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पुलिस और एसआईटी ने आनंद गिरि से की पूछताछ, नहीं मिली कोई ठोस जानकारी - पुलिस और एसआईटी ने आनंद गिरि से की पूछताछ

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पकड़े गए स्वामी आनंद गिरि और आद्या तिवारी से पुलिस और एसआईटी की टीम ने पूछताछ की. जिसमें उन्हें कोई खास जानकारी नहीं मिली है. इस मामले में पुलिस अभी तक करीब 20 से लोगों से पूछताछ कर चुकी है. इसके अलावा मठ बाघम्बरी गद्दी में काम करने वाले उन सेवादारों का भी पुलिस ने बयान दर्ज किया है, जिन्होंने रस्सी काटकर महंत नरेंद्र गिरि के शव को फंदे से नीचे उतारा था. उस वक्त कमरे में जो भी सेवादार शिष्य और सुरक्षा कर्मी अंदर गए थे पुलिस और एसआईटी ने उन सभी का बयान दर्ज किया है.

एसआईटी ने आनंद गिरि से की पूछताछ,
एसआईटी ने आनंद गिरि से की पूछताछ
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Published : Sep 23, 2021, 2:55 AM IST

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (akhil bharatiya akhada parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि(Mahant Narendra Giri) को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पकड़े गए स्वामी आनंद गिरि और आद्या तिवारी से पूछताछ में पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं मिली है. जिसके बाद गिरफ्तार किए गए स्वामी आनंद गिरी और आद्या तिवारी को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. करीब 20 घण्टे चली पूछताछ में पुलिस के साथ ही एसआईटी ने भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें भी गोलमोल जवाब ही मिला.

आनंद गिरि के संपर्क में रहने वालों से भी हुई पूछताछ
इस मामले में पुलिस अभी तक करीब 20 से लोगों से पूछताछ कर चुकी है. इसके अलावा मठ बाघम्बरी गद्दी में काम करने वाले उन सेवादारों का भी पुलिस ने बयान दर्ज किया है, जिन्होंने रस्सी काटकर महंत नरेंद्र गिरि के शव को फंदे से नीचे उतारा था. उस वक्त कमरे में जो भी सेवादार शिष्य और सुरक्षा कर्मी अंदर गए थे पुलिस और एसआईटी ने उन सभी का बयान दर्ज किया है. इस दौरान आनंद गिरि से मोबाइल के जरिये संपर्क में रहने वालों की भी पुलिस ने लिस्ट तैयार की है. उन लोगों से भी पुलिस जानकारी हासिल कर रही है कि उनके बीच क्या बातचीत हुई थी. इसमें जिन लोगों से आनंद गिरि की ज्यादा बात हुई है उनसे पुलिस के साथ ही एसआईटी भी पूछताछ करेगी.

सपा व भाजपा नेताओं से भी पुलिस कर सकती है पूछताछ

संदिग्ध आत्महत्या के इस मामले में पुलिस के रडार पर कुछ सफेद पोश नेता भी हैं. जिनसे पुलिस जानकारी जुटा रही है. बताया जा रहा है कि चार महीने पहले गुरु शिष्य के बीच चल रहे विवाद को निपटाने के लिए महंत नरेंद्र गिरि के करीबी रहे सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री और भाजपा नेताओं के साथ ही जिले के बाहर तैनात पीपीएस अफसर ने पहल की थी. जिसके बाद ही गुरु शिष्य के बीच समझौता हो गया था. हालांकि समझौता होने के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि महंत नरेंद्र गिरि को आनंद गिरि को अपनी मौत का मुख्य जिम्मेदार बनाते हुए सुसाइड करना पड़ा. इन्ही सवालों के जवाब का पता लगाने के लिए एसआईटी सफेदपोश लोगों से भी पूछताछ करेगी. वहीं यह भी चर्चा है कि पुलिस ने इस मामले में महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों से पूछताछ की है.

महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल से मिल सकता है कोई सुराग
एक तरफ जहां आनंद गिरि ने वीडियो बनाने के आरोपों से इंकार किया है. वहीं यह भी चर्चा है कि महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड से पहले अपना कोई बयान मोबाइल में रिकार्ड किया है, लेकिन उस बयान के बारे में अभी किसी पुलिस अधिकारी ने कोई जानकारी साझा नहीं की है.पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद उनके मोबाइल को भी कब्जे में ले लिया था.उस मोबाइल में ब्लैकमेलिंग करने से जुड़ा कोई वीडियो मिला है या नहीं, अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि ने मोबाइल में सुसाइड से पहले अपना कोई वीडियो वाला बयान रिकार्ड किया है, लेकिन इस बारे में पुलिस अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल से कुछ डीलीट तो नहीं किया गया है इसका पता लगाने के लिए पुलिस उनके मोबाइल को जांच के लिए आईटी एक्सपर्ट्स के पास भेज सकती है.

बुधवार की शाम मठ में बढ़ गयी थी पुलिस की हलचल
बुधवार को महंत नरेंद्र गिरि को भूसमाधि दिए जाने बाद शाम होते होते मठ बाघम्बरी गद्दी में पुलिस की हलचल बढ़ गयी थी. मठ के लोगों के साथ ही पुलिस ने सभी बाहरी लोगों को मठ से बाहर कर दिया था. देशभर की मीडिया भी मठ में दो दिनों से जमी हुई थी. मीडिया वालों से मठ के लोगों ने अपील कर उन्हें भी बाहर भेज दिया था. मठ से जुड़े लोगों का कहना था दो दिनों से दिन रात सभी परेशान थे, जिस वजह से बाहरी लोगों से मठ खाली करवाकर वो लोग भी आराम करेंगे. वहीं शाम को एसपी सिटी के साथ ही कई डीएसपी ने भी मठ में पहुंचकर लोगों से बातचीत की थी.

