावे, श्रीनिवास रामानुजन और जगदीश चंद्र बोस आदि शामिल हैं.

कक्षा 10 में इन महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाएगा : मंगल पांडेय, रोशन सिंह, सुखदेव, लोकमान्य तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, महात्मा गांधी, खुदी राम बोस और स्वामी विवेकानंद का नाम शामिल है.

कक्षा 11 में इन महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाएगा : रामप्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ,सरदार बल्लभ भाई पटेल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, महावीर जैन, महामना मदन मोहन मालवीय, अरविंद घोष, राजा राममोहन राय, सरोजिनी नायडू, नाना साहब, महर्षि पतंजलि, शल्य चिकित्सक सुश्रुत के साथ ही डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा का नाम शामिल है.

इसी तरह कक्षा 12 में रामकृष्ण परमहंस, गणेश शंकर विद्यार्थी, राजगुरु, रविंद्र नाथ टैगोर, लाल बहादुर शास्त्री, रानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप, बंकिम चंद्र चटर्जी, आदि शंकराचार्य, गुरु नानक देव, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, रामानुजाचार्य, पाणिनि, आर्यभट्ट और सीवी रमन का नाम भी शामिल है.

मुद्दों से भटकाने का लगाया आरोप : यूपी बोर्ड के इस फैसले पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस नेता संजय तिवारी ने भाजपा पर मुद्दों से भटकाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कर्नाटक में सावरकर को कोर्स में शामिल किया था भाजपा ने, इसके बाद वहां से उनकी सरकार की विदाई हो चुकी है. अब यूपी में भी वीर सावरकर को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया गया है जिसका नतीजा आने वाले चुनावों में भाजपा को मिलेगा. उन्होंने कहा कि भाजपा केवल जिले और प्रदेशों के नाम बदलने के साथ ही कोर्स में भी बदलाव करने का काम कर रही है. भाजपा देश के छात्रों को अपना और संघ का इतिहास पढ़ाना चाहती है. जिससे सिर्फ उनका फायदा होगा छात्रों को उसका कोई लाभ नहीं मिकेगा. वहीं यूपी सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने कहा कि जिन लोगों का नाम शामिल किया गया है.वो देश के महान सपूत है और उनके बारे में सभी को पढ़ना जानना चाहिए, शिक्षा के लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

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