प्रयागराज: संगम नगरी में गुरुवार की सुबह से ही गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. गोड़वा गांव में बने पवार हाउस डूब जाने से लगभग सौ से अधिक गांव अंधेरे में गुजर बसर करने को मजबूर हैं. वहीं दूसरी ओर पानी का दबाव अधिक होने से कई बिगहा खेत पानी में डूबकर बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं.
सौ से अधिक गांव में बिजली आपूर्ति हुई बंद पानी बढ़ने से जनपद के निचले इलाकों में हाहाकार मचा हुआ है. लोग खाने-पीने की सामग्री के साथ ही अंधेरे में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं. गांव वालों का कहना है कि पिछले चार दिनों से गांव में पानी भरा है लेकिन प्रशासन का कोई भी अमला सुध लेने नहीं आया है. वहीं दूसरी ओर गांव के कोटेदार मिट्टी का तेल नहीं दे रहे हैं. रात होने पर पूरा गांव अंधेरे में रहता है. गोड़वा गांव में बने पावर हाउस से लगभग सौ गांव की बिजली सप्लाई होती थी. पिछले चार दिनों से पूरा पावर हाउस डूब जाने से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है.
इस रफ्तार से बढ़ रहा है गंगा-यमुना का जलस्तर गंगा नदी फाफामऊ की ओर 85.10 सेंटीमीटर तक पहुंच गया है. छतनाग की तरफ जलस्तर पहुंचा 84.41 सेंटीमीटर तक पहुंचा. वहीं दूसरी ओर यमुना नदी नैनी की ओर 85.2 सेंटीमीटर तक पहुंच गया है. दोनों नदिया डेंजर लेवल से ऊपर बह रही हैं. नदियों का जलस्तर प्रति घंटे एक से डेढ़ सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. प्रशासन ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया है कि आने वाले छह दिनों तक गंगा-यमुना के जलस्तर में बढोतरी होगी. जलस्तर बढ़ने से प्रायगराज में बाढ़ आफत बन गई है.
सरकार सिर्फ करती है वादा गांव के निवासी सीताराम ने बताया कि इसके पहले भी कई बार बाढ़ का पानी गांव में आया था. उस समय वर्तमान सरकार ने तुरंत दूसरे जगह से पवार लेकर बिजली की व्यवस्था कराई थी. इस बार पिछले चार दिनों से बिजली और बाढ़ से परेशान हैं. गांव वालों की लंबे समय से मांग है कि पावर हाऊस को कहीं ऊंचे स्थान पर शिफ्ट कराया जाए लेकिन कई नेता मंत्री गांव में आए और वादा कर चले गए. अब बाढ़ आने से फिर गांव अंधेरे में डूब गया है.