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HC ने तथ्य छिपाकर मृतक आश्रित कोटे में प्राप्त की गई नियुक्ति रद्द करने का दिया आदेश

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Published : Aug 24, 2022, 11:02 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने झूठ बोल कर और सच्चाई छुपाकर प्राप्त अनुकंपा नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तथ्य छिपाकर और झूठ बोलकर मृतक आश्रित कोटे में प्राप्त की गई अनुकंपा नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने बिना तथ्यों की सही तरीके से जांच किए अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश पारित करने के लिए अधिशासी अभियंता ट्यूबवेल डिविजन प्रयागराज के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है. कोर्ट ने सिंचाई विभाग को यह भी निर्देश दिया है कि वह मृतक कर्मचारी की विधवा से आवेदन लेकर नियमानुसार उसे अनुकंपा नियुक्ति देने की कार्रवाई सुनिश्चित करें.

याची सुनीता देवी द्वारा अपने नाबालिग पुत्र मोहित कुमार पांडे के मार्फत दाखिल याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने दिया. याची के पति राजेंद्र प्रसाद पांडे प्रयागराज के बघाड़ा में ट्यूबवेल ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे. राजेंद्र प्रसाद ने दो शादियां की थी, उनकी पहली पत्नी से पुत्र रोहित कुमार पांडे व एक पुत्री है. पहली पत्नी की मृत्यु हो जाने के बाद राजेंद्र प्रसाद ने याची सुनीता देवी से शादी की. सुनीता देवी से उनके के 5 बच्चे हुए. राजेंद्र प्रसाद की मृत्यु के बाद पहली पत्नी के बड़े पुत्र रोहित कुमार पांडे ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया. विभाग ने उसका आवेदन स्वीकार करते हुए 27 नवंबर 2021 को उसे अनुकंपा नियुक्ति दे दी.

इस नियुक्ति आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. सुनीता देवी की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि अनुकंपा नियुक्ति देने में नियमों का ध्यान नहीं रखा गया. मृतक की सर्विस बुक के रिकॉर्ड और अनुकंपा नियुक्ति संबंधी नियमों की भी अनदेखी की गई. नियुक्ति देने से पूर्व मृतक की विधवा व अन्य आश्रितों से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया जोकि कानूनन जरूरी है. इसी प्रकार से रोहित ने अपनी आयु के संबंध में भी गलत तथ्य दिए हैं तथा गलत जन्मतिथि के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की है.

यह भी पढ़ें:एलडीए के पूर्व सचिव की पत्नी का कॉम्प्लेक्स गिराए जाने पर रोक से हाईकोर्ट का इंकार

कोर्ट ने रिकॉर्ड पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर यह पाया कि रोहित कुमार पांडे को नियुक्ति देने में नियमों की अनदेखी की गई है. उसने अपने संबंध में तथ्य छिपा कर व झूठ बोल कर के नियुक्ति प्राप्त की है. कोर्ट ने सुनीता देवी की याचिका स्वीकार करते हुए रोहित कुमार पांडे की नियुक्ति का आदेश रद्द कर दिया है. बिना तथ्यों की जांच किए नियुक्ति देने के मामले में अधिशासी अभियंता ट्यूबवेल डिवीजन प्रथम प्रयागराज के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा है.कोर्ट ने आदेश के प्रति प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग को भेजने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें:तथ्य छुपाकर नौकरी करने वाले बर्खास्त शिक्षक को हाईकोर्ट से राहत

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तथ्य छिपाकर और झूठ बोलकर मृतक आश्रित कोटे में प्राप्त की गई अनुकंपा नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने बिना तथ्यों की सही तरीके से जांच किए अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश पारित करने के लिए अधिशासी अभियंता ट्यूबवेल डिविजन प्रयागराज के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है. कोर्ट ने सिंचाई विभाग को यह भी निर्देश दिया है कि वह मृतक कर्मचारी की विधवा से आवेदन लेकर नियमानुसार उसे अनुकंपा नियुक्ति देने की कार्रवाई सुनिश्चित करें.

याची सुनीता देवी द्वारा अपने नाबालिग पुत्र मोहित कुमार पांडे के मार्फत दाखिल याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने दिया. याची के पति राजेंद्र प्रसाद पांडे प्रयागराज के बघाड़ा में ट्यूबवेल ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे. राजेंद्र प्रसाद ने दो शादियां की थी, उनकी पहली पत्नी से पुत्र रोहित कुमार पांडे व एक पुत्री है. पहली पत्नी की मृत्यु हो जाने के बाद राजेंद्र प्रसाद ने याची सुनीता देवी से शादी की. सुनीता देवी से उनके के 5 बच्चे हुए. राजेंद्र प्रसाद की मृत्यु के बाद पहली पत्नी के बड़े पुत्र रोहित कुमार पांडे ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया. विभाग ने उसका आवेदन स्वीकार करते हुए 27 नवंबर 2021 को उसे अनुकंपा नियुक्ति दे दी.

इस नियुक्ति आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. सुनीता देवी की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि अनुकंपा नियुक्ति देने में नियमों का ध्यान नहीं रखा गया. मृतक की सर्विस बुक के रिकॉर्ड और अनुकंपा नियुक्ति संबंधी नियमों की भी अनदेखी की गई. नियुक्ति देने से पूर्व मृतक की विधवा व अन्य आश्रितों से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया जोकि कानूनन जरूरी है. इसी प्रकार से रोहित ने अपनी आयु के संबंध में भी गलत तथ्य दिए हैं तथा गलत जन्मतिथि के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की है.

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कोर्ट ने रिकॉर्ड पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर यह पाया कि रोहित कुमार पांडे को नियुक्ति देने में नियमों की अनदेखी की गई है. उसने अपने संबंध में तथ्य छिपा कर व झूठ बोल कर के नियुक्ति प्राप्त की है. कोर्ट ने सुनीता देवी की याचिका स्वीकार करते हुए रोहित कुमार पांडे की नियुक्ति का आदेश रद्द कर दिया है. बिना तथ्यों की जांच किए नियुक्ति देने के मामले में अधिशासी अभियंता ट्यूबवेल डिवीजन प्रथम प्रयागराज के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा है.कोर्ट ने आदेश के प्रति प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग को भेजने का निर्देश दिया है.

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