ETV Bharat / state

दुकान रिक्त होने पर ही आरक्षण लागू होगा: हाई कोर्ट - hc

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन मामले में आदेश पारित किया है. कोर्ट ने कहा कि शासनादेश मे साफ कहा गया है कि दुकान रिक्त होने पर ही आरक्षण लागू होगा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jun 21, 2021, 2:37 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन मामले में आदेश पारित किया है. कोर्ट ने ब्लॉक स्तर पर आरक्षण लागू करने के शासनादेश 5 अगस्त 2011 के उपखंड ॥(1), (2) अनुच्छेद 14 और 15 के विपरीत करार देते हुए इसकी संवैधानिकता की चुनौती याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि शासनादेश मे साफ कहा है कि विकास खंड को इकाई मानकर तहसील स्तरीय समिति आरक्षण की गणना करेगी. दुकान रिक्त होने पर ही आरक्षण लागू होगा. दुकानदार का लाइसेंस रद्द नही किया जायेगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी और न्यायमूर्ति आर एन तिलहरी की खंडपीठ ने कुशीनगर गुलरिया गांव के अखिलेश तिवारी की याचिका पर दिया है. याची का कहना था कि गुलरिया गांव की सस्ते गल्ले की दूकान आरक्षित थी. 26 जुलाई 2019 को लाइसेंस निरस्त होने से दुकान खाली हुई. इसलिए सामान्य को मिलनी चाहिए, लेकिन शासनादेश के तहत यह दुकान अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित घोषित है. 29 जुलाई 2019 को जारी एसडीएम के पत्र के अनुसार 92 दुकानों मे से 25 एससी, एसटी और 50 ओबीसी की है. 75 दुकान आरक्षित श्रेणी की है. इसलिए गुलरिया मे दुकान सामान्य वर्ग को दी जानी चाहिए. 13 नवंबर 2019 का एससी वर्ग को आवंटित दुकान रद्द किया जाए. कोर्ट ने कहा कि जिस वर्ग के लिए दुकान आरक्षित होगी खाली होने पर उसे ही आवंटित की जायेगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन मामले में आदेश पारित किया है. कोर्ट ने ब्लॉक स्तर पर आरक्षण लागू करने के शासनादेश 5 अगस्त 2011 के उपखंड ॥(1), (2) अनुच्छेद 14 और 15 के विपरीत करार देते हुए इसकी संवैधानिकता की चुनौती याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि शासनादेश मे साफ कहा है कि विकास खंड को इकाई मानकर तहसील स्तरीय समिति आरक्षण की गणना करेगी. दुकान रिक्त होने पर ही आरक्षण लागू होगा. दुकानदार का लाइसेंस रद्द नही किया जायेगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केशरवानी और न्यायमूर्ति आर एन तिलहरी की खंडपीठ ने कुशीनगर गुलरिया गांव के अखिलेश तिवारी की याचिका पर दिया है. याची का कहना था कि गुलरिया गांव की सस्ते गल्ले की दूकान आरक्षित थी. 26 जुलाई 2019 को लाइसेंस निरस्त होने से दुकान खाली हुई. इसलिए सामान्य को मिलनी चाहिए, लेकिन शासनादेश के तहत यह दुकान अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित घोषित है. 29 जुलाई 2019 को जारी एसडीएम के पत्र के अनुसार 92 दुकानों मे से 25 एससी, एसटी और 50 ओबीसी की है. 75 दुकान आरक्षित श्रेणी की है. इसलिए गुलरिया मे दुकान सामान्य वर्ग को दी जानी चाहिए. 13 नवंबर 2019 का एससी वर्ग को आवंटित दुकान रद्द किया जाए. कोर्ट ने कहा कि जिस वर्ग के लिए दुकान आरक्षित होगी खाली होने पर उसे ही आवंटित की जायेगी.

इसे भी पढ़ें:जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी, ऐसा न हो हिन्दू 2 और मुसलमान 10 पैदा बच्चे करें : महंत नरेंद्र गिरि

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.