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हरिजन बस्ती के बीचो-बीच डंपिंग यार्ड बनाने के खिलाफ याचिका दाखिल

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जौनपुर के जमालपुर गांव की हरिजन बस्ती के बीच आबादी में सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है.

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Published : Jun 24, 2022, 10:40 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जौनपुर के जमालपुर गांव की हरिजन बस्ती के बीच आबादी में सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है. याचिका की सुनवाई 30 जून को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने पारसनाथ वह चार अन्य की जनहित याचिका पर दिया है.

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याची का कहना है कि राजस्व रिकार्ड में जो जमीन हरिजन बस्ती के नाम दर्ज है. हरिजन बस्ती के बीचोबीच कूड़ा संयंत्र लगाया जा रहा है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है. याचिका में प्लांट स्थापित करने पर रोक लगाने की मांग की गई है. याची का कहना है कि जिलाधिकारी ने 5 मार्च 2022 को बस्ती की जमीन नगर पंचायत को सौंप दी है. इसपर याचियों ने आपत्ति जताई है. लेकिन इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया है और ध्वस्तीकरण की धमकी दी जा रही है. कोर्ट ने याचियों की आपत्ति के बाबत भी जानकारी मांगी है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जौनपुर के जमालपुर गांव की हरिजन बस्ती के बीच आबादी में सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है. याचिका की सुनवाई 30 जून को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने पारसनाथ वह चार अन्य की जनहित याचिका पर दिया है.

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याची का कहना है कि राजस्व रिकार्ड में जो जमीन हरिजन बस्ती के नाम दर्ज है. हरिजन बस्ती के बीचोबीच कूड़ा संयंत्र लगाया जा रहा है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है. याचिका में प्लांट स्थापित करने पर रोक लगाने की मांग की गई है. याची का कहना है कि जिलाधिकारी ने 5 मार्च 2022 को बस्ती की जमीन नगर पंचायत को सौंप दी है. इसपर याचियों ने आपत्ति जताई है. लेकिन इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया है और ध्वस्तीकरण की धमकी दी जा रही है. कोर्ट ने याचियों की आपत्ति के बाबत भी जानकारी मांगी है.

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