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चार दिन, सौ गांव और चारों तरफ अंधेरा, जानिए क्यों - यूपी के 100 गांव अंधेरे में

उत्तर प्रदेश में गंगी नदी के कहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. गंगा नदी के पानी से पावर हाउस डूब गया है. इससे सौ से अधिक गांव अंधेरे में गुजर बसर करने को मजबूर हैं.

गंगा नदी के पानी से पवार हाउस डूबा.
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Published : Sep 19, 2019, 4:46 PM IST

प्रयागराज: संगम नगरी में गुरुवार की सुबह से ही गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. गोड़वा गांव में बने पवार हाउस डूब जाने से लगभग सौ से अधिक गांव अंधेरे में गुजर बसर करने को मजबूर हैं. वहीं दूसरी ओर पानी का दबाव अधिक होने से कई बिगहा खेत पानी में डूबकर बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं.

गंगा नदी के पानी से पवार हाउस डूबा.

सौ से अधिक गांव में बिजली आपूर्ति हुई बंद पानी बढ़ने से जनपद के निचले इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है. लोग खाने-पीने की सामग्री के साथ ही अंधेरे में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं. गांव वालों का कहना है कि पिछले चार दिनों से गांव में पानी भरा है लेकिन प्रशासन का कोई भी अमला सुध लेने नहीं आया है. वहीं दूसरी ओर गांव के कोटेदार मिट्टी का तेल नहीं दे रहे हैं. रात होने पर पूरा गांव अंधेरे में रहता है. गोड़वा गांव में बने पावर हाउस से लगभग सौ गांव की बिजली सप्लाई होती थी. पिछले चार दिनों से पूरा पावर हाउस डूब जाने से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है.

इस रफ्तार से बढ़ रहा है गंगा-यमुना का जलस्तर गंगा नदी फाफामऊ की ओर 85.10 सेंटीमीटर तक पहुंच गया है. छतनाग की तरफ जलस्तर पहुंचा 84.41 सेंटीमीटर तक पहुंचा. वहीं दूसरी ओर यमुना नदी नैनी की ओर 85.2 सेंटीमीटर तक पहुंच गया है. दोनों नदिया डेंजर लेवल से ऊपर बह रही हैं. नदियों का जलस्तर प्रति घंटे एक से डेढ़ सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. प्रशासन ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया है कि आने वाले छह दिनों तक गंगा-यमुना के जलस्तर में बढोतरी होगी. जलस्तर बढ़ने से प्रायगराज में बाढ़ आफत बन गई है.

सरकार सिर्फ करती है वादा गांव के निवासी सीताराम ने बताया कि इसके पहले भी कई बार बाढ़ का पानी गांव में आया था. उस समय वर्तमान सरकार ने तुरंत दूसरे जगह से पवार लेकर बिजली की व्यवस्था कराई थी. इस बार पिछले चार दिनों से बिजली और बाढ़ से परेशान हैं. गांव वालों की लंबे समय से मांग है कि पावर हाऊस को कहीं ऊंचे स्थान पर शिफ्ट कराया जाए लेकिन कई नेता मंत्री गांव में आए और वादा कर चले गए. अब बाढ़ आने से फिर गांव अंधेरे में डूब गया है.

प्रयागराज: संगम नगरी में गुरुवार की सुबह से ही गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. गोड़वा गांव में बने पवार हाउस डूब जाने से लगभग सौ से अधिक गांव अंधेरे में गुजर बसर करने को मजबूर हैं. वहीं दूसरी ओर पानी का दबाव अधिक होने से कई बिगहा खेत पानी में डूबकर बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं.

गंगा नदी के पानी से पवार हाउस डूबा.

सौ से अधिक गांव में बिजली आपूर्ति हुई बंद पानी बढ़ने से जनपद के निचले इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है. लोग खाने-पीने की सामग्री के साथ ही अंधेरे में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं. गांव वालों का कहना है कि पिछले चार दिनों से गांव में पानी भरा है लेकिन प्रशासन का कोई भी अमला सुध लेने नहीं आया है. वहीं दूसरी ओर गांव के कोटेदार मिट्टी का तेल नहीं दे रहे हैं. रात होने पर पूरा गांव अंधेरे में रहता है. गोड़वा गांव में बने पावर हाउस से लगभग सौ गांव की बिजली सप्लाई होती थी. पिछले चार दिनों से पूरा पावर हाउस डूब जाने से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है.

इस रफ्तार से बढ़ रहा है गंगा-यमुना का जलस्तर गंगा नदी फाफामऊ की ओर 85.10 सेंटीमीटर तक पहुंच गया है. छतनाग की तरफ जलस्तर पहुंचा 84.41 सेंटीमीटर तक पहुंचा. वहीं दूसरी ओर यमुना नदी नैनी की ओर 85.2 सेंटीमीटर तक पहुंच गया है. दोनों नदिया डेंजर लेवल से ऊपर बह रही हैं. नदियों का जलस्तर प्रति घंटे एक से डेढ़ सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. प्रशासन ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया है कि आने वाले छह दिनों तक गंगा-यमुना के जलस्तर में बढोतरी होगी. जलस्तर बढ़ने से प्रायगराज में बाढ़ आफत बन गई है.

