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नहीं है प्रशासन की परवाह, पराली जलाने में खाक हुआ धान का ढेर - paddy burns

प्रशासन की सख्ती के बाद भी फूलपुर कोतवाली के मोहम्मदाबाद उर्फ मैलहन गांव में लोगों ने खेतों में पराली जलाई. जिससे पास के ही खेत में रखा हुआ धान राख हो गया.

जलाई पराली, खाक हुआ धान
जलाई पराली, खाक हुआ धान
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Published : Nov 5, 2020, 8:23 AM IST

प्रयागराज : फूलपुर में लोगों ने प्रशासन के आदेशों की अनदेखी करते हुए खेत में रखी पराली को जला दिया. जिससे पास के खेत में रखा धान भी जलकर खाक हो गया. मामला मोहम्मदाबाद उर्फ मैलहन गांव का है. जबकि कृषि विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सेटेलाइट के जरिए पराली जलने की जानकारी पर उसी दिन मौके पर ही सत्यापन किया जायेगा. लेकिन जानकारी मिलने के बाद भी फूलपुर के अफसर चैन की नींद सो रहे हैं.

फूंकी गई पराली, जल गया धान

प्रशासन की मनाही के बाद भी मनबढ़ लोग मानने को तैयार नहीं हैं. मैलहन गांव में कुछ लोगों ने अपने खेतों में रखी पराली को जब आग लगाई. तो पास के ही किसान तुलसीराम यादव के खेतों में रखी धान की फसल आग में खाक हो गयी. जागरुकता की कमी की वजह से आज भी लोग इस कुप्रथा से उबर नहीं पा रहे हैं. हालांकि गांव के प्रधान धर्मपाल यादव ने घटना की जानकारी तहसीलदार, आरआई और लेखपाल को दे दी है. लेकिन प्रशासन ने जिम्मेदार शख्स के खिलाफ अभी तक एक्शन नहीं लिया है.

बढ़ते प्रदूषण से प्रर्यावरण को बचाने के लिए फसल अवशेष जलाने वालों के खिलाफ यूपी सरकार सख्त कदम उठाने की बात करती है. इसके लिए 2,500 रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है. लेकिन इसके बावजूद लोग पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे.

प्रयागराज : फूलपुर में लोगों ने प्रशासन के आदेशों की अनदेखी करते हुए खेत में रखी पराली को जला दिया. जिससे पास के खेत में रखा धान भी जलकर खाक हो गया. मामला मोहम्मदाबाद उर्फ मैलहन गांव का है. जबकि कृषि विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सेटेलाइट के जरिए पराली जलने की जानकारी पर उसी दिन मौके पर ही सत्यापन किया जायेगा. लेकिन जानकारी मिलने के बाद भी फूलपुर के अफसर चैन की नींद सो रहे हैं.

फूंकी गई पराली, जल गया धान

प्रशासन की मनाही के बाद भी मनबढ़ लोग मानने को तैयार नहीं हैं. मैलहन गांव में कुछ लोगों ने अपने खेतों में रखी पराली को जब आग लगाई. तो पास के ही किसान तुलसीराम यादव के खेतों में रखी धान की फसल आग में खाक हो गयी. जागरुकता की कमी की वजह से आज भी लोग इस कुप्रथा से उबर नहीं पा रहे हैं. हालांकि गांव के प्रधान धर्मपाल यादव ने घटना की जानकारी तहसीलदार, आरआई और लेखपाल को दे दी है. लेकिन प्रशासन ने जिम्मेदार शख्स के खिलाफ अभी तक एक्शन नहीं लिया है.

बढ़ते प्रदूषण से प्रर्यावरण को बचाने के लिए फसल अवशेष जलाने वालों के खिलाफ यूपी सरकार सख्त कदम उठाने की बात करती है. इसके लिए 2,500 रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है. लेकिन इसके बावजूद लोग पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे.

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