प्रयागराज: जनपद में पिछले तीन दिन से गंगा और यमुना का जलस्तर उफान पर है. दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. शहर के अंदर दर्जन भर से अधिक मुहल्लों में बाढ़ का पानी घुसने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त है. लोगों को एनडीआरएफ की मदद से राहत शिविरों तक लाया जा रहा है.
- लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए जिले के हेडक्वार्टर पर कंट्रोल रूम बनाया गया है.
- जिला कलेक्ट्रेट के संगम सभागार में बनाए गए नियंत्रण कक्ष में 24 तैनाती की गई हैं.
- नियंत्रण कक्ष में पिछले 24 घंटे के अंदर 100 से अधिक बाढ़ में फंसे लोगों ने मदद मांगी है.
- कंट्रोल रूम में सबसे अधिक नांव की मांग की गई है, जिससे लोग बाढ़ क्षेत्र से बाहर आ सकें.
- कंट्रोल रूम में बने कमांड सेंटर के माध्यम से स्वास्थ्य, राहत पैकेट पहुंचाने और बाढ़ में फंसे लोगों की सुरक्षा की सहायता मुहैया कराई जा रही है.
कंट्रोल रूम में तैनात राजस्व अधिकारी राकेश पांडेय ने बताया कि कट्रोल रूम अधिकतर लोग बाढ़ और जलस्तर की सूचना ले रहे हैं. लोगों की समस्याओं को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाकर उन्हें मदद दी जा रही है. कंट्रोल रूम में तैनात प्रयागराज विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी जतिन नाथ ने बताया कि कंट्रोल रूम के माध्यम से राहत शिविरों की व्यवस्था गई और वहां की साफ-सफाई पर विशेष नजर रखी जा रही है. इसके अलावा बाढ़ में फंसे लोगों को एनडीआरएफ के माध्यम से सुरक्षित निकाला जा रहा है.