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प्रयागराजः सपा विधायक नाहिद हसन के गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज - सपा विधायक नाहिद हसन की गिरफ्तारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को सपा विधायक नाहिद हसन की गिरफ्तारी पर रोक और प्राथमिकी रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया. न्यायालय ने याची को निचली अदालत में हाजिर होने तक के लिए गिरफ्तारी से राहत दी है.

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Published : Oct 24, 2019, 11:33 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैराना विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक नाहिद हसन की गिरफ्तारी पर रोक और प्राथमिकी रद्द करने वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति पीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने विधायक नाहिद हसन की याचिका पर अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम एके संड के प्रतिवाद को सुनकर दिया है.

विधायक और उनके परिजन सहित कुल 13 लोगों के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. यह प्राथमिकी मोहम्मद अजीज एक जमीन के विवाद में कराई थी. भुगतान वापस मांगने पर धमकी देने और पैसा न देने के मामले में कैराना थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 379, 427, 504, 504 और 506 के तहत 17 जनवरी 2018 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

पढ़ेंः-पूर्व सांसद और बाहुबली अतीक अहमद के ठिकानों पर CBI का छापा
उच्च न्यायालय को अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम एके संड ने बताया कि याची के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा के तहत 82 का आदेश निचली अदालत ने जारी कर दिया है तथा इनकी अग्रिम जमानत की प्रार्थना पत्र को 24 सितंबर को निचली अदालत ने खारिज कर दिया है. याची के विरुद्ध प्रथम दृष्टया केस बनता है. याची के अधिवक्ता का तर्क था, कि उसे राजनीतिक विद्वेष के तहत फंसाया जा रहा है. वह दो बार से विधायक चुने गए हैं. उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैराना विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक नाहिद हसन की गिरफ्तारी पर रोक और प्राथमिकी रद्द करने वाली याचिका गुरुवार को खारिज कर दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति पीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने विधायक नाहिद हसन की याचिका पर अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम एके संड के प्रतिवाद को सुनकर दिया है.

विधायक और उनके परिजन सहित कुल 13 लोगों के विरुद्ध भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. यह प्राथमिकी मोहम्मद अजीज एक जमीन के विवाद में कराई थी. भुगतान वापस मांगने पर धमकी देने और पैसा न देने के मामले में कैराना थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 379, 427, 504, 504 और 506 के तहत 17 जनवरी 2018 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

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उच्च न्यायालय को अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम एके संड ने बताया कि याची के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा के तहत 82 का आदेश निचली अदालत ने जारी कर दिया है तथा इनकी अग्रिम जमानत की प्रार्थना पत्र को 24 सितंबर को निचली अदालत ने खारिज कर दिया है. याची के विरुद्ध प्रथम दृष्टया केस बनता है. याची के अधिवक्ता का तर्क था, कि उसे राजनीतिक विद्वेष के तहत फंसाया जा रहा है. वह दो बार से विधायक चुने गए हैं. उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.

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