प्रयागराज: जिले के भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में रविवार को इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर आईएफटी के 34वें राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें बतौर मुख्य अतिथि पद्मभूषण प्रोफेसर मुरली मनोहर जोशी शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि विज्ञान में हमें नोबेल पुरस्कार हासिल करना है तो हमें विज्ञान में मूल चिंतन एवं मौलिकता पैदा करनी होगी.
डॉ. जोशी ने शिक्षण में नए तरीकों के प्रयोग पर दिया बल
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि देश के विभिन्न संस्थानों से आए हुए भौतिक विज्ञान के शिक्षकों से आग्रह करूंगा कि अपने शिक्षण में सरल से सरल भाषा का प्रयोग करें, जिससे छात्र उसे आसानी से समझ सके. उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हर वर्ष नए तरीके से पढ़ाना चाहिए और हमेशा नए विचार का समावेश करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति को समझना होगा. तरंग, ध्वनि, लहर और पशु पक्षियों की बोलियों को उन्होंने विज्ञान से जोड़ते हुए बताया.
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उद्घाटन अवसर पर भारती सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पी नागभूषण ने कहा कि शिक्षण और समझ दोनों ही इंजीनियरिंग संस्थान में प्रवेश के लिए जरूरी हैं.