सरकार सिर्फ करती है वादा गांव के निवासी सीताराम ने बताया कि इसके पहले भी कई बार बाढ़ का पानी गांव में आया था. उस समय वर्तमान सरकार ने तुरंत दूसरे जगह से पवार लेकर बिजली की व्यवस्था कराई थी. इस बार पिछले चार दिनों से बिजली और बाढ़ से परेशान हैं. गांव वालों की लंबे समय से मांग है कि पावर हाऊस को कहीं ऊंचे स्थान पर शिफ्ट कराया जाए लेकिन कई नेता मंत्री गांव में आए और वादा कर चले गए. अब बाढ़ आने से फिर गांव अंधेरे में डूब गया है.

Intro:प्रयागराज: बाढ़ के पानी से डूबा पवार हाउस, कई गांव अंधेरे में रहने को हुए मजदूर

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प्रयागराज: मध्यप्रदेश और राजस्थान के बांधों से छोड़े गए पानी का असर अब संगमनगरी के दोनों नदियों में देखने को मिल रहा है. गुरुवार की सुबह से ही दोनों नदिया खतरे के निशान को पार कर बहना शुरू कर दी है. नदियों से सटे कई गांवों में पानी घुस जाने से रहवासियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गोड़वा गांव में बने पवार हाउस डूब जाने से लगभग सौ से अधिक गांव अंधेरे में गुजर बसर करने को मजबूर है. वहीं दुसरी ओर पानी का दबाव अधिक होने से कई बिगहा खेत पानी मे डूबकर बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं. बाढ़ आने से गांव के चारों ओर जलभराव हो गया है जिससे लोगों आने जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.


Body:सौ गांव अधिक गांव में बिजली आपूर्ति हुई बंद

पानी बढ़ने से जनपद के निचले इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है. खाने-पीने की सामग्री के साथ ही अंधेरे में जिंदगी बिताने को मजबूर है. गांव वालों का कहना है पिछले चार दिनों से गाँव पानी भरा है लेकिन प्रशासन का कोई भी अमला हाल खबर लेने नहीं आया है. वहीं दूसरी ओर गांव के कोटेदार न तो मिट्टी का तेल नहीं दे रहे है. रात होने पर पूरा गांव अंधेरे में रहता है. गोड़वा गांव में बने पावर हाउस से लगभग सौ गांव की बिजली सप्लाई होती थी. लेकिन पिछले चार दिनों से पूरा पॉवर हाउस डूब जाने से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है.

इस रफ्तार से बढ़ रहा है दोनों गंगा-यमुना का जलस्तर

गंगा नदी फाफामऊ की ओर 85.10 सेंटीमीटर तक पहुंच गया है. छतनाग की तरफ जलस्तर पहुंचा 84.41 सेंटीमीटर तक पहुंचा. वहीं दूसरी ओर यमुना नदी नैनी की ओर 85.2 सेंटीमीटर तक पहुंच गया है. दोनों नदिया डेंजर लेवल को पार करके बहना शरू कर दी है. गंगा-यमुना दोनों प्रतिघंटे एक से डेढ़ सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है. प्रशासन ने प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए बताया है कि आने वाले छह दिनों तक गंगा यमुना जलस्तर में बढोत्तरी होगी. जलस्तर बढ़ने प्रायगराज में बाढ़ आफत बन गई है.




Conclusion:सरकार सिर्फ करती है वादा

गांव के निवासी सीताराम ने बताया कि इसके पहले भी कई बार बाढ़ का पानी गांव में आया था उस समय वर्तमान सरकार ने तुरंत दूसरे जगह से पवार लेकर बिजली का व्यवस्था कराई थीं. लेकिन इस बार पिछले चार दिनों से बिजली और बाढ़ से परेशान है. गांव वालों का लंबे समय से मांग है कि पॉवर हाऊस को कहीं ऊंचे स्थान पर शिफ्ट कराया जाए, लेकिन कई नेता मंत्री गांव में आए और वादा किये बस वादा ही राह गया. अब बाढ़ आने से फिर गांव अंधेरे में डूब गया.

गांव को है जानवरों से डर

गोड़वा गांव के निवासी अजय ने बताया कि दोनों नदियों में बाढ़ का पानी आने से निचले इलाकों के सभी गांव बाढ़ के पानी से डूब गया है. रात होते ही पानी के सहारे जीव जंतु आने से जान का खतरा है. इसी वजह पिछले चार दिनों से बच्चे से लेकर बड़े तक डर कर रहने को मजबूर है. अभी तक गांव में बिजली के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

बाईट-1- सीताराम, स्थानीय निवासी
बाईट-2- अजय यादव, स्थानीय निवासी

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