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अधिकरण निरर्थक लॉलीपॉप: अमरेन्द्र नाथ सिंह

राज्य शिक्षा सेवा अधिकरण के खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का विरोध जारी है. सोमवार को सामाजिक, राजनीतिक, व्यापारिक और छात्र संगठनों के साथ बैठक के बाद शिक्षक व जन विरोधी कानून के विरोध की रणनीति तैयार होगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Feb 28, 2021, 9:43 PM IST

प्रयागराज: राज्य शिक्षा सेवा अधिकरण के खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का विरोध जारी है. सोमवार को सामाजिक, राजनीतिक, व्यापारिक और छात्र संगठनों के साथ बैठक के बाद शिक्षक व जन विरोधी कानून के विरोध की रणनीति तैयार होगी. यह जानकारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह ने एसोसिएशन के पुस्तकालय हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि अधिकरण निरर्थक लॉलीपॉप है. सेवानिवृत्त नौकरशाही की सुविधा के लिए है. शिक्षकों को इससे न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. यह न्याय व्यवस्था को कमजोर करने का कुचक्र है.

अमरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा कि अभी तक के अधिकरण न्याय देने में विफल साबित हुए है. सरकार हाईकोर्ट के खाली पदों को भरने के बजाय नौकरशाही को न्याय सौंपने में जुटी है. अधिकरण को तीन दिन लखनऊ में बैठाकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधानपीठ के क्षेत्राधिकार की अपरोक्ष कटौती करने पर सरकार नौकरशाही के इशारे पर काम कर रही है.

महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने कहा कि नौकरशाही के चंगुल से सरकार को मुक्त कराने एवं न्याय की व्यवस्था में दखल खत्म करने के लिए अधिवक्ता आन्दोलन कर रहे हैं. सरकार एक-एक कर प्रयागराज से सरकारी मुख्यालय हटाती जा रही है. इससे शहर की अस्मिता का प्रश्न खड़ा हो गया है. उन्होंने एक उप मुख्यमंत्री, दो कैबिनेट मंत्री की चुप्पी पर कटाक्ष किया और उनके रवैये की निंदा की. उन्होंने कहा कि शहर के व्यापार को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. यह न्याय व्यवस्था पर कुठाराघात है.

मुख्य न्यायाधीश का प्रयागराज आगमन दो मार्च को

प्रयागराज: प्रदेश में शिक्षा सेवा अधिकरण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ पीठ के अधिवक्ता पिछले कई दिन से कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. इससे न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहा है. इस स्थिति को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने अपना अवकाश स्थगित कर दिया है और दो मार्च को प्रयागराज आ रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से इस मुद्दे पर बातकर गतिरोध दूर करने का प्रयास करेंगे. इसकी जानकारी निबंधक शिष्टाचार आशीष श्रीवास्तव ने दी.

प्रयागराज: राज्य शिक्षा सेवा अधिकरण के खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का विरोध जारी है. सोमवार को सामाजिक, राजनीतिक, व्यापारिक और छात्र संगठनों के साथ बैठक के बाद शिक्षक व जन विरोधी कानून के विरोध की रणनीति तैयार होगी. यह जानकारी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह ने एसोसिएशन के पुस्तकालय हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि अधिकरण निरर्थक लॉलीपॉप है. सेवानिवृत्त नौकरशाही की सुविधा के लिए है. शिक्षकों को इससे न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. यह न्याय व्यवस्था को कमजोर करने का कुचक्र है.

अमरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा कि अभी तक के अधिकरण न्याय देने में विफल साबित हुए है. सरकार हाईकोर्ट के खाली पदों को भरने के बजाय नौकरशाही को न्याय सौंपने में जुटी है. अधिकरण को तीन दिन लखनऊ में बैठाकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधानपीठ के क्षेत्राधिकार की अपरोक्ष कटौती करने पर सरकार नौकरशाही के इशारे पर काम कर रही है.

महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने कहा कि नौकरशाही के चंगुल से सरकार को मुक्त कराने एवं न्याय की व्यवस्था में दखल खत्म करने के लिए अधिवक्ता आन्दोलन कर रहे हैं. सरकार एक-एक कर प्रयागराज से सरकारी मुख्यालय हटाती जा रही है. इससे शहर की अस्मिता का प्रश्न खड़ा हो गया है. उन्होंने एक उप मुख्यमंत्री, दो कैबिनेट मंत्री की चुप्पी पर कटाक्ष किया और उनके रवैये की निंदा की. उन्होंने कहा कि शहर के व्यापार को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. यह न्याय व्यवस्था पर कुठाराघात है.

मुख्य न्यायाधीश का प्रयागराज आगमन दो मार्च को

प्रयागराज: प्रदेश में शिक्षा सेवा अधिकरण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ पीठ के अधिवक्ता पिछले कई दिन से कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. इससे न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहा है. इस स्थिति को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने अपना अवकाश स्थगित कर दिया है और दो मार्च को प्रयागराज आ रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से इस मुद्दे पर बातकर गतिरोध दूर करने का प्रयास करेंगे. इसकी जानकारी निबंधक शिष्टाचार आशीष श्रीवास्तव ने दी.

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