प्रयागराज: चैत्र नवरात्र से लेकर शारदीय नवरात्रि तक प्रयागराज के तीन प्रमुख मां कल्याणी देवी, मां ललिता देवी व अलोपशंकरी मंदिर में मत्था टेकने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. लेकिन खासतौर से चलने फिरने में असमर्थ बुजुर्गों और दिव्यांगों को माता रानी का दर्शन मुश्किल से हो पाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. बड़े बुजुर्गों और दिव्यांगजनों या बाहर रहने वालों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब उनके लिए माता रानी का दर्शन करना बेहद आसान हो गया है. अब वो भक्त जो मां कल्याणी का दर्शन नहीं पाते थे, वे भी अब ऑनलाइन माध्यम से मां कल्याणी का दर्शन कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित तीन प्रमुख मंदिरों में से एक शक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर अपने आधुनिक स्वरूप के साथ माता रानी के दरबार को पूरी तरह से हाईटेक कर दिया है. आप को बता दें कि अब मां कल्याणी का दर्शन वेबसाइट के जरिए भी किया जा सकता है. इतना ही नहीं यहां माता रानी के श्रृंगार से लेकर आरती व इतिहास की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी. साथ ही आनलाइन प्रसाद और मां कल्याणी के दर्शन की भी सुविधा भक्तों को मुहैया कराई जा रही है.
भक्तों को ये मिलेगी सुविधाएं
- नवरात्र में मंदिर के कपाट खुलने व बंद होने का समय.
- प्रतिदिन होने वाले श्रृंगार की आरती का विडियो.
- आनलाइन प्रसाद मंगवाने की व्यवस्था.
- साल भर परिसर में होने वाले आयोजनों का विवरण.
- जो भक्त बाहर रहते या यहां तक नहीं आ पाते
- वो भी घर से ही पूजा पाठ करा सकते है.
वहीं, शक्तिपीठ मां कल्याणी के अध्यक्ष सुशील पाठक ने बताया कि मां कल्याणी का दर्शन अब हमारे वेबसाइट के जरिए भी भक्त कर सकते हैं या अधिक जानकारी के लिए भक्त मंदिर प्रबंधन से भी संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने ऑनलाइन दर्शन को आने वाले भक्तों के पूजा-पाठ की व्यवस्था के पृथक इंतजाम होने की भी जानकारी दी. साथ ही ये भी बताया कि जिन भक्तों को मां कल्याणी का नवरात्र में पूजन, अनुष्ठान, पाठ दुर्गा सप्तशती का करना हो या ऑनलाइन संकल्प करना हो तो इसकी भी व्यवस्था है. आगे उन्होंने कहा कि पूजा के बाद भक्तों को उनके बताए गए पते पर कोरियर से प्रसाद भेज दिया जाता है.
वहीं, ऑनलाइन वेबसाइट बनाने के उद्देश्य पर शक्तिपीठ मां कल्याणी के अध्यक्ष ने कहा कि हम उन भक्तों को भी मां के दर्शन करना चाहते थे, जो किसी भी कारण से यहां आने में असमर्थ थे. इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति को हमने आधुनिकता के तकनीकी मार्ग को चुना और आज भारी संख्या में ऐसे भक्त आए दिन वेबसाइट पर आ रहे हैं और माता रानी का दर्शन कर रहे हैं.