इसे भी पढ़ें- योगी सरकार ने की महन्त नरेन्द्र गिरि की मौत की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति

घटना के दो दिन बाद भी पुलिस के किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है .दूसरी तरफ साधु संत और अखाड़ा के साथ ही विपक्ष व आम जनता लगातार मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही थी. महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड और सुसाइड लेटर को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे थे. जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से घटना की सीबीआई जांच कराने के लिए संस्तुति कर दी गई है.

इसे भी पढ़ें- नरेंद्र गिरि सुसाइड केस : 14 दिन की न्यायिक हिरासत में शिष्य आनंद और आद्या, तीसरा आरोपी भी गिरफ्तार

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (akhil bharatiya akhada parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि(Mahant Narendra Giri) को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पकड़े गए स्वामी आनंद गिरि और आद्या तिवारी से पूछताछ में पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं मिली है. जिसके बाद गिरफ्तार किए गए स्वामी आनंद गिरी और आद्या तिवारी को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. करीब 20 घण्टे चली पूछताछ में पुलिस के साथ ही एसआईटी ने भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें भी गोलमोल जवाब ही मिला.

आनंद गिरि के संपर्क में रहने वालों से भी हुई पूछताछ
इस मामले में पुलिस अभी तक करीब 20 से लोगों से पूछताछ कर चुकी है. इसके अलावा मठ बाघम्बरी गद्दी में काम करने वाले उन सेवादारों का भी पुलिस ने बयान दर्ज किया है, जिन्होंने रस्सी काटकर महंत नरेंद्र गिरि के शव को फंदे से नीचे उतारा था. उस वक्त कमरे में जो भी सेवादार शिष्य और सुरक्षा कर्मी अंदर गए थे पुलिस और एसआईटी ने उन सभी का बयान दर्ज किया है. इस दौरान आनंद गिरि से मोबाइल के जरिये संपर्क में रहने वालों की भी पुलिस ने लिस्ट तैयार की है. उन लोगों से भी पुलिस जानकारी हासिल कर रही है कि उनके बीच क्या बातचीत हुई थी. इसमें जिन लोगों से आनंद गिरि की ज्यादा बात हुई है उनसे पुलिस के साथ ही एसआईटी भी पूछताछ करेगी.

सपा व भाजपा नेताओं से भी पुलिस कर सकती है पूछताछ

संदिग्ध आत्महत्या के इस मामले में पुलिस के रडार पर कुछ सफेद पोश नेता भी हैं. जिनसे पुलिस जानकारी जुटा रही है. बताया जा रहा है कि चार महीने पहले गुरु शिष्य के बीच चल रहे विवाद को निपटाने के लिए महंत नरेंद्र गिरि के करीबी रहे सपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री और भाजपा नेताओं के साथ ही जिले के बाहर तैनात पीपीएस अफसर ने पहल की थी. जिसके बाद ही गुरु शिष्य के बीच समझौता हो गया था. हालांकि समझौता होने के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि महंत नरेंद्र गिरि को आनंद गिरि को अपनी मौत का मुख्य जिम्मेदार बनाते हुए सुसाइड करना पड़ा. इन्ही सवालों के जवाब का पता लगाने के लिए एसआईटी सफेदपोश लोगों से भी पूछताछ करेगी. वहीं यह भी चर्चा है कि पुलिस ने इस मामले में महंत नरेंद्र गिरि की सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों से पूछताछ की है.

महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल से मिल सकता है कोई सुराग
एक तरफ जहां आनंद गिरि ने वीडियो बनाने के आरोपों से इंकार किया है. वहीं यह भी चर्चा है कि महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड से पहले अपना कोई बयान मोबाइल में रिकार्ड किया है, लेकिन उस बयान के बारे में अभी किसी पुलिस अधिकारी ने कोई जानकारी साझा नहीं की है.पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद उनके मोबाइल को भी कब्जे में ले लिया था.उस मोबाइल में ब्लैकमेलिंग करने से जुड़ा कोई वीडियो मिला है या नहीं, अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि ने मोबाइल में सुसाइड से पहले अपना कोई वीडियो वाला बयान रिकार्ड किया है, लेकिन इस बारे में पुलिस अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरि के मोबाइल से कुछ डीलीट तो नहीं किया गया है इसका पता लगाने के लिए पुलिस उनके मोबाइल को जांच के लिए आईटी एक्सपर्ट्स के पास भेज सकती है.

बुधवार की शाम मठ में बढ़ गयी थी पुलिस की हलचल
बुधवार को महंत नरेंद्र गिरि को भूसमाधि दिए जाने बाद शाम होते होते मठ बाघम्बरी गद्दी में पुलिस की हलचल बढ़ गयी थी. मठ के लोगों के साथ ही पुलिस ने सभी बाहरी लोगों को मठ से बाहर कर दिया था. देशभर की मीडिया भी मठ में दो दिनों से जमी हुई थी. मीडिया वालों से मठ के लोगों ने अपील कर उन्हें भी बाहर भेज दिया था. मठ से जुड़े लोगों का कहना था दो दिनों से दिन रात सभी परेशान थे, जिस वजह से बाहरी लोगों से मठ खाली करवाकर वो लोग भी आराम करेंगे. वहीं शाम को एसपी सिटी के साथ ही कई डीएसपी ने भी मठ में पहुंचकर लोगों से बातचीत की थी.

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घटना के दो दिन बाद भी पुलिस के किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है .दूसरी तरफ साधु संत और अखाड़ा के साथ ही विपक्ष व आम जनता लगातार मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही थी. महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड और सुसाइड लेटर को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे थे. जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से घटना की सीबीआई जांच कराने के लिए संस्तुति कर दी गई है.

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