प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने वर्ष 2019 में 75 वकीलों के वरिष्ठ अधिवक्ता नामित करने के फुल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सात नवंबर की तारीख लगाई है. कोर्ट ने कहा कि इसी मामले से जुड़े मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. ऐसे में वहां के निर्णय तक सुनवाई करना उचित नहीं होगा.
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर (Justice Pritinkar Diwakar) एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव (Justice Ashutosh Srivastava) की खंडपीठ ने दिया है. याचिका करने वाले अधिवक्ता विष्णु बिहारी तिवारी व कर्नल अशोक कुमार का कहना था कि इस मामले में 2021 से बहस चल रही है. उन्होंने अपनी बहस पूरी कर ली है. अब हाईकोर्ट का पक्ष आने पर पूरक बहस करेंगे.
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कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी केस (Indira Sawhney case) के फैसले में दाखिल संशोधन अर्जी पर गत 12 सितंबर को आदेश दिया है. अभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुनवाई चल रही है. इसका प्रभाव इस याचिका की सुनवाई पर भी पड़ सकता है. इसलिए यहां सुनवाई टालना सही रहेगा. कोर्ट ने कहा यदि सुप्रीम कोर्ट का आदेश पहले आ जाता है तो याची यह बात खंडपीठ की जानकारी में लाकर सुनवाई की मांग कर सकते हैं. याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता नामित करने में इंदिरा साहनी केस के फैसले को नजरअंदाज कर मनमानी करने का आरोप लगाया गया है.